आशा और मेरा फैसला
मैं अपने घर से अपनी दुकान के लिए निकला ही था कि रास्ते में मुझे मेरा दोस्त निखिल मिला। उसने मुझे कहा राजेश क्या तुम मुझे मेरे ऑफिस तक छोड़ दोगे। मैंने निखिल को कहा ठीक है मैं तुम्हें तुम्हारे ऑफिस तक छोड़ देता हूं। मैंने निखिल को उसके ऑफिस तक छोड़ दिया था रास्ते में हम लोगों की काफी बातें हुई। उस दि...