Репост из: Drishti IAS
दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थान का मूल उद्देश्य ही है कि वो परिधि के छात्रों को मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर दें, लेकिन बारहवीं के अंकों के आधार पर नामांकन लेना इस बुनियादी उद्देश्य को ही खारिज कर देती है। उसमें भी जब यह सौ फीसदी तक पहुँच जाए तो निश्चित ही यह सीमित लोगों के बीच का खेल बनकर रह जाता है। पढ़े पूरा ब्लॉग :
https://www.drishtiias.com/hindi/blog/du-100-percent-cut-off-and-merit-question
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