इस चोदने की कहानी में पढ़ें कि मेरे दोस्त की बहन को मैं कॉलेज छोड़ने गया तो उसकी चूची मेरी पीठ पर लगी और मैं उसे चोदने की सोचने लगा. तो मैंने क्या किया?
मैं जानू शर्मा आज आपके सामने अपनी एक सच्ची चोदने की कहानी बताने जा रहा हूँ. ये उस वक्त की बात है जब मैं नया-नया कॉलेज गया था. कुछ दिन के बाद मेरे कॉलेज में मेरा एक दोस्त बन गया था. उसका नाम था नितेश.
हम दोनों की आपस में खूब पटती थी. जल्दी ही हम दोनों गहरे दोस्त बन गये. वो अपनी हर बात मेरे साथ शेयर करता था और मैं भी अपनी हर बात उसको बताता था. धीरे-धीरे उसके घर पर भी आना-जाना हो गया.
शुरू के दिनों में तो मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था लेकिन फिर होते-होते बहुत कुछ हो गया. दोस्तो, मेरे फ्रेंड नितेश की एक बहन भी थी. वो देखने में काफी सुन्दर थी. मगर मैंने उसको कभी गलत नज़र से नहीं देखा था. चूंकि हम गहरे दोस्त थे इसलिए ऐसा खयाल कभी आया ही नहीं था मन में.
उसका नाम था मीनू. उसका फीगर 32-28-34 था. चूंकि उसके घर के सदस्यों के साथ मैं घुल मिल चुका था इसलिए उसकी बहन का फोन नम्बर भी मेरे पास था. मगर अभी तक हम दोनों में कुछ भी बात नहीं हुई थी. कभी ऐसा कुछ काम पड़ा ही नहीं था कि अलग से बात करनी पड़े.
मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था. एक दिन नितेश के माता पिता और नितेश को काम से जाना पड़ रहा था. मगर उसकी बहन को उस दिन कॉलेज छोड़ने वाला कोई नहीं था. इससे पहले तो वह अपने पापा के साथ ही कॉलेज जाती थी.
नितेश ने मुझे यह काम सौंप दिया. उनके जाने के बाद मीनू के फोन से मेरे फोन पर मैसेज आया- कब तक आ रहे हो?
मैंने रिप्लाई किया- बस कुछ ही देर में पहुंच रहा हूं.
उधर से जवाब आया- ओके, मैं वेट कर रही हूं.
मैं अपनी बाइक लेकर उसके घर चला गया. उस दिन मैंने कॉलेज की छुट्टी कर ली थी क्योंकि नितेश भी अपने मां और पापा के साथ गया हुआ था इसलिए मैं कॉलेज में बोर हो जाता. सुबह उसकी बहन को छोड़ने गया तो पहली बार मेरे शरीर में उसके जिस्म को लेकर एक सनसनी सी हुई.
मैं जानू शर्मा आज आपके सामने अपनी एक सच्ची चोदने की कहानी बताने जा रहा हूँ. ये उस वक्त की बात है जब मैं नया-नया कॉलेज गया था. कुछ दिन के बाद मेरे कॉलेज में मेरा एक दोस्त बन गया था. उसका नाम था नितेश.
हम दोनों की आपस में खूब पटती थी. जल्दी ही हम दोनों गहरे दोस्त बन गये. वो अपनी हर बात मेरे साथ शेयर करता था और मैं भी अपनी हर बात उसको बताता था. धीरे-धीरे उसके घर पर भी आना-जाना हो गया.
शुरू के दिनों में तो मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था लेकिन फिर होते-होते बहुत कुछ हो गया. दोस्तो, मेरे फ्रेंड नितेश की एक बहन भी थी. वो देखने में काफी सुन्दर थी. मगर मैंने उसको कभी गलत नज़र से नहीं देखा था. चूंकि हम गहरे दोस्त थे इसलिए ऐसा खयाल कभी आया ही नहीं था मन में.
उसका नाम था मीनू. उसका फीगर 32-28-34 था. चूंकि उसके घर के सदस्यों के साथ मैं घुल मिल चुका था इसलिए उसकी बहन का फोन नम्बर भी मेरे पास था. मगर अभी तक हम दोनों में कुछ भी बात नहीं हुई थी. कभी ऐसा कुछ काम पड़ा ही नहीं था कि अलग से बात करनी पड़े.
मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था. एक दिन नितेश के माता पिता और नितेश को काम से जाना पड़ रहा था. मगर उसकी बहन को उस दिन कॉलेज छोड़ने वाला कोई नहीं था. इससे पहले तो वह अपने पापा के साथ ही कॉलेज जाती थी.
नितेश ने मुझे यह काम सौंप दिया. उनके जाने के बाद मीनू के फोन से मेरे फोन पर मैसेज आया- कब तक आ रहे हो?
मैंने रिप्लाई किया- बस कुछ ही देर में पहुंच रहा हूं.
उधर से जवाब आया- ओके, मैं वेट कर रही हूं.
मैं अपनी बाइक लेकर उसके घर चला गया. उस दिन मैंने कॉलेज की छुट्टी कर ली थी क्योंकि नितेश भी अपने मां और पापा के साथ गया हुआ था इसलिए मैं कॉलेज में बोर हो जाता. सुबह उसकी बहन को छोड़ने गया तो पहली बार मेरे शरीर में उसके जिस्म को लेकर एक सनसनी सी हुई.