Suno
कुछ करम तो क्या महेरबां ने
शोर धड़कनों की सुन ली दिल
ए नादां ने
एक कली थी जो मुस्कुराने लगी
खिलाया था फूल इश्क के बागबां
ने
नूर भी मेहताब का बेनूर सा है...
जब देख लिया मुस्कुराता चांद
आसमां ने
संभाले रखना तुम दामन अपना
दामन में दाग लगाया है पासबां ने
7.3.24 thursday 1:00pm
कुछ करम तो क्या महेरबां ने
शोर धड़कनों की सुन ली दिल
ए नादां ने
एक कली थी जो मुस्कुराने लगी
खिलाया था फूल इश्क के बागबां
ने
नूर भी मेहताब का बेनूर सा है...
जब देख लिया मुस्कुराता चांद
आसमां ने
संभाले रखना तुम दामन अपना
दामन में दाग लगाया है पासबां ने
7.3.24 thursday 1:00pm