थोड़ी ही देर में मैंने भाभी के होंठो को अच्छे से चूस डाला और बोबों को मसल दिया।
अब मैंने भाभी से कहा- भाभी, बहुत दिन हो गए हैं आज तो मैं आपको नहीं छोडूंगा।
तो भाभी ने कहा- नहीं, अभी नहीं जब कोई नहीं होगा तब कर लेना।
यह सुनकर मैं खुश हो गया कि अब फिर से पूजा भाभी की मखमली चूत चोदने को मिलेगी और साथ में मस्त गांड भी।
मैंने भाभी के पेटीकोट में हाथ घुसाकर भाभी की चूत को मसल डाला और भाभी को छोड़ दिया।
भाभी की गांड मारने का इंतजार करते करते तीन चार दिन निकल गए लेकिन अभी भी पूजा भाभी की गांड मारने का मौका नहीं मिल रहा था।
आखिर वो दिन आ ही गया जिस दिन मुझे पूजा भाभी की गांड मारने का मौका मिला।
आज बड़े और छोटे मामाजी और दोनों मामीजी को किसी कार्यक्रम में शामिल होने दूसरे गांव में जाना पड़ा।
घर पर सिर्फ मामाजी, सीमा मामीजी, भैया, अर्चना, पूजा भाभी, मैं और बच्चे बचे थे।
जैसे तैसे रात निकली।
जब सुबह हुई तो मामाजी के साथ दोनों भैया खेत पर चले गए।
मौका देखकर मैंने पूजा भाभी को आंख मार दी। पूजा भाभी समझ चुकी थी कि आज मैं उन्हें चोदने वाला हूँ।
खाना तैयार कर उर्मिला मामीजी के साथ अर्चना भाभी भी खेत पर चली गई। सभी बच्चे स्कूल जा चुके थे। अब घर पर मेरी दोनों मस्त शानदार माल ही बची थी।
मेरा लन्ड पूजा भाभी की गांड मारने के लिए उछलने लगा।
थोड़ी देर बाद पूजा भाभी नहाकर चुदाने के लिए तैयार हो चुकी थी।
पूजा भाभी ने मस्त गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें भाभी मेरे लन्ड के ऊपर कहर ढा रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने सीमा मामीजी को बाड़े में जाने का इशारा कर दिया।
मेरा इशारा मिलते ही मामीजी पानी की बाल्टी लेकर बाड़े में चली गई।
पूजा भाभी बाथरूम में कुछ कपड़े धो रही थी. तभी मैं बाथरूम में गया और पूजा भाभी को कमरे में चलने के लिए कहने लगा।
भाभी कहने लगी- थोड़ी देर रुक … मैं बाकी बचे कपड़े धो लेती हूं।
मैंने कहा- भाभी इतना टाइम नहीं है, ये काम तो आप बाद में भी कर लेना!
लेकिन भाभी तो कपड़े धोने में लगी हुई थी.
तभी मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और बाथरूम से खींचकर लाने लगा।
भाभी कहने लगी- अरे तू ये क्या कर रहा है, मैं चल रही हूं ना!
ये कहकर भाभी फिर से कपड़ों को रगड़ने लगी।
यह देखकर मुझे गुस्सा आ गया। अब मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और खींचकर कमरे में लाने लगा।
भाभी कहने लगी- मुझे हाथ तो धोने दे।
मैंने कहा- भाभी, सब कुछ मैं धो दूंगा।
पूजा भाभी के हाथों में अभी भी सर्फ लगा हुआ था।
थोड़ी ही देर में मैं भाभी को लेकर कमरे में पहुंच गया। मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
दरवाजा बंद करते ही मेरी हवस उफान पर आने लगी। भाभी गुलाबी साड़ी पहनकर मेरे सामने खड़ी हुई थी। मेरा लन्ड भाभी की गांड मारने के लिए तड़प रहा था।
मैंने भूखे शेर की तरह भाभी को बांहों भरा और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए भाभी के गुलाबी पंखुड़ियों के जैसे होंठों को चूसने लगा।
भाभी के होंठों को चूसते चूसते मैंने भाभी को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया।
अब मैं बुरी तरह से भाभी के होंठों का रसपान कर रहा था। भाभी भी धीरे धीरे मेरे प्यासे होंठों को चूस रही थी।
थोड़ी ही देर में मैंने भाभी के रसीले होंठों को चूस डाला।
तब मैंने भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया।
पल्लू नीचे गिरते ही भाभी का ब्लाउज मेरे सामने आ गया जिसमें भाभी के रसदार पपीते जैसे बोबे दबे हुए थे।
मैंने ब्लाउज के ऊपर से भाभी के बड़े बड़े बोबों को बुरी तरह से मसल डाला। मुझे भाभी के बोबों को मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
पूजा भाभी आह ओह उह ओह करने लगी।
क्या कमाल के बोबे थे भाभी के … कसम से यारो … मज़ा आ गया।
आज भाभी चुपचाप खड़ी होकर बोबों को मसलवा रही थी और मैं भी पूरी शिद्दत से पूजा भाभी के बोबों को मसल मसलकर निचोड़ रहा था।
बोबों को अच्छी तरह से निचोड़ने के बाद अब मैं थोड़ा नीचे सरका और भाभी के गोरे चिकने पेट को चूमने लगा।
मुझे भाभी के पेट को चूमने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अब भाभी सिसकारियां भरने लगी।
मैं भाभी के पैरों में आ गया और पूजा भाभी की एक टांग को मेरे घुटने पर रख लिया।
मैंने भाभी के पेटीकोट और साड़ी को ऊपर उठा दिया। अब भाभी की गोरी चिकनी टांगें मेरे सामने थी।
मैं भाभी की नारियल के पेड़ के जैसी मस्त लंबी टांगों को चूमने लगा। मुझे भाभी की टांगों को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अब भाभी धीरे धीरे मदहोश हो रही थी।
मैं पूजा भाभी की जांघों को किस करता हुआ भाभी की चूत तक पहुंच गया। अब मेरा मुंह भाभी की दोनों टांगों के बीच में रखी हुई चूत पर था।
आह … क्या मस्त खुशबू आ रही थी भाभी की चूत से!
मैं तो पूजा भाभी की मस्त शानदार चूत की खुशबू से ही पागल हो रहा था।
भाभी ने हरे रंग की पैंटी पहन रखी थी। भाभी की पैंटी को देख देखकर मेरा लन्ड बेकाबू हो रहा था। अब मेरा लन्ड तनकर मूसल बन चुका था।
अब मैंने भाभी से कहा- भाभी, बहुत दिन हो गए हैं आज तो मैं आपको नहीं छोडूंगा।
तो भाभी ने कहा- नहीं, अभी नहीं जब कोई नहीं होगा तब कर लेना।
यह सुनकर मैं खुश हो गया कि अब फिर से पूजा भाभी की मखमली चूत चोदने को मिलेगी और साथ में मस्त गांड भी।
मैंने भाभी के पेटीकोट में हाथ घुसाकर भाभी की चूत को मसल डाला और भाभी को छोड़ दिया।
भाभी की गांड मारने का इंतजार करते करते तीन चार दिन निकल गए लेकिन अभी भी पूजा भाभी की गांड मारने का मौका नहीं मिल रहा था।
आखिर वो दिन आ ही गया जिस दिन मुझे पूजा भाभी की गांड मारने का मौका मिला।
आज बड़े और छोटे मामाजी और दोनों मामीजी को किसी कार्यक्रम में शामिल होने दूसरे गांव में जाना पड़ा।
घर पर सिर्फ मामाजी, सीमा मामीजी, भैया, अर्चना, पूजा भाभी, मैं और बच्चे बचे थे।
जैसे तैसे रात निकली।
जब सुबह हुई तो मामाजी के साथ दोनों भैया खेत पर चले गए।
मौका देखकर मैंने पूजा भाभी को आंख मार दी। पूजा भाभी समझ चुकी थी कि आज मैं उन्हें चोदने वाला हूँ।
खाना तैयार कर उर्मिला मामीजी के साथ अर्चना भाभी भी खेत पर चली गई। सभी बच्चे स्कूल जा चुके थे। अब घर पर मेरी दोनों मस्त शानदार माल ही बची थी।
मेरा लन्ड पूजा भाभी की गांड मारने के लिए उछलने लगा।
थोड़ी देर बाद पूजा भाभी नहाकर चुदाने के लिए तैयार हो चुकी थी।
पूजा भाभी ने मस्त गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें भाभी मेरे लन्ड के ऊपर कहर ढा रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने सीमा मामीजी को बाड़े में जाने का इशारा कर दिया।
मेरा इशारा मिलते ही मामीजी पानी की बाल्टी लेकर बाड़े में चली गई।
पूजा भाभी बाथरूम में कुछ कपड़े धो रही थी. तभी मैं बाथरूम में गया और पूजा भाभी को कमरे में चलने के लिए कहने लगा।
भाभी कहने लगी- थोड़ी देर रुक … मैं बाकी बचे कपड़े धो लेती हूं।
मैंने कहा- भाभी इतना टाइम नहीं है, ये काम तो आप बाद में भी कर लेना!
लेकिन भाभी तो कपड़े धोने में लगी हुई थी.
तभी मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और बाथरूम से खींचकर लाने लगा।
भाभी कहने लगी- अरे तू ये क्या कर रहा है, मैं चल रही हूं ना!
ये कहकर भाभी फिर से कपड़ों को रगड़ने लगी।
यह देखकर मुझे गुस्सा आ गया। अब मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और खींचकर कमरे में लाने लगा।
भाभी कहने लगी- मुझे हाथ तो धोने दे।
मैंने कहा- भाभी, सब कुछ मैं धो दूंगा।
पूजा भाभी के हाथों में अभी भी सर्फ लगा हुआ था।
थोड़ी ही देर में मैं भाभी को लेकर कमरे में पहुंच गया। मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
दरवाजा बंद करते ही मेरी हवस उफान पर आने लगी। भाभी गुलाबी साड़ी पहनकर मेरे सामने खड़ी हुई थी। मेरा लन्ड भाभी की गांड मारने के लिए तड़प रहा था।
मैंने भूखे शेर की तरह भाभी को बांहों भरा और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए भाभी के गुलाबी पंखुड़ियों के जैसे होंठों को चूसने लगा।
भाभी के होंठों को चूसते चूसते मैंने भाभी को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया।
अब मैं बुरी तरह से भाभी के होंठों का रसपान कर रहा था। भाभी भी धीरे धीरे मेरे प्यासे होंठों को चूस रही थी।
थोड़ी ही देर में मैंने भाभी के रसीले होंठों को चूस डाला।
तब मैंने भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया।
पल्लू नीचे गिरते ही भाभी का ब्लाउज मेरे सामने आ गया जिसमें भाभी के रसदार पपीते जैसे बोबे दबे हुए थे।
मैंने ब्लाउज के ऊपर से भाभी के बड़े बड़े बोबों को बुरी तरह से मसल डाला। मुझे भाभी के बोबों को मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
पूजा भाभी आह ओह उह ओह करने लगी।
क्या कमाल के बोबे थे भाभी के … कसम से यारो … मज़ा आ गया।
आज भाभी चुपचाप खड़ी होकर बोबों को मसलवा रही थी और मैं भी पूरी शिद्दत से पूजा भाभी के बोबों को मसल मसलकर निचोड़ रहा था।
बोबों को अच्छी तरह से निचोड़ने के बाद अब मैं थोड़ा नीचे सरका और भाभी के गोरे चिकने पेट को चूमने लगा।
मुझे भाभी के पेट को चूमने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अब भाभी सिसकारियां भरने लगी।
मैं भाभी के पैरों में आ गया और पूजा भाभी की एक टांग को मेरे घुटने पर रख लिया।
मैंने भाभी के पेटीकोट और साड़ी को ऊपर उठा दिया। अब भाभी की गोरी चिकनी टांगें मेरे सामने थी।
मैं भाभी की नारियल के पेड़ के जैसी मस्त लंबी टांगों को चूमने लगा। मुझे भाभी की टांगों को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अब भाभी धीरे धीरे मदहोश हो रही थी।
मैं पूजा भाभी की जांघों को किस करता हुआ भाभी की चूत तक पहुंच गया। अब मेरा मुंह भाभी की दोनों टांगों के बीच में रखी हुई चूत पर था।
आह … क्या मस्त खुशबू आ रही थी भाभी की चूत से!
मैं तो पूजा भाभी की मस्त शानदार चूत की खुशबू से ही पागल हो रहा था।
भाभी ने हरे रंग की पैंटी पहन रखी थी। भाभी की पैंटी को देख देखकर मेरा लन्ड बेकाबू हो रहा था। अब मेरा लन्ड तनकर मूसल बन चुका था।