दोस्तो, किस तरह मैंने अपनी हॉट आंटी को सेक्स का मजा दिया. उन्हें चोद कर संतुष्ट किया. इस कहानी में इस चुदाई का वर्णन है. हमने शावर ने नीचे नहाते हुए भी चोदन किया.
दोस्तो, किस तरह मैंने अपनी हॉट आंटी को शॉवर सेक्स का मजा दिया. उन्हें चोद कर संतुष्ट किया. इस कहानी में इस चुदाई का वर्णन है.
मेरा नाम प्रकाश है. मैं रायगढ़ छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और मैं दिखने में स्मार्ट व हैंडसम दिखता हूँ. मेरी हाइट 6 फिट है. मेरा लंड किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को चुदाई का पूरा मजा देने के काबिल है.
आंटी को जो सुख अपनी शादी के इतने सालों में ना मिला था, वो मैंने उन्हें 3 महीने चोद कर दिया था. मैंने उनको परमसुख और संतुष्टि दिला दी थी.
तो दोस्तो, मैं कुछ काम के सिलसिले में आंटी के घर गया हुआ था. उनके घर जाना आना मुझे बहुत अच्छा लगता था … जिस वजह से मैं उनके घर अक्सर जाया करता था. आंटी का स्वभाव बहुत ही अच्छा था और आंटी भी बहुत मस्त व हॉट माल थीं. मेरा दावा है कि कोई एक बार उन्हें देख भर ले, तो वो अपने लंड पर हाथ न रगड़ने लगे, तो कहिएगा.
आंटी अपने कपड़े गहरे गले के पहनती थीं, इसलिए उनके मम्मों की दरार हमेशा साफ़ दिखती थी. उनके मम्मों की दूधिया घाटी देख कर उनके दोनों मम्मों को पकड़ कर चूसने और निचोड़ लेने का मन कर होने लगता था. आंटी की गांड की तो बात ही अलग थी. जब वो चलती थीं, तो गांड इस तरह ऊपर नीचे होती थी कि किसी का भी लंड पानी छोड़ दे.
आंटी के पति एक प्राइवेट जॉब में थे. उनके दो बच्चे थे. एक की शादी हो गयी थी और दूसरा स्कूल में पढ़ाई कर रहा था.
शुरू में मेरे मन में कभी उनके लिए कोई गलत विचार नहीं थे. चूंकि मेरा उनके साथ घर जैसा व्यवहार भी था, तो मैंने उनके बारे में कभी गलत नहीं सोचा था.
मेरा अपने घर पर कुछ दिनों से मन नहीं लग रहा था, तो मैंने सब बात आंटी से शेयर की.
आंटी बोलीं- कुछ दिन यहां रहने आ जाओ.
मैंने घर पर बात की, तो घर वाले मान गए.
फिर आंटी का भी अच्छा व्यवहार होने के कारण मैंने सोचा कि कुछ दिन आंटी के घर रह लेता हूँ, तो हो सकता है कि मेरा मन बहल जाए. मैं 3 महीने के लिए आंटी के घर शिफ्ट हो गया. आंटी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं. ऐसे ही आंटी से बात करते करते मैं उनसे और ज्यादा घुल मिल गया था.
उनके पति सुबह आफिस चले जाते थे. बेटा स्कूल चला जाता था. मेरी आदत देरी से उठने की थी, तो मैं देर से ही उठता था. चूंकि मेरा कमरा मुझे अलग मिला था, तो कोई दिक्कत नहीं थी.
एक दिन वो काम करते हुए टेबल से गिर गईं, उनकी हाथ में अंदरूनी चोट लग गयी.
आंटी ने मुझसे कहा- आयोडेक्स लगा दो … मेरे हाथों में बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने बैठ कर आयोडेक्स लगाना शुरू किया. चूंकि चोट उनके कंधे में भी लगी थी, तो उन्होंने उधर भी आयोडेक्स लगा देने को कहा. आंटी ने इस वक्त एक स्लीवलैस गाउन पहना हुआ था.
मैं आंटी के जिस्म की मालिश करने लगा. इसी दौरान मेरे हाथों से कई बार उनकी चूचियां टच हो रही थीं.
उन्होंने भी शायद इस बात पर कोई गौर नहीं किया. मेरे मन में भी कुछ गलत नहीं था. मैंने भी अच्छे मन से मालिश कर दी. उनको आराम मिल गया.
फिर उनको एक और प्रॉब्लम थी. रात होते ही उनके सिर में बहुत दर्द शुरू हो जाता था. आंटी के इस सिर दर्द से उनके घर में हर कोई परेशान था. क्योंकि सिरदर्द शुरू होने के बाद वो सो नहीं पाती थीं.
मेरे हाथ से मालिश करवा कर आंटी को अच्छा लगा, तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे मालिश से मुझे हाथों में बहुत आराम मिल गया है. क्या तुम मेरे सिर भी मालिश कर दोगे?
मैंने बोला- हां आंटी बिल्कुल कर दूंगा.
मैंने आंटी के सर की मालिश करना शुरू कर दिया. उनके सिर को सहलाते हुए प्यार से मालिश करने लगा. मैंने उनके बाजू में ही बैठ गया और उनके सर की मालिश करने लगा.
उनको इससे बहुत आराम मिला. वो वहीं मेरे बगल में ही लेटे लेटे सो गईं.
अब उनके पति और बेटे ने मुझसे कहा- उनको ऐसे ही सोने दो, वैसे ही उनको नींद नहीं आती है, उनको उठाना मत.
वो दोनों सोने चले गए.
मैं भी उनके बगल में लेट गया.
फिर अचानक रात को उन्हें दर्द होने लगा, तो मैंने उठकर फिर से हाथ से प्यार से सहलाने लगा और उन्हें सुलाने लगा. फिर भी उनके अन्दर अजीब सी हालत होने लगी. मैंने उनको संभाला और न जाने क्या हुआ कि मैंने आंटी को जोर से अपने गले से लगा लिया.
आंटी ने भी मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया. मेरा तो इससे बुरा हाल हो गया. इसके बाद मैंने उन्हें चूमना स्टार्ट कर दिया, उनके माथे में, होंठों में, गालों में चूमते हुए मैं उनको प्यार करने लगा.
आंटी को भी अच्छा लग रहा था. मैंने उन्हें कान के पास चूमना शुरू किया, तो आंटी हॉट होने लगीं. मैं तो पहले ही गर्म हो चुका था. मैंने इस वक्त शॉर्ट्स पहना हुआ था, तो मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.
दोस्तो, किस तरह मैंने अपनी हॉट आंटी को शॉवर सेक्स का मजा दिया. उन्हें चोद कर संतुष्ट किया. इस कहानी में इस चुदाई का वर्णन है.
मेरा नाम प्रकाश है. मैं रायगढ़ छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और मैं दिखने में स्मार्ट व हैंडसम दिखता हूँ. मेरी हाइट 6 फिट है. मेरा लंड किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को चुदाई का पूरा मजा देने के काबिल है.
आंटी को जो सुख अपनी शादी के इतने सालों में ना मिला था, वो मैंने उन्हें 3 महीने चोद कर दिया था. मैंने उनको परमसुख और संतुष्टि दिला दी थी.
तो दोस्तो, मैं कुछ काम के सिलसिले में आंटी के घर गया हुआ था. उनके घर जाना आना मुझे बहुत अच्छा लगता था … जिस वजह से मैं उनके घर अक्सर जाया करता था. आंटी का स्वभाव बहुत ही अच्छा था और आंटी भी बहुत मस्त व हॉट माल थीं. मेरा दावा है कि कोई एक बार उन्हें देख भर ले, तो वो अपने लंड पर हाथ न रगड़ने लगे, तो कहिएगा.
आंटी अपने कपड़े गहरे गले के पहनती थीं, इसलिए उनके मम्मों की दरार हमेशा साफ़ दिखती थी. उनके मम्मों की दूधिया घाटी देख कर उनके दोनों मम्मों को पकड़ कर चूसने और निचोड़ लेने का मन कर होने लगता था. आंटी की गांड की तो बात ही अलग थी. जब वो चलती थीं, तो गांड इस तरह ऊपर नीचे होती थी कि किसी का भी लंड पानी छोड़ दे.
आंटी के पति एक प्राइवेट जॉब में थे. उनके दो बच्चे थे. एक की शादी हो गयी थी और दूसरा स्कूल में पढ़ाई कर रहा था.
शुरू में मेरे मन में कभी उनके लिए कोई गलत विचार नहीं थे. चूंकि मेरा उनके साथ घर जैसा व्यवहार भी था, तो मैंने उनके बारे में कभी गलत नहीं सोचा था.
मेरा अपने घर पर कुछ दिनों से मन नहीं लग रहा था, तो मैंने सब बात आंटी से शेयर की.
आंटी बोलीं- कुछ दिन यहां रहने आ जाओ.
मैंने घर पर बात की, तो घर वाले मान गए.
फिर आंटी का भी अच्छा व्यवहार होने के कारण मैंने सोचा कि कुछ दिन आंटी के घर रह लेता हूँ, तो हो सकता है कि मेरा मन बहल जाए. मैं 3 महीने के लिए आंटी के घर शिफ्ट हो गया. आंटी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं. ऐसे ही आंटी से बात करते करते मैं उनसे और ज्यादा घुल मिल गया था.
उनके पति सुबह आफिस चले जाते थे. बेटा स्कूल चला जाता था. मेरी आदत देरी से उठने की थी, तो मैं देर से ही उठता था. चूंकि मेरा कमरा मुझे अलग मिला था, तो कोई दिक्कत नहीं थी.
एक दिन वो काम करते हुए टेबल से गिर गईं, उनकी हाथ में अंदरूनी चोट लग गयी.
आंटी ने मुझसे कहा- आयोडेक्स लगा दो … मेरे हाथों में बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने बैठ कर आयोडेक्स लगाना शुरू किया. चूंकि चोट उनके कंधे में भी लगी थी, तो उन्होंने उधर भी आयोडेक्स लगा देने को कहा. आंटी ने इस वक्त एक स्लीवलैस गाउन पहना हुआ था.
मैं आंटी के जिस्म की मालिश करने लगा. इसी दौरान मेरे हाथों से कई बार उनकी चूचियां टच हो रही थीं.
उन्होंने भी शायद इस बात पर कोई गौर नहीं किया. मेरे मन में भी कुछ गलत नहीं था. मैंने भी अच्छे मन से मालिश कर दी. उनको आराम मिल गया.
फिर उनको एक और प्रॉब्लम थी. रात होते ही उनके सिर में बहुत दर्द शुरू हो जाता था. आंटी के इस सिर दर्द से उनके घर में हर कोई परेशान था. क्योंकि सिरदर्द शुरू होने के बाद वो सो नहीं पाती थीं.
मेरे हाथ से मालिश करवा कर आंटी को अच्छा लगा, तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे मालिश से मुझे हाथों में बहुत आराम मिल गया है. क्या तुम मेरे सिर भी मालिश कर दोगे?
मैंने बोला- हां आंटी बिल्कुल कर दूंगा.
मैंने आंटी के सर की मालिश करना शुरू कर दिया. उनके सिर को सहलाते हुए प्यार से मालिश करने लगा. मैंने उनके बाजू में ही बैठ गया और उनके सर की मालिश करने लगा.
उनको इससे बहुत आराम मिला. वो वहीं मेरे बगल में ही लेटे लेटे सो गईं.
अब उनके पति और बेटे ने मुझसे कहा- उनको ऐसे ही सोने दो, वैसे ही उनको नींद नहीं आती है, उनको उठाना मत.
वो दोनों सोने चले गए.
मैं भी उनके बगल में लेट गया.
फिर अचानक रात को उन्हें दर्द होने लगा, तो मैंने उठकर फिर से हाथ से प्यार से सहलाने लगा और उन्हें सुलाने लगा. फिर भी उनके अन्दर अजीब सी हालत होने लगी. मैंने उनको संभाला और न जाने क्या हुआ कि मैंने आंटी को जोर से अपने गले से लगा लिया.
आंटी ने भी मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया. मेरा तो इससे बुरा हाल हो गया. इसके बाद मैंने उन्हें चूमना स्टार्ट कर दिया, उनके माथे में, होंठों में, गालों में चूमते हुए मैं उनको प्यार करने लगा.
आंटी को भी अच्छा लग रहा था. मैंने उन्हें कान के पास चूमना शुरू किया, तो आंटी हॉट होने लगीं. मैं तो पहले ही गर्म हो चुका था. मैंने इस वक्त शॉर्ट्स पहना हुआ था, तो मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.