िसे याद आये।
भाई को भी परेशान देखकर मैंने कहा- मुझे अंकल को हाँ कहना ही पड़ेगा; और कोई चारा नहीं है।
तो भाई बोला- ऐसे कैसे हाँ बोल दें? कल को हमारा नाजायज़ फायदा भी तो उठा सकता है।
मैंने और भाई ने एक योजना बनाई और अंकल को कॉल करके हाँ बोल दिया।
और अगली बार जब मम्मी बाहर गयी तब अंकल को अपने घर बुला लिया।
अंकल दोपहर में ही हमारे घर आ गए। उस वक्त भाई घर पर ही था। हमने अंकल को बिठाया और पानी पिलाया। अंकल ने पानी की गिलास के साथ मेरा हाथ भी नोंच लिया।
मैं अंकल के इरादे समझ गयी। मैंने भाई से इशारा किया और अंकल को अपने कमरे में ले गयी।
अंकल के आने से पहले अंकल का कैमरा हमने हटा दिया था और मेरे रूम में दूसरा कैमरा लगा दिया था।
जब मैं और अंकल रूम में गये तब तक वो कैमरा बन्द था। मैं अंकल को अपने बेड पर ले गयी। अब अंकल अपनी मस्ती में आ चुके थे। वो मेरे साथ छेड़खानी करने लगे।
तभी भाई रूम में आया तो अंकल बोले- अपनी दीदी को चुदती हुए देखना चाहते हो?
पर भाई कुछ नहीं बोला और पँखा करने के बहाने कैमरे का स्विच भी ऑन कर दिया और वहीं बैठ गया।
अब अंकल ने अपने हाथ मेरी चूचियों पर रखे और उन्हें सहलाने लगे।
मैंने कुछ ऐसा रिएक्ट किया जैसे वो जबरदस्ती कर रहे हो।
धीरे धीरे अंकल मेरे होंठ चूमने लगे। उन्होंने मेरे कपड़े उसी तरह फाड़ने शुरू किए जैसे उस दिन फटे हुए देखे थे। पर मैं इस सब में बिल्कुल साथ नहीं दे रही थी।
अंकल ने मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी नंगे हो गए।
उनका काला मोटा लन्ड देखकर और इस फॉरप्ले से मैं भी गर्म तो हो गयी पर अपने पर कंट्रोल कर के बिल्कुल ऐसा ही बर्ताव कर रही थी कि अंकल मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे हों।
जैसे ही अंकल मेरे ऊपर चढ़ने लगे मैं जोर से चिल्लाई।
मेरी आवाज सुनकर भाई मेरे कमरे में आया और कैमरे का स्विच ऑफ कर दिया।
भाई ने अंकल को हाथ पकड़ कर मेरे से अलग किया और उसे अपने मोबाइल में CCTV की रिकॉर्डिंग दिखाई जिसमे वो मेरे साथ जबरन करने के जैसा दिख रहा था।
अंकल डर के मारे पसीना पसीना हो रहे थे।
भाई अंकल से बोला- हमारी रेकॉर्डिंग अपने मोबाइल से डिलीट कर दो वर्ना हम तुम्हारे पर जबरदस्ती का केस कर देंगे।
अंकल ने डरते हुए हमारी सारी रिकॉर्डिंग उड़ा दी।
पर अब मेरा प्रॉब्लम शुरू हो गया। मेरा मन अंकल के लन्ड के लिए डगमगा गया।
डरते डरते मैंने अपने भाई से अपने मन की बात कही तो भाई हँस के बोला- दीदी तुम्हारी यही इच्छा है तो कर लो अपने मन की!
मैंने अंकल के सामने देखा तो वो तो डर के मारे नर्वस हो गए थे और उनका मोटा लण्ड भी सिकुड़ के लूली ही रह गया था।
अंकल को हाथ पकड़ कर बेड पर खींचा मैंने और उनका लण्ड मुँह में ले लिया। अब अंकल को भी कुछ मजा आने लगा था।
थोड़ी देर चूसने से ही अंकल का लन्ड टनटनाने लगा। अब अंकल ने मेरे दूध अपने मुँह में लेकर चूसना चालू किया।
अंकल की चुसाई से मेरी चूत बरसने लगी।
मैं एकदम गर्म हो गयी और अंकल को गालियाँ बकने लगी- अबे बूढ़े … अब क्या बोबों में ही पड़ा रहेगा या ऊपर भी चढ़ेगा। मादरचोद दूध ही पीना है तो मम्मी का पी लेना. अभी तेरा यह मोटा लण्ड दे मेरी चूत को।
अंकल- ले भोसड़ी की भेन की लोड़ी … चख मेरे लौंडे का स्वाद … मिटा दे मेरे लन्ड की आग अपनी चूत से! आज तुझे पता चलेगा कि क्यों तेरी मम्मी मेरे नीचे सोती है। इतना मजा दूँगा कि अपने भाई को भी भूल जाएगी।
बड़बड़ाते हुए अंकल ने अपना लण्ड मेरे चूत में पेल दिया और घचाघच मुझे चोदने लगे।
उनकी चुदाई से सचमुच एक अलग ही आनन्द आ रहा था। पता नहीं यह उनके लण्ड का कमाल था या एक्सपीरियंस का।
पर इतना मजा मुझे भाई के ताजे लण्ड में भी नहीं आया।
अंकल ने करीब 15 मिनट तक मुझे चोदा। तब तक मेरा भाई वहीं बैठा हमारी लाइव चुदाई देख रहा था।
अब उसका भी लण्ड टनाटन करने लगा। अंकल के उतरते ही भाई आशा भरी नजरों से मुझे देखने लगा पर चूत की बैंड अंकल बजा चुके थे। अब उसमें भाई को झेलने की शक्ति बची नहीं थी।
पर अपने जान से ज्यादा प्यारे भाई को यूँ तड़फता हुआ छोड़ भी नहीं सकती थी। इसलिए मैं नंगी ही उसके पास गई उसकी पैंट की जिप खोली और लण्ड बाहर निकालकर मुँह में ले लिया।
कुछ ही देर में भाई का लण्ड पिघल गया और मैंने उसका पूरा वीर्य पीकर उसे संतुष्ट कर दिया।
तब तक अंकल ने कपड़े पहन लिए थे।
अंकल भाई को 5000 रुपये देते हुए मिन्नतें करने लगे कि वो अपने फोन से वो क्लिप हटा दे।
भाई बोला- इतने बेवकूफ हम भी नहीं हैं.
और उसने वह क्लिप नहीं हटाई और अंकल से कह दिया- आगे से कभी दीदी को आपकी या पैसे की जरूरत हो तो तैयार रहना।
अंकल ने हमसे प्रोमिस लिया और खुद भी वादा किया कि ये सब बातें हमारे तक ही सीमित रहेगी।
इस तरह हम भाई बहन ने अंकल को उसी के जाल में फ़ांस कर अपना काम भी निकलवाया और खर्चे का बंदोबस्त भी कर दिया।
भाई को भी परेशान देखकर मैंने कहा- मुझे अंकल को हाँ कहना ही पड़ेगा; और कोई चारा नहीं है।
तो भाई बोला- ऐसे कैसे हाँ बोल दें? कल को हमारा नाजायज़ फायदा भी तो उठा सकता है।
मैंने और भाई ने एक योजना बनाई और अंकल को कॉल करके हाँ बोल दिया।
और अगली बार जब मम्मी बाहर गयी तब अंकल को अपने घर बुला लिया।
अंकल दोपहर में ही हमारे घर आ गए। उस वक्त भाई घर पर ही था। हमने अंकल को बिठाया और पानी पिलाया। अंकल ने पानी की गिलास के साथ मेरा हाथ भी नोंच लिया।
मैं अंकल के इरादे समझ गयी। मैंने भाई से इशारा किया और अंकल को अपने कमरे में ले गयी।
अंकल के आने से पहले अंकल का कैमरा हमने हटा दिया था और मेरे रूम में दूसरा कैमरा लगा दिया था।
जब मैं और अंकल रूम में गये तब तक वो कैमरा बन्द था। मैं अंकल को अपने बेड पर ले गयी। अब अंकल अपनी मस्ती में आ चुके थे। वो मेरे साथ छेड़खानी करने लगे।
तभी भाई रूम में आया तो अंकल बोले- अपनी दीदी को चुदती हुए देखना चाहते हो?
पर भाई कुछ नहीं बोला और पँखा करने के बहाने कैमरे का स्विच भी ऑन कर दिया और वहीं बैठ गया।
अब अंकल ने अपने हाथ मेरी चूचियों पर रखे और उन्हें सहलाने लगे।
मैंने कुछ ऐसा रिएक्ट किया जैसे वो जबरदस्ती कर रहे हो।
धीरे धीरे अंकल मेरे होंठ चूमने लगे। उन्होंने मेरे कपड़े उसी तरह फाड़ने शुरू किए जैसे उस दिन फटे हुए देखे थे। पर मैं इस सब में बिल्कुल साथ नहीं दे रही थी।
अंकल ने मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी नंगे हो गए।
उनका काला मोटा लन्ड देखकर और इस फॉरप्ले से मैं भी गर्म तो हो गयी पर अपने पर कंट्रोल कर के बिल्कुल ऐसा ही बर्ताव कर रही थी कि अंकल मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे हों।
जैसे ही अंकल मेरे ऊपर चढ़ने लगे मैं जोर से चिल्लाई।
मेरी आवाज सुनकर भाई मेरे कमरे में आया और कैमरे का स्विच ऑफ कर दिया।
भाई ने अंकल को हाथ पकड़ कर मेरे से अलग किया और उसे अपने मोबाइल में CCTV की रिकॉर्डिंग दिखाई जिसमे वो मेरे साथ जबरन करने के जैसा दिख रहा था।
अंकल डर के मारे पसीना पसीना हो रहे थे।
भाई अंकल से बोला- हमारी रेकॉर्डिंग अपने मोबाइल से डिलीट कर दो वर्ना हम तुम्हारे पर जबरदस्ती का केस कर देंगे।
अंकल ने डरते हुए हमारी सारी रिकॉर्डिंग उड़ा दी।
पर अब मेरा प्रॉब्लम शुरू हो गया। मेरा मन अंकल के लन्ड के लिए डगमगा गया।
डरते डरते मैंने अपने भाई से अपने मन की बात कही तो भाई हँस के बोला- दीदी तुम्हारी यही इच्छा है तो कर लो अपने मन की!
मैंने अंकल के सामने देखा तो वो तो डर के मारे नर्वस हो गए थे और उनका मोटा लण्ड भी सिकुड़ के लूली ही रह गया था।
अंकल को हाथ पकड़ कर बेड पर खींचा मैंने और उनका लण्ड मुँह में ले लिया। अब अंकल को भी कुछ मजा आने लगा था।
थोड़ी देर चूसने से ही अंकल का लन्ड टनटनाने लगा। अब अंकल ने मेरे दूध अपने मुँह में लेकर चूसना चालू किया।
अंकल की चुसाई से मेरी चूत बरसने लगी।
मैं एकदम गर्म हो गयी और अंकल को गालियाँ बकने लगी- अबे बूढ़े … अब क्या बोबों में ही पड़ा रहेगा या ऊपर भी चढ़ेगा। मादरचोद दूध ही पीना है तो मम्मी का पी लेना. अभी तेरा यह मोटा लण्ड दे मेरी चूत को।
अंकल- ले भोसड़ी की भेन की लोड़ी … चख मेरे लौंडे का स्वाद … मिटा दे मेरे लन्ड की आग अपनी चूत से! आज तुझे पता चलेगा कि क्यों तेरी मम्मी मेरे नीचे सोती है। इतना मजा दूँगा कि अपने भाई को भी भूल जाएगी।
बड़बड़ाते हुए अंकल ने अपना लण्ड मेरे चूत में पेल दिया और घचाघच मुझे चोदने लगे।
उनकी चुदाई से सचमुच एक अलग ही आनन्द आ रहा था। पता नहीं यह उनके लण्ड का कमाल था या एक्सपीरियंस का।
पर इतना मजा मुझे भाई के ताजे लण्ड में भी नहीं आया।
अंकल ने करीब 15 मिनट तक मुझे चोदा। तब तक मेरा भाई वहीं बैठा हमारी लाइव चुदाई देख रहा था।
अब उसका भी लण्ड टनाटन करने लगा। अंकल के उतरते ही भाई आशा भरी नजरों से मुझे देखने लगा पर चूत की बैंड अंकल बजा चुके थे। अब उसमें भाई को झेलने की शक्ति बची नहीं थी।
पर अपने जान से ज्यादा प्यारे भाई को यूँ तड़फता हुआ छोड़ भी नहीं सकती थी। इसलिए मैं नंगी ही उसके पास गई उसकी पैंट की जिप खोली और लण्ड बाहर निकालकर मुँह में ले लिया।
कुछ ही देर में भाई का लण्ड पिघल गया और मैंने उसका पूरा वीर्य पीकर उसे संतुष्ट कर दिया।
तब तक अंकल ने कपड़े पहन लिए थे।
अंकल भाई को 5000 रुपये देते हुए मिन्नतें करने लगे कि वो अपने फोन से वो क्लिप हटा दे।
भाई बोला- इतने बेवकूफ हम भी नहीं हैं.
और उसने वह क्लिप नहीं हटाई और अंकल से कह दिया- आगे से कभी दीदी को आपकी या पैसे की जरूरत हो तो तैयार रहना।
अंकल ने हमसे प्रोमिस लिया और खुद भी वादा किया कि ये सब बातें हमारे तक ही सीमित रहेगी।
इस तरह हम भाई बहन ने अंकल को उसी के जाल में फ़ांस कर अपना काम भी निकलवाया और खर्चे का बंदोबस्त भी कर दिया।