Suno
तलब हो इश्क की तो
हजारों गम सहना पढ़ता
है
मुश्किल भरी राहों को
भी हमे अपनाना पढ़ता
है
गमों की आदत डाल कर
खुशियों को भूलना पढ़ता
है
जहा बात हो इश्क की तो
वहा हमे सर झुकाना पढ़ता
है
मोहब्बत समाज के
फैसलों से लड़ नही
सकती
मजबूरी मैं भी कभी हमे
बेवफा होना पढ़ता है
मुख्तसर सी जिंदगी मैं
मोहब्बत कर हमे बहुत
कुछ सहना पढ़ता है
कभी कुछ खोना पढ़ता है
कभी किसी का होना पढ़ता
है
irfan...✍️
तलब हो इश्क की तो
हजारों गम सहना पढ़ता
है
मुश्किल भरी राहों को
भी हमे अपनाना पढ़ता
है
गमों की आदत डाल कर
खुशियों को भूलना पढ़ता
है
जहा बात हो इश्क की तो
वहा हमे सर झुकाना पढ़ता
है
मोहब्बत समाज के
फैसलों से लड़ नही
सकती
मजबूरी मैं भी कभी हमे
बेवफा होना पढ़ता है
मुख्तसर सी जिंदगी मैं
मोहब्बत कर हमे बहुत
कुछ सहना पढ़ता है
कभी कुछ खोना पढ़ता है
कभी किसी का होना पढ़ता
है
irfan...✍️