❝आदर्श सुविचार❞


Гео и язык канала: не указан, не указан
Категория: не указана


इस चैनल में प्रेरणादायक कहानियां , धार्मिक और सामाजिक कहानियां, पुस्तके इत्यादि।
सुविचार, अनमोल विचार, प्रेरणादायक विचार एवं महापुरषों के विचार और सफलता के मूल मंत्र आदि
(भेजी जाएगी...)
Contact admin ☞ @AadarshSuvichar_bot

Связанные каналы

Гео и язык канала
не указан, не указан
Категория
не указана
Статистика
Фильтр публикаций


सुविचार🙏....🎋🌾

❝आपका सच्चा मित्र वही है, जिसके शत्रु भी वही हैं जो आपके हैं।❞
- अब्राहम लिंकन✍

-------------------------------------------------
🍃 | आज का दिन विशेष | 🍂
-------------------------------------------------
• दिनांक :- ३० जुलाई २०२०
• दिन :- गुरुवार

• प्रमुख घटना:-
--------------------

भारत के चुनाव आयोग ने राजद की राष्ट्रीय दल की तथा झारखंड में जदयू, मध्यप्रदेश तथा उत्तराखंड में सपा की राज्यस्तरीय दल की मान्यता समाप्त कर दी।

2018 - को असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा और अंतिम मसौदा जारी किया गया।

• जन्म:-
--------------------

भारत की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और पद्म भूषण सम्मानित मुत्तू लक्ष्मी रेड्डी का जन्म 30 जुलाई 1886 को हुआ था.

• निधन:-
--------------------



Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
═══════════════════════




New motivation video link out


अनमोल विचार🙏....🎋🌾

दुनिया में कोई भी चीज़
कितनी भी कीमती क्यों
न हो। परन्तु....
नींद,शांति,और आनन्द
से बढ़कर कुछ भी नही।

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂
═════════════════════






सुविचार🙏....🎋🌾

❝अगर आप शांति-प्रिय है, तो लोकप्रिय होने से बचिए।❞
- अब्राहम लिंकन✍

-------------------------------------------------
🍃 | आज का दिन विशेष | 🍂
-------------------------------------------------
• दिनांक :- २९ जुलाई २०२०
• दिन :- बुधवार

• प्रमुख घटना:-
--------------------

1748- र्इस्ट इंडिया कंपनी की सहायता के लिये ब्रिटिश सेना की पहली सैन्य टुकड़ी भारत पहुंची.

1941- ईसवी को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के घटक जापान ने चीन और भारत पर अधिकार करने के लिए अपने सैनिक इस क्षेत्र के दक्षिणी तट पर उतारे.

• जन्म:-
--------------------

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित तेलुगु भाषा के प्रख्यात कवि सी. नारायण रेड्डी का जन्म 29 जुलाई 1931 को हुआ था

• निधन:-
--------------------

प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री और स्वाधीनता सेनानी ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का निधन 29 जुलाई 1891 को हुआ था।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम' में योगदान देने वाली प्रमुख महिलाओं में से एक अरुणा आसफ़ अली का निधन 29 जुलाई 1996 को हुआ था। 

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
═══════════════════════






Goodmorning




अनमोल विचार🙏....🎋🌾

ज़िंदगी तो कठिनाइयों का रास्ता है, मंजिल अपनी कुछ ख़ास रखना,

सफलता जरूर मिलेगी, बस इरादे नेक और हौसले बेहिसाब रखना..

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂
═════════════════════










🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂-------------------------------------------------

📖 प्रेरणादायक कहानी 📖


कहानी:- सब कुछ तुम्हारे हाथ में है !!
-------------------------------------------------

शिकायत करने पर हिंदी कहानी


एक आदमी रेगिस्तान से गुजरते वक़्त बुदबुदा रहा था, “कितनी बेकार जगह है ये, बिलकुल भी हरियाली नहीं है…और हो भी कैसे सकती है यहाँ तो पानी का नामो-निशान भी नहीं है.” तपती रेत में वो जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था उसका गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था. अंत में वो आसमान की तरफ देख झल्लाते हुए बोला- क्या भगवान आप यहाँ पानी क्यों नहीं देते? अगर यहाँ पानी होता तो कोई भी यहाँ पेड़-पौधे उगा सकता था, और तब ये जगह भी कितनी खूबसूरत बन जाती!

ऐसा बोल कर वह आसमान की तरफ ही देखता रहा…मानो वो भगवान के उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हो! तभी एक चमत्कार होता है, नज़र झुकाते ही उसे सामने एक कुंआ नज़र आता है! वह उस इलाके में बरसों से आ-जा रहा था पर आज तक उसे वहां कोई कुँआ नहीं दिखा था… वह आश्चर्य में पड़ गया और दौड़ कर कुएं के पास गया… कुंआ लबा-लब पानी से भरा था।

उसने एक बार फिर आसमान की तरफ देखा और पानी के लिए धन्यवाद करने की बजाय बोला, “पानी तो ठीक है लेकिन इसे निकालने के लिए कोई उपाय भी तो होना चाहिए.” उसका ऐसा कहना था कि उसे कुँएं के बगल में पड़ी रस्सी और बाल्टी दिख गयी. एक बार फिर उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ! वह कुछ घबराहट के साथ आसमान की ओर देख कर बोला, “लेकिन मैं ये पानी ढोउंगा कैसे?”

तभी उसे महसूस होता है कि कोई उसे पीछे से छू रहा है, पलट कर देखा तो एक ऊंट उसके पीछे खड़ा था! अब वह आदमी अब एकदम घबड़ा जाता है, उसे लगता है कि कहीं वो रेगिस्तान में हरियाली लाने के काम में ना फंस जाए और इस बार वो आसमान की तरफ देखे बिना तेज क़दमों से आगे बढ़ने लगता है. अभी उसने दो-चार कदम ही बढ़ाया था कि उड़ता हुआ पेपर का एक टुकड़ा उससे आकर चिपक जाता है.

उस टुकड़े पर लिखा होता है – मैंने तुम्हे पानी दिया, बाल्टी और रस्सी दी…पानी ढोने का साधन भी दिया, अब तुम्हारे पास वो हर एक चीज है जो तुम्हे रेगिस्तान को हरा-भरा बनाने के लिए चाहिए; अब सब कुछ तुम्हारे हाथ में है! आदमी एक क्षण के लिए ठहरा… पर अगले ही पल वह आगे बढ़ गया और रेगिस्तान कभी भी हरा-भरा नहीं बन पाया।

शिक्षा:-
Friends, कई बार हम चीजों के अपने मन मुताबिक न होने पर दूसरों को दोष देते हैं…कभी हम सरकार को दोषी ठहराते हैं, कभी अपने पेरेंट्स को, कभी कम्पनी को तो कभी भगवान को. पर इस Blame-Game के चक्कर में हम इस important fact को ignore कर देते हैं कि एक इंसान होने के नाते हममें वो शक्ति है कि हम अपने सभी सपनो को खुद साकार कर सकते हैं।

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
═══════════════════════


सुविचार🙏....🎋🌾

❝अपने दुश्मनों को मिटाने का सबसे अच्छा और बेहतरीन तरीका यह है कि आप उन्हें अपना दोस्त बना लें।❞
- अब्राहम लिंकन✍

-------------------------------------------------
🍃 | आज का दिन विशेष |🍂
-------------------------------------------------
• दिनांक :- २८ जुलाई २०२०
• दिन :- मंगलवार

• प्रमुख घटना:-
--------------------

2018 - को भारत सरकार ने हैपेटाइटिस दिवस पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय वायरल हैपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की।

2018 - को मेघालय की राजधानी शिलंग में जैव-संसाधन और स्‍थायी विकास संस्थान का उद्घाटन किया गया।

• जन्म:-
--------------------

उंगलियों के निशान को पहचान बनाने वाले ब्रिटिश विलियम जेम्‍स हर्शेल का जन्म 28 जुलाई 1858 को हुआ था. 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर का जन्म 28 जुलाई 1927 को हुआ था.

• निधन:-
--------------------

भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी' के नेता  चारू मजूमदार का निधन 28 जुलाई 1972 को हुआ था. 

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
═══════════════════════


🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂-------------------------------------------------

📖 प्रेरणादायक कहानी 📖

रमेश चंद्र शर्मा, जो पंजाब के 'खन्ना' नामक शहर में एक मेडिकल स्टोर चलाते थे, उन्होंने अपने जीवन का एक पृष्ठ खोल कर सुनाया जो पाठकों की आँखें भी खोल सकता है और शायद उस पाप से, जिस में वह भागीदार बना, उस से बचा सकता है।

रमेश चंद्र शर्मा का पंजाब के 'खन्ना' नामक शहर में एक मेडिकल स्टोर था जो कि अपने स्थान के कारण काफी पुराना और अच्छी स्थिति में था। लेकिन जैसे कि कहा जाता है कि धन एक व्यक्ति के दिमाग को भ्रष्ट कर देता है और यही बात रमेश चंद्र जी के साथ भी घटित हुई।

रमेश जी बताते हैं कि मेरा मेडिकल स्टोर बहुत अच्छी तरह से चलता था और मेरी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी थी। अपनी कमाई से मैंने जमीन और कुछ प्लॉट खरीदे और अपने मेडिकल स्टोर के साथ एक क्लीनिकल लेबोरेटरी भी खोल ली। लेकिन मैं यहां झूठ नहीं बोलूंगा कि मैं एक बहुत ही लालची किस्म का आदमी था क्योंकि मेडिकल फील्ड में दोगुनी नहीं बल्कि कई गुना कमाई होती है।

शायद ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते होंगे कि मेडिकल प्रोफेशन में 10 रुपये में आने वाली दवा आराम से 70-80 रुपये में बिक जाती है। लेकिन अगर कोई मुझसे कभी दो रुपये भी कम करने को कहता तो मैं ग्राहक को मना कर देता। खैर, मैं हर किसी के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, सिर्फ अपनी बात कर रहा हूं।

वर्ष 2008 में, गर्मी के दिनों में एक बूढ़ा व्यक्ति मेरे स्टोर में आया। उसने मुझे डॉक्टर की पर्ची दी। मैंने दवा पढ़ी और उसे निकाल लिया। उस दवा का बिल 560 रुपये बन गया। लेकिन बूढ़ा सोच रहा था। उसने अपनी सारी जेब खाली कर दी लेकिन उसके पास कुल 180 रुपये थे। मैं उस समय बहुत गुस्से में था क्योंकि मुझे काफी समय लगा कर उस बूढ़े व्यक्ति की दवा निकालनी पड़ी थी और ऊपर से उसके पास पर्याप्त पैसे भी नहीं थे।

बूढ़ा दवा लेने से मना भी नहीं कर पा रहा था। शायद उसे दवा की सख्त जरूरत थी। फिर उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा, "मेरी मदद करो। मेरे पास कम पैसे हैं और मेरी पत्नी बीमार है। हमारे बच्चे भी हमें पूछते नहीं हैं। मैं अपनी पत्नी को इस तरह वृद्धावस्था में मरते हुए नहीं देख सकता।"

लेकिन मैंने उस समय उस बूढ़े व्यक्ति की बात नहीं सुनी और उसे दवा वापस छोड़ने के लिए कहा। यहां पर मैं एक बात कहना चाहूंगा कि वास्तव में उस बूढ़े व्यक्ति की दवा की कुल राशि 120 रुपये ही बनती थी। अगर मैंने उससे 150 रुपये भी ले लिए होते तो भी मुझे 30 रुपये का मुनाफा ही होता। लेकिन मेरे लालच ने उस बूढ़े लाचार व्यक्ति को भी नहीं छोड़ा।

फिर मेरी दुकान पर खड़े एक दूसरे ग्राहक ने अपनी जेब से पैसे निकाले और उस बूढ़े आदमी के लिए दवा खरीदी। लेकिन इसका भी मुझ पर कोई असर नहीं हुआ। मैंने पैसे लिए और बूढ़े को दवाई दे दी।

समय बीतता गया और वर्ष 2009 आ गया। मेरे इकलौते बेटे को ब्रेन ट्यूमर हो गया। पहले तो हमें पता ही नहीं चला। लेकिन जब पता चला तो बेटा मृत्यु के कगार पर था। पैसा बहता रहा और लड़के की बीमारी खराब होती गई। प्लॉट बिक गए, जमीन बिक गई और आखिरकार मेडिकल स्टोर भी बिक गया लेकिन मेरे बेटे की तबीयत बिल्कुल नहीं सुधरी। उसका ऑपरेशन भी हुआ और जब सब पैसा खत्म हो गया तो आखिरकार डॉक्टरों ने मुझे अपने बेटे को घर ले जाने और उसकी सेवा करने के लिए कहा। उसके पश्चात 2012 में मेरे बेटे का निधन हो गया। मैं जीवन भर कमाने के बाद भी उसे बचा नहीं सका।

2015 में मुझे भी लकवा मार गया और मुझे चोट भी लग गई। आज जब मेरी दवा आती है तो उन दवाओं पर खर्च किया गया पैसा मुझे काटता है क्योंकि मैं उन दवाओं की वास्तविक कीमतों को जानता हूं।

एक दिन मैं कुछ दवाई लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर गया और 100 रु का इंजेक्शन मुझे 700 रु में दिया गया। लेकिन उस समय मेरी जेब में 500 रुपये ही थे और इंजेक्शन के बिना ही मुझे मेडिकल स्टोर से वापस आना पड़ा। उस समय मुझे उस बूढ़े व्यक्ति की बहुत याद आई और मैं घर चला गया।

मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि ठीक है कि हम सभी कमाने के लिए बैठे हैं क्योंकि हर किसी के पास एक पेट है। लेकिन वैध तरीके से कमाएं। गरीब लाचारों को लूट कर कमाई करना अच्छी बात नहीं क्योंकि नरक और स्वर्ग केवल इस धरती पर ही हैं, कहीं और नहीं। और आज मैं नरक भुगत रहा हूं।

पैसा हमेशा मदद नहीं करता। हमेशा ईश्वर के भय से चलो। उसका नियम अटल है क्योंकि कई बार एक छोटा सा लालच भी हमें बहुत बड़े दुख में धकेल सकता है। 🙂🙏🏻

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃
═══════════════════════


अनमोल विचार🙏....🎋🌾

❝हम तो हँसते हैं दूसरों को हँसाने के लिए वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि ठीक से रोया भी नहीं जाता।❞

Share 🔜 t.me/AdarshSuvichar 🍁
🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂
═════════════════════

Показано 20 последних публикаций.

204

подписчиков
Статистика канала