Forward from: 『🖊️🖋️कलम-ए-इश्क🖋️🖊️』
•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
थोड़ा सा अजीब है,
खुद को समझ नहीं पाता है।।
कभी कभी खुद की भावनाए,
वो दूसरो कि बता कर सबको सुनाता है।।
हर बार वो खुद को मजबूत बताकर,
खुद अंदर ही अंदर सहता जाता है।।
वो यूं तो सबको अपना कहता नहीं,
मगर एक बार जिसको अपना कह दिया
तो उससे दूर कभी जाता नहीं।।
दिल का नहीं पता कैसा है वो,
मगर वो दिल का बुरा बन पाता नहीं।।
खुद को विलेन कहता है अपनी जिंदगी का वो,
वो दूसरो को अपनी जिंदगी का विलेन बनाता नहीं।।
Dedicated to Lafj-Ae-Prashant😊
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
थोड़ा सा अजीब है,
खुद को समझ नहीं पाता है।।
कभी कभी खुद की भावनाए,
वो दूसरो कि बता कर सबको सुनाता है।।
हर बार वो खुद को मजबूत बताकर,
खुद अंदर ही अंदर सहता जाता है।।
वो यूं तो सबको अपना कहता नहीं,
मगर एक बार जिसको अपना कह दिया
तो उससे दूर कभी जाता नहीं।।
दिल का नहीं पता कैसा है वो,
मगर वो दिल का बुरा बन पाता नहीं।।
खुद को विलेन कहता है अपनी जिंदगी का वो,
वो दूसरो को अपनी जिंदगी का विलेन बनाता नहीं।।
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