रूलाने के बाद मुझको हंसाता भी बहुत है,
वो मेरा इश्क़ है मुझे याद आता भी बहुत है,
कभी कहता है कि रिश्ता अब ख़त्म हो चुका है,
और जमाने में मुझे अपना बताता भी बहुत है,
वो भरता नहीं मांग में सिंदूर कभी लेकिन
सुहाग की हर रस्म निभाता भी बहुत है ।
#Unknown
#इश्क़जरूरीहै!
वो मेरा इश्क़ है मुझे याद आता भी बहुत है,
कभी कहता है कि रिश्ता अब ख़त्म हो चुका है,
और जमाने में मुझे अपना बताता भी बहुत है,
वो भरता नहीं मांग में सिंदूर कभी लेकिन
सुहाग की हर रस्म निभाता भी बहुत है ।
#Unknown
#इश्क़जरूरीहै!