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एक अत्यंत श्रेष्ठतम जानकारी
गाय का पुराना घी
निमोनिया जैसी बीमारी से बचने के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत समान बताया गया है। कई घरों में बहुत से लोग इससे परहेज़ करते हैं और घी को हाथ तक नहीं लगाते। पर अगर गाय के घी को नियमित रूप से सेवन किया जाए तो कई रोगों से मुक्त रह सकते हैं ।
अच्छे उत्तम गो-घृत को लेकर किसी चीनी मिटटी के पात्र या कांच के अमृतवान में भरकर ढक्कन बंद करके ५ बर्ष पर्यंत रखे । तत्पश्चात उपयोग में ले ।
गुण और उपयोग-
यह पुराना घी अनेको विकारो में ताज़े घी की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ, लाभप्रद और उत्कृष्ट मेधावर्धक हैं । इसकी मालिश करने से छाती में जमा हुआ कफ ढीला होकर सरलता से निकल जाता हैं । विशेषतया पार्श्वशूल और न्यूमोनिया ( pneumonia ) में उत्कृष्ट लाभ होता हैं । उन्माद, अपस्मार और अनिद्रा को भी नष्ट करने में विशेष उपयोगी हैं ।
10 वर्ष पुराने गौ घृत को (जिरण) कहा गया है
मात्र 10 वर्ष पुराने गौ घृत से कैंसर लकवा मेमोरी लॉस मानसिक रोग जैसी बीमारियां अच्छे वेदाचार्य के संपर्क और मार्गदर्शन से सहज ही सरलता से ठीक हो सकती है। और मनुष्य पूर्णता स्वस्थ हो सकता है।
100 वर्ष पुराने गौ घृत को (कुंभ )कहां गया है।
100 वर्ष पुराने गो घृत के आयुर्वेद पद्धति से सेवन करने से मनुष्य की आयु 1000से 2000 वर्ष लंबी हो सकती है नपुसंक पुरुष को भी पुरुषार्थ मिल सकता है।
1000 वर्ष पुराने गौ घृत को (महा घृत) कहा गया है।
1000 वर्ष पुराने गो घृत से शरीर के किसी भी अंग को पुनः नवीन बनाया जा सकता है शरीर के किसी भी कटे हुए अंग को पुनः पाया जा सकता है मृत्यु के समीप गए हुए मनुष्य को भी पुणः जीवन दिया जा सकता है। एक प्रकार से मृत संजीवनी कार्य कर सकता है।
दुर्लभ से दुर्लभ फल प्राप्ति के लिए यज्ञ अनुष्ठान से मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है।
देव यक्ष गंधर्व वसु दिगपाल नवग्रह यज्ञ करता के वशीभूत हो सकते हैं।
@Sanatan
एक अत्यंत श्रेष्ठतम जानकारी
गाय का पुराना घी
निमोनिया जैसी बीमारी से बचने के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत समान बताया गया है। कई घरों में बहुत से लोग इससे परहेज़ करते हैं और घी को हाथ तक नहीं लगाते। पर अगर गाय के घी को नियमित रूप से सेवन किया जाए तो कई रोगों से मुक्त रह सकते हैं ।
अच्छे उत्तम गो-घृत को लेकर किसी चीनी मिटटी के पात्र या कांच के अमृतवान में भरकर ढक्कन बंद करके ५ बर्ष पर्यंत रखे । तत्पश्चात उपयोग में ले ।
गुण और उपयोग-
यह पुराना घी अनेको विकारो में ताज़े घी की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ, लाभप्रद और उत्कृष्ट मेधावर्धक हैं । इसकी मालिश करने से छाती में जमा हुआ कफ ढीला होकर सरलता से निकल जाता हैं । विशेषतया पार्श्वशूल और न्यूमोनिया ( pneumonia ) में उत्कृष्ट लाभ होता हैं । उन्माद, अपस्मार और अनिद्रा को भी नष्ट करने में विशेष उपयोगी हैं ।
10 वर्ष पुराने गौ घृत को (जिरण) कहा गया है
मात्र 10 वर्ष पुराने गौ घृत से कैंसर लकवा मेमोरी लॉस मानसिक रोग जैसी बीमारियां अच्छे वेदाचार्य के संपर्क और मार्गदर्शन से सहज ही सरलता से ठीक हो सकती है। और मनुष्य पूर्णता स्वस्थ हो सकता है।
100 वर्ष पुराने गौ घृत को (कुंभ )कहां गया है।
100 वर्ष पुराने गो घृत के आयुर्वेद पद्धति से सेवन करने से मनुष्य की आयु 1000से 2000 वर्ष लंबी हो सकती है नपुसंक पुरुष को भी पुरुषार्थ मिल सकता है।
1000 वर्ष पुराने गौ घृत को (महा घृत) कहा गया है।
1000 वर्ष पुराने गो घृत से शरीर के किसी भी अंग को पुनः नवीन बनाया जा सकता है शरीर के किसी भी कटे हुए अंग को पुनः पाया जा सकता है मृत्यु के समीप गए हुए मनुष्य को भी पुणः जीवन दिया जा सकता है। एक प्रकार से मृत संजीवनी कार्य कर सकता है।
दुर्लभ से दुर्लभ फल प्राप्ति के लिए यज्ञ अनुष्ठान से मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है।
देव यक्ष गंधर्व वसु दिगपाल नवग्रह यज्ञ करता के वशीभूत हो सकते हैं।
@Sanatan