अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ;
मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ,
ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही;
मैं इस शराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
✍................
मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ,
ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही;
मैं इस शराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
✍................