तो दोस्तो, 10 मिनट बाद मेरी चीख और पानी दोनों निकल गए. वो पहली बार था जब मैंने पानी निकालने के बाद उसे अपनी उंगली से पीया था.
उसका वो नमकीन स्वाद मुझे अभी भी याद है.
अब मेरा भी मन सेक्स के लिए तरसने लगा था और जल्द ही वो मौका आया.
मैंने दीदी से आदित्य को मिलवाया.
दोनों ही एक नम्बर के नाटकबाज थे. दीदी सती सावित्री जैसे दिखा रही थी और आदित्य इतना शरीफ बन रहा था कि नजरें तक नहीं उठा रहा था.
खैर, मेरा मकसद था आदित्य को अपने रूम में एंट्री देना.
एक बार जब उसने आना शुरू किया तो फिर वो अक्सर आने लगा.
अब दीदी को उसके आने से कोई दिक्कत नहीं थी. हमारा एक दूसरे के घर आना जाना होने लगा।
फिर वो दिन आ ही गया जब मुझे सील टूटने में होने वाले मीठे दर्द का अहसास हुआ.
गर्मी का मौसम था. मैंने आदित्य को अपने रूम पर बुलाया हुआ था.
उससे कुछ पढ़ाई से संबंधित सवाल पूछने थे. वो दोपहर का वक़्त था.
मैंने सोच रखा था कि अगर आज आदित्य आगे नहीं बढ़ा तो मैं खुद उससे सेक्स के लिए कहूंगी.
मगर ऐसा हुआ नहीं और शुरूआत उसने ही की.
गर्मी की वजह से मैंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और फ्रॉक और टॉप पहन कर बैठी थी.
आदित्य आया तो मैंने दरवाजा खोला.
उसने मुझे देख कर आंख मारी और बोला- आज बहुत गर्मी है. उसकी नजर बार बार मेरे निप्पलों पर जा रही थी.
फिर हमने बेड पर जाकर पढ़ाई शुरू की लेकिन फिर लाइट भी चली गई.
फिर दीदी ने हम दोनों को खाना खाने के लिए बुलाया और हमारा खाना लगाया.
खाना खाने के बाद ज्यादा गर्मी लगने लगी.
उसके बाद दीदी अपनी कोचिंग क्लास चली गई और हम दोनों ने फिर पढ़ाई शुरू की.
गर्मी की वजह से हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए और मेरे टॉप पर से मेरे निप्पल ज्यादा झलकने लगे.
आदित्य मेरे निप्पलों को घूरे जा रहा था और उसने गर्मी का बहाना बनाकर अपनी टीशर्ट उतार दी.
उसने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी तो मैं उसकी तरफ नहीं देख रही थी.
मेरी निप्पल देखकर उसके लोअर में टेंट बनने लगा था.
अब उसने मुझसे कहा- एक बात बोलूं?
ये कहकर उसने मुझे बेड पर धकेल दिया. वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे एक स्मूच किया और बोला- मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं. ये बात मैं कई दिनों से बोलना चाहता था लेकिन मौका नहीं मिला।
मैं उसे अपने ऊपर से हटाने की नाकामयाब कोशिश करने लगी लेकिन मज़ा तो मुझे भी आ रहा था क्यूंकि मुझे जो चाहिए था मुझे आज मिलने वाला था।
मगर मैं नाटक करने लगी और बोली- मैं वर्जिन हूं. मुझे अभी ये सब नहीं करना!
वो मुझे मनाने लगा और विश्वास दिलाने लगा कि वो ज्यादा जोर से नहीं करेगा.
उसने मेरे गले पर किस किया और मेरे होंठों को अपने होंठों में भरकर किस करने लगा और लगभग 20 मिनट तक हमने किस की.
फिर उसने मेरी टॉप को निकाल दिया.
मेरे चूचियों को देखकर वो मदहोश हो गया और चूचियों को जोर से दबाने और चूसने लगा.
मेरे निप्पल टाइट हो गए और उसने निप्पलों को दांतों से काटा और चूसने लगा.
मैं तो जैसे अब नशे में खोती हुई जा रही थी.
ये उसने 20 मिनट तक किया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी आहें भर रही थी- आह्ह … आह्ह … आदि … आह्ह … ओह्ह … आदि … हाय … आह्ह।
मेरी आंखों में बस सेक्स भरा था और तभी उसने अपनी लोअर और अंडरवियर उतारनी शुरू की.
वो नंगा हो गया और उसका 7 इंच मोटा लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था.
मैंने कहा- ये तो बहुत मोटा है. अंदर नहीं जाएगा.
मैं वापस बाथरूम की तरफ जाने लगी.
तभी उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और बेड पर लाकर पटक दिया.
फिर उसने मेरी फ्रॉक और पैंटी एक झटके में निकाल दी।
अब वो मुझे बेड के कोने में लाकर खुद नीचे बैठ गया और मेरी बिना बालों वाली रोएंदार गुलाबी रसीली बुर को अपने होंठों से चूमने चाटने लगा.
मैं तो पागल सी होने लगी.
पहली बार मेरी बुर को जीभ का स्पर्श मिला था.
अब तक मैंने उंगली से बुर सहलाई थी लेकिन जीभ का जो आनंद था वो लाजवाब था.
ऐसा होते ही मैं तो मानो स्वर्ग में पहुंच गई और तभी मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर पर दबा लिया.
फिर उसने भी जोर जोर से अपनी जीभ को मेरी बुर में घुमाना शुरू कर दिया. वो इतना अच्छा चाटता था कि मानो उसे इसी काम के लिए बनाया गया हो.
ऐसे ही 15 मिनट तक करने के बाद मैं उसके मुंह पर ही झड़ गई और उसने मेरी बुर का पानी अपने मुंह में भर लिया.
फिर मुझे किस करने के साथ मेरी बुर का पानी अपने मुंह से मेरे मुंह में देने लगा.
वो बहुत ही अच्छा अनुभव था. अब वो मेरी जीभ से खेलने लगा और उसे चूसने लगा।
मेरी बुर और मैं अब तड़पने लगे और मैंने उससे बोला- अब मुझे और मत तरसाओ प्लीज … मैं तुमसे कब से चुदवाने के लिए तड़प रही थी. मेरी सील आज तोड़ दो।
ये सुनते ही वो खुशी से फूल गया कि आज सील पैक बुर मिलने वाली है और बुर खुद ही अपनी सील तुड़वाने के लिए तैयार है.
उसने मुझे बेड पर लिटा लिया.
फिर उसने मेरे लेपटॉप को ओपन किया और पोर्न फिल्म चला दी.
उसका वो नमकीन स्वाद मुझे अभी भी याद है.
अब मेरा भी मन सेक्स के लिए तरसने लगा था और जल्द ही वो मौका आया.
मैंने दीदी से आदित्य को मिलवाया.
दोनों ही एक नम्बर के नाटकबाज थे. दीदी सती सावित्री जैसे दिखा रही थी और आदित्य इतना शरीफ बन रहा था कि नजरें तक नहीं उठा रहा था.
खैर, मेरा मकसद था आदित्य को अपने रूम में एंट्री देना.
एक बार जब उसने आना शुरू किया तो फिर वो अक्सर आने लगा.
अब दीदी को उसके आने से कोई दिक्कत नहीं थी. हमारा एक दूसरे के घर आना जाना होने लगा।
फिर वो दिन आ ही गया जब मुझे सील टूटने में होने वाले मीठे दर्द का अहसास हुआ.
गर्मी का मौसम था. मैंने आदित्य को अपने रूम पर बुलाया हुआ था.
उससे कुछ पढ़ाई से संबंधित सवाल पूछने थे. वो दोपहर का वक़्त था.
मैंने सोच रखा था कि अगर आज आदित्य आगे नहीं बढ़ा तो मैं खुद उससे सेक्स के लिए कहूंगी.
मगर ऐसा हुआ नहीं और शुरूआत उसने ही की.
गर्मी की वजह से मैंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और फ्रॉक और टॉप पहन कर बैठी थी.
आदित्य आया तो मैंने दरवाजा खोला.
उसने मुझे देख कर आंख मारी और बोला- आज बहुत गर्मी है. उसकी नजर बार बार मेरे निप्पलों पर जा रही थी.
फिर हमने बेड पर जाकर पढ़ाई शुरू की लेकिन फिर लाइट भी चली गई.
फिर दीदी ने हम दोनों को खाना खाने के लिए बुलाया और हमारा खाना लगाया.
खाना खाने के बाद ज्यादा गर्मी लगने लगी.
उसके बाद दीदी अपनी कोचिंग क्लास चली गई और हम दोनों ने फिर पढ़ाई शुरू की.
गर्मी की वजह से हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए और मेरे टॉप पर से मेरे निप्पल ज्यादा झलकने लगे.
आदित्य मेरे निप्पलों को घूरे जा रहा था और उसने गर्मी का बहाना बनाकर अपनी टीशर्ट उतार दी.
उसने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी तो मैं उसकी तरफ नहीं देख रही थी.
मेरी निप्पल देखकर उसके लोअर में टेंट बनने लगा था.
अब उसने मुझसे कहा- एक बात बोलूं?
ये कहकर उसने मुझे बेड पर धकेल दिया. वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे एक स्मूच किया और बोला- मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं. ये बात मैं कई दिनों से बोलना चाहता था लेकिन मौका नहीं मिला।
मैं उसे अपने ऊपर से हटाने की नाकामयाब कोशिश करने लगी लेकिन मज़ा तो मुझे भी आ रहा था क्यूंकि मुझे जो चाहिए था मुझे आज मिलने वाला था।
मगर मैं नाटक करने लगी और बोली- मैं वर्जिन हूं. मुझे अभी ये सब नहीं करना!
वो मुझे मनाने लगा और विश्वास दिलाने लगा कि वो ज्यादा जोर से नहीं करेगा.
उसने मेरे गले पर किस किया और मेरे होंठों को अपने होंठों में भरकर किस करने लगा और लगभग 20 मिनट तक हमने किस की.
फिर उसने मेरी टॉप को निकाल दिया.
मेरे चूचियों को देखकर वो मदहोश हो गया और चूचियों को जोर से दबाने और चूसने लगा.
मेरे निप्पल टाइट हो गए और उसने निप्पलों को दांतों से काटा और चूसने लगा.
मैं तो जैसे अब नशे में खोती हुई जा रही थी.
ये उसने 20 मिनट तक किया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी आहें भर रही थी- आह्ह … आह्ह … आदि … आह्ह … ओह्ह … आदि … हाय … आह्ह।
मेरी आंखों में बस सेक्स भरा था और तभी उसने अपनी लोअर और अंडरवियर उतारनी शुरू की.
वो नंगा हो गया और उसका 7 इंच मोटा लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था.
मैंने कहा- ये तो बहुत मोटा है. अंदर नहीं जाएगा.
मैं वापस बाथरूम की तरफ जाने लगी.
तभी उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और बेड पर लाकर पटक दिया.
फिर उसने मेरी फ्रॉक और पैंटी एक झटके में निकाल दी।
अब वो मुझे बेड के कोने में लाकर खुद नीचे बैठ गया और मेरी बिना बालों वाली रोएंदार गुलाबी रसीली बुर को अपने होंठों से चूमने चाटने लगा.
मैं तो पागल सी होने लगी.
पहली बार मेरी बुर को जीभ का स्पर्श मिला था.
अब तक मैंने उंगली से बुर सहलाई थी लेकिन जीभ का जो आनंद था वो लाजवाब था.
ऐसा होते ही मैं तो मानो स्वर्ग में पहुंच गई और तभी मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर पर दबा लिया.
फिर उसने भी जोर जोर से अपनी जीभ को मेरी बुर में घुमाना शुरू कर दिया. वो इतना अच्छा चाटता था कि मानो उसे इसी काम के लिए बनाया गया हो.
ऐसे ही 15 मिनट तक करने के बाद मैं उसके मुंह पर ही झड़ गई और उसने मेरी बुर का पानी अपने मुंह में भर लिया.
फिर मुझे किस करने के साथ मेरी बुर का पानी अपने मुंह से मेरे मुंह में देने लगा.
वो बहुत ही अच्छा अनुभव था. अब वो मेरी जीभ से खेलने लगा और उसे चूसने लगा।
मेरी बुर और मैं अब तड़पने लगे और मैंने उससे बोला- अब मुझे और मत तरसाओ प्लीज … मैं तुमसे कब से चुदवाने के लिए तड़प रही थी. मेरी सील आज तोड़ दो।
ये सुनते ही वो खुशी से फूल गया कि आज सील पैक बुर मिलने वाली है और बुर खुद ही अपनी सील तुड़वाने के लिए तैयार है.
उसने मुझे बेड पर लिटा लिया.
फिर उसने मेरे लेपटॉप को ओपन किया और पोर्न फिल्म चला दी.