दोनो
ं एक दूसरे की बांहों में ही सो गए.
फिर सुबह उठ कर मैंने देखा कि उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी. वो खुश नजर आ रही थीं. आंटी ने अपने पति को टिफ़िन बनाकर ऑफिस भेजा और बच्चे को स्कूल चले जाने दिया.
मैं उसी टाइम नहाने जा ही रहा था कि आंटी ने मुझे टोका- क्यों इतनी जल्दी नहाने क्यों जा रहे हो?
मैंने कहा- गर्मी लग रही है.
आंटी बोलीं- तो पहले गर्मी निकाल ले न.
मैं समझ गया. इतने में वो मेरे करीब आ गईं और फिर से मेरे अन्दर का शैतान जाग उठा. मैंने उनको बाथरूम के अन्दर खींच लिया. उनके होंठों को चूसने लगा. मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था और उनकी चूत से बार बार टकरा रहा था. इसके कारण आंटी भी गर्म हो गईं.
मैंने एक हाथ हॉट आंटी की सलवार के अन्दर डाल कर पैंटी के ऊपर से चूत को छुआ, तो पूरी गीली हो चुकी थी. मैंने चूत को सहलाते हुए उनके होंठों और गले को चूमना चालू रखा.
इतने ने आंटी ने शॉवर चालू कर दिया. हम दोनों सवार के नीचे खड़े होकर बहुत जोर से एक दूसरे को चूमने चाटने लगे.
मैंने आंटी की सलवार को उतार दिया. वो अब काले रंग की ब्रा में क्या मस्त लग रही थीं. उनके बड़े बड़े चूचे ब्रा से बाहर आने को तड़प रहे थे. मैं ब्रा के ऊपर से ही जोर जोर से उनके मम्मों को दबा दबा कर निप्पलों को चूसने लगा.
वो आहें भरने लगीं.
उनका एक हाथ मेरे लंड पर चलने लगा और वो मेरे शॉर्ट्स से लंड को बाहर निकाल कर आगे पीछे करने लगीं.
फिर तुरंत वो अपने घुटनों में बैठकर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. आंटी इस वक्त बिल्कुल एक रंडी की तरह लंड चूस रही थीं. बड़ा मजा आ रहा था. मैं तो बिल्कुल आसमान में सैर कर रहा था. ऊपर से शॉवर का पानी हम दोनों पर गिर रहा था, सच में बड़ा मजा आ रहा था. मैं इस मजे को शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
मैंने आंटी को उठाया और एक ही झटके में उनकी ब्रा को निकाल कर उनकी दोनों चूचियां को दोनों हाथों से दबा दबा कर चूसने लगा. मैं अपने होंठों को उनके निप्पलों में घुमा रहा था और वो गर्म सिसकारियां ले रही थीं.
फिर मैंने एक हाथ उनकी चुत में रखा और पैंटी निकाल दिया. उनकी चुत में एक उंगली डाल कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा. वो लगातार कामुक आवाजें निकालने लगीं- आह … स … आह.
मैं उनके मम्मों को चूसते हुए नीचे घुटने के बल बैठ गया. फिर उनकी चुत में मुँह लगा कर चुत को चूसने लगा. आंटी अपना एक पैर ऊपर उठा दिया और चूत चुसवाने लगीं. गरम सिसकारियां उनके मुँह से रुक नहीं रही थीं.
इतना रोमांटिक सेक्स शॉवर के नीचे हो रहा था, जिसका वर्णन करना मुश्किल है.
मैं उनके पैर फैला कर जोर जोर से चुत को चूसने में लगा था. इतने में उनकी चुत ने पानी छोड़ दिया. मैंने उनका नमकीन अमृत पी लिया और चूत को लगातार चाटता रहा.
इसके बाद मैंने उनको घोड़ी बनने को कहा और सीधे अपना लंड उनकी चुत में पीछे से डाल दिया. अचानक एक ही बार में लंड अन्दर गया, तो उनकी चीख निकल गयी.
आंटी बोलीं- आराम से करो.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया और अब उनको मजा आने लगा. वो भी गांड आगे पीछे करके चुदवाने लगीं. वो बोलने लगीं- अब जोर से करो … और जोर से पेलो … आह मजा आ रहा है … उफ्फ्फ मममम श!
उनसे भी ज्यादा मजा मुझे आने लगा.
सच में किसी भी लड़की या औरत के साथ शॉवर सेक्स करो, तो अलग ही मजा आता है. इसके बाद मैं उनकी गांड को पकड़ कर चुदाई करने लगा.
मुझे धक्के मारते हुए अब 15 मिनट हो गए थे. वो फिर से अकड़ने लगी थीं. आंटी बोलीं- आह मेरा हो..होने वाला है.
मैंने और तेज़ चोदना शुरू किया और इतने में वो झड़ गईं … मगर मैं नहीं झड़ा था. अब तो मुझे उनकी गांड ही नजर आ रही थी. मैंने शैम्पू उठाया और थोड़ा अपने लंड में लगाया और थोड़ा उनकी गांड के छेद में उंगली से अच्छे से घुसा कर चिकना कर दिया.
अब मैंने अपना लंड सीधे उनकी गांड में फिट किया और एक ही बार में घुसा दिया. उनकी चीख निकल गयी. वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं. लेकिन मैंने उनको छोड़ा नहीं … धीरे धीरे लंड आगे पीछे करता रहा.
कुछ ही देर बाद उनको भी मजा आने लगा था … वो साथ देने लगी थीं. इतनी सेक्सी गांड चोदने में मुझे इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊँ.
दस मिनट बाद मैं उनकी गांड मारते हुए गांड में ही झड़ गया.
फिर हमने एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया और नहाने के बाद नंगे ही बाहर आ गए. हम दोनों ने एक दूसरे को पौंछ कर कपड़े पहन लिए.
अब आंटी खाना बनाने लगीं, मैं थकान की वजह से सो गया. इस तरह मैंने आंटी की हर जगह चुदाई की. बेडरूम में, किचन में, बाथरूम में, मतलब आंटी की चुदाई घर के हर कोने में की, हर जगह बहुत सारे आसनों में उनको चोदा.
लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मजा शॉवर में आया था, इसलिए मैंने उन्हें ज्यादातर शॉवर सेक्स का मजा ही दिया.
लगभग 3 महीने में न जाने मैंने उनको न जाने कितनी बार चोदा और संतुष्ट किया. आज भी जब कभी मौका मिलता है … तो हम दोनों चुदाई में लग जाते हैं.
ं एक दूसरे की बांहों में ही सो गए.
फिर सुबह उठ कर मैंने देखा कि उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी. वो खुश नजर आ रही थीं. आंटी ने अपने पति को टिफ़िन बनाकर ऑफिस भेजा और बच्चे को स्कूल चले जाने दिया.
मैं उसी टाइम नहाने जा ही रहा था कि आंटी ने मुझे टोका- क्यों इतनी जल्दी नहाने क्यों जा रहे हो?
मैंने कहा- गर्मी लग रही है.
आंटी बोलीं- तो पहले गर्मी निकाल ले न.
मैं समझ गया. इतने में वो मेरे करीब आ गईं और फिर से मेरे अन्दर का शैतान जाग उठा. मैंने उनको बाथरूम के अन्दर खींच लिया. उनके होंठों को चूसने लगा. मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था और उनकी चूत से बार बार टकरा रहा था. इसके कारण आंटी भी गर्म हो गईं.
मैंने एक हाथ हॉट आंटी की सलवार के अन्दर डाल कर पैंटी के ऊपर से चूत को छुआ, तो पूरी गीली हो चुकी थी. मैंने चूत को सहलाते हुए उनके होंठों और गले को चूमना चालू रखा.
इतने ने आंटी ने शॉवर चालू कर दिया. हम दोनों सवार के नीचे खड़े होकर बहुत जोर से एक दूसरे को चूमने चाटने लगे.
मैंने आंटी की सलवार को उतार दिया. वो अब काले रंग की ब्रा में क्या मस्त लग रही थीं. उनके बड़े बड़े चूचे ब्रा से बाहर आने को तड़प रहे थे. मैं ब्रा के ऊपर से ही जोर जोर से उनके मम्मों को दबा दबा कर निप्पलों को चूसने लगा.
वो आहें भरने लगीं.
उनका एक हाथ मेरे लंड पर चलने लगा और वो मेरे शॉर्ट्स से लंड को बाहर निकाल कर आगे पीछे करने लगीं.
फिर तुरंत वो अपने घुटनों में बैठकर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. आंटी इस वक्त बिल्कुल एक रंडी की तरह लंड चूस रही थीं. बड़ा मजा आ रहा था. मैं तो बिल्कुल आसमान में सैर कर रहा था. ऊपर से शॉवर का पानी हम दोनों पर गिर रहा था, सच में बड़ा मजा आ रहा था. मैं इस मजे को शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
मैंने आंटी को उठाया और एक ही झटके में उनकी ब्रा को निकाल कर उनकी दोनों चूचियां को दोनों हाथों से दबा दबा कर चूसने लगा. मैं अपने होंठों को उनके निप्पलों में घुमा रहा था और वो गर्म सिसकारियां ले रही थीं.
फिर मैंने एक हाथ उनकी चुत में रखा और पैंटी निकाल दिया. उनकी चुत में एक उंगली डाल कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा. वो लगातार कामुक आवाजें निकालने लगीं- आह … स … आह.
मैं उनके मम्मों को चूसते हुए नीचे घुटने के बल बैठ गया. फिर उनकी चुत में मुँह लगा कर चुत को चूसने लगा. आंटी अपना एक पैर ऊपर उठा दिया और चूत चुसवाने लगीं. गरम सिसकारियां उनके मुँह से रुक नहीं रही थीं.
इतना रोमांटिक सेक्स शॉवर के नीचे हो रहा था, जिसका वर्णन करना मुश्किल है.
मैं उनके पैर फैला कर जोर जोर से चुत को चूसने में लगा था. इतने में उनकी चुत ने पानी छोड़ दिया. मैंने उनका नमकीन अमृत पी लिया और चूत को लगातार चाटता रहा.
इसके बाद मैंने उनको घोड़ी बनने को कहा और सीधे अपना लंड उनकी चुत में पीछे से डाल दिया. अचानक एक ही बार में लंड अन्दर गया, तो उनकी चीख निकल गयी.
आंटी बोलीं- आराम से करो.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया और अब उनको मजा आने लगा. वो भी गांड आगे पीछे करके चुदवाने लगीं. वो बोलने लगीं- अब जोर से करो … और जोर से पेलो … आह मजा आ रहा है … उफ्फ्फ मममम श!
उनसे भी ज्यादा मजा मुझे आने लगा.
सच में किसी भी लड़की या औरत के साथ शॉवर सेक्स करो, तो अलग ही मजा आता है. इसके बाद मैं उनकी गांड को पकड़ कर चुदाई करने लगा.
मुझे धक्के मारते हुए अब 15 मिनट हो गए थे. वो फिर से अकड़ने लगी थीं. आंटी बोलीं- आह मेरा हो..होने वाला है.
मैंने और तेज़ चोदना शुरू किया और इतने में वो झड़ गईं … मगर मैं नहीं झड़ा था. अब तो मुझे उनकी गांड ही नजर आ रही थी. मैंने शैम्पू उठाया और थोड़ा अपने लंड में लगाया और थोड़ा उनकी गांड के छेद में उंगली से अच्छे से घुसा कर चिकना कर दिया.
अब मैंने अपना लंड सीधे उनकी गांड में फिट किया और एक ही बार में घुसा दिया. उनकी चीख निकल गयी. वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं. लेकिन मैंने उनको छोड़ा नहीं … धीरे धीरे लंड आगे पीछे करता रहा.
कुछ ही देर बाद उनको भी मजा आने लगा था … वो साथ देने लगी थीं. इतनी सेक्सी गांड चोदने में मुझे इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊँ.
दस मिनट बाद मैं उनकी गांड मारते हुए गांड में ही झड़ गया.
फिर हमने एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया और नहाने के बाद नंगे ही बाहर आ गए. हम दोनों ने एक दूसरे को पौंछ कर कपड़े पहन लिए.
अब आंटी खाना बनाने लगीं, मैं थकान की वजह से सो गया. इस तरह मैंने आंटी की हर जगह चुदाई की. बेडरूम में, किचन में, बाथरूम में, मतलब आंटी की चुदाई घर के हर कोने में की, हर जगह बहुत सारे आसनों में उनको चोदा.
लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मजा शॉवर में आया था, इसलिए मैंने उन्हें ज्यादातर शॉवर सेक्स का मजा ही दिया.
लगभग 3 महीने में न जाने मैंने उनको न जाने कितनी बार चोदा और संतुष्ट किया. आज भी जब कभी मौका मिलता है … तो हम दोनों चुदाई में लग जाते हैं.