इश्क़ धीरे-धीरे किया था और धड़कने तेज़-तेज़ बढ़ी थी...
आंखें चुराई थी उनसे बहुत फिर भी नज़रें उन्हीं से लड़ी थी...
ये इश्क़ का रोग सबको देख-देखकर हमनें भी लगा लिया था...
बातें हमारी चुपचाप हुई फिर भी बातें सारे जहां में उड़ी थी...
╭─❀⊰👌@Words_Is_Best❤️
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आंखें चुराई थी उनसे बहुत फिर भी नज़रें उन्हीं से लड़ी थी...
ये इश्क़ का रोग सबको देख-देखकर हमनें भी लगा लिया था...
बातें हमारी चुपचाप हुई फिर भी बातें सारे जहां में उड़ी थी...
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