तुझे याद कर रो रही है आँखे
ना जग रही ना सो रही है आँखे
कैसे कहूँ की कितनी बेचैन है ये
तेरी ही सपने सँजो रही है आँखे
#परवीन
ना जग रही ना सो रही है आँखे
कैसे कहूँ की कितनी बेचैन है ये
तेरी ही सपने सँजो रही है आँखे
#परवीन