हसरतों के सैलाब में आज कश्ती खेने दो
तमन्नाओं के दरिया में आज तैर लेने दो,
ना होती हो तो ना हो क़िस्मत मेहरबान
पर हमें जी भर के कोशिश आज कर लेने दो,
कहीं यह अरमान ना रह जाये कि यह करते
कहीं यह अरमान ना रह जाये कि वह करते,
जब हार के मरना तो तय है ही ,
तो फिर मरने से पहले आज जी लेने दो...
तमन्नाओं के दरिया में आज तैर लेने दो,
ना होती हो तो ना हो क़िस्मत मेहरबान
पर हमें जी भर के कोशिश आज कर लेने दो,
कहीं यह अरमान ना रह जाये कि यह करते
कहीं यह अरमान ना रह जाये कि वह करते,
जब हार के मरना तो तय है ही ,
तो फिर मरने से पहले आज जी लेने दो...