जब मैं बाइक चला रहा था तो उसका एक चूचा मेरी पीठ से टच हो रहा था. उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा हुआ था. जब-जब ब्रेक लगता था वो मेरी पीठ से आकर चिपक जाती थी. मेरा लंड अचानक ही तनने लगा. मगर जीन्स के अन्दर ही दबा रहा.
फिर मैं उसकी बहन को कॉलेज में छोड़ कर आ गया. आकर मैंने मुठ मार ली. मुझे थोड़ी शांति मिली.
उसके बाद नितेश का फिर से फोन आया कि उनको अभी आने में देर हो जायेगी तो उसने मुझे उसकी बहन को कॉलेज से वापस लाने के लिए भी कह दिया. अब मेरे मन में भी एक लालच सा आ गया था. मैं ना चाहते हुए भी उसकी बहन के बारे में सेक्स की सोच रखने लगा.
कॉलेज से वापस आते हुए मैंने जान-बूझ कर ब्रेक बार-बार लगाये ताकि उसके चूचे मेरी पीठ से टच हो सकें. वो भी बिल्कुल मेरी पीठ से चिपक जाती थी. मेरा लंड तो पानी छोड़ने लगा था. मैं बाइक को धीरे-धीरे चला रहा था ताकि उसकी बहन के साथ बाइक पर ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताया जा सके.
फिर रास्ते में स्पीड ब्रेकर पर बाइक उछली तो उसकी बहन ने मेरी जांघ पर हाथ रख लिया. स्स्स … उसके हाथ के इस तरह से मेरे लंड की बगल में रखे जाने से मेरे अंदर हवस जागने लगी. मेरा लंड झटके पर झटके देने लगा. मन तो कर रहा था कि उसके हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दूं लेकिन मैंने खुद पर नियंत्रण रखा क्योंकि मैं सोच रहा था कि पता नहीं उसके मन में ऐसा कुछ होगा या नहीं.
घर पहुंच कर मैंने उसको ड्रॉप किया. जब मैंने वापस जाने के लिए बाइक घुमाई तो वो बोली- जानू, कोल्ड ड्रिंक पीकर जाना. बहुत गर्मी है बाहर.
मैं तो जैसे मौके की तलाश में ही था तो मैंने तुरंत हां कर दी.
अंदर जाने के बाद मीनू किचन में गई और दो गिलास में कोल्ड ड्रिंक डाल कर ले आई. मेरी तरफ बढ़ाते हुए मुझे गिलास देने लगी तो मैंने कहा- पहले आप ले लो.
वो बोली- तुम मुझे आप क्यों कह रहे हो, मैं तुमसे उम्र में इतनी बड़ी हूं क्या? मुझे ‘तुम’ कह कर ही बुलाया करो.
मैंने कहा- ओके, पहले तुम ले लो.
वो मेरे सामने बैठ कर ही कोल्ड ड्रिंक पीने लगी. मैं उसकी छाती की तरफ देख रहा था. उसके टॉप में उसकी क्लिवेज दिख रही थी. वो भी मेरी नजर पर नजर रखे हुए थी और शायद कुछ जानबूझकर नीचे झुक रही थी ताकि मैं उसके चूचों के उभारों को देख कर उत्तेजित हो सकूं.
हुआ भी कुछ ऐसा ही. मेरा लंड वहीं पर तनने लगा. मैंने जीन्स पहनी हुई थी तो लंड की शेप अलग से चमकने लगी. मैंने एक टांग को उठा कर दूसरी पर रखते हुए तने हुए लंड को छिपाने की कोशिश की तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कराने लगी.
वो एकदम से बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड भी है क्या?
मैंने कहा- अभी तक तो नहीं.
वो बोली- ताज्जुब की बात है कि इतने स्मार्ट लड़के की गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैंने कहा- किसने कहा कि मैं स्मार्ट हूं?
वो बोली- मैं कह रही हूं.
उसके मन की बात मैं भांप गया था. इसलिए मैंने भी ट्राई करने का मन बना लिया और कहा- तुम भी कम खूबसूरत नहीं हो. तुम्हारा भी तो कोई बॉयफ्रेंड होगा.
वो बोली- नहीं, अभी तक ऐसा कोई मिला ही नहीं जो दिल को छू जाये.
मैंने कहा- तो कैसा बॉयफ्रेंड चाहिए तुम्हें?
वो बोली- तुम्हारे जैसा.
बस इतना सुनना था कि मैंने गिलास टेबल पर रखा और उसका हाथ पकड़ कर उसको अपनी तरफ खींचते हुए उसे अपनी गोद में बैठा लिया. वो भी जैसे मेरी तरफ से पहल का ही इंतजार कर रही थी. मेरी गोद में आते ही हम दोनों के होंठ एक दूसरे के मुंह से कोल्ड ड्रिंक का मिठास चूसने लगे.
मेरे हाथ उसके चूचों को दबाने लगा और उसकी बांहें मेरे गले में आकर पीछे से मेरे बालों को सहलाने लगीं. मेरा लंड उछल-उछल कर पागल हुआ जा रहा था. मैंने नितेश की बहन को वहीं सोफे पर लिटा लिया और उसके टॉप के ऊपर से ही जोर से उसके चूचों को मसलने लगा.
कुछ देर की चूमा चाटी के बाद वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गई. अंदर जाते ही उसने दरवाजा बंद किया और मुझसे लिपट गई. मैंने उसकी प्लाजो के ऊपर से ही उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. काफी देर तक खड़े-खड़े ही हम एक दूसरे से लिपटते रहे.
उसके बाद मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसके टॉप को निकलवा दिया. उसकी ब्रा को उतार कर उसके चूचों को नंगे कर दिया और उनको मुंह में लेकर पीने लगा. वो मेरे बालों में हाथ फिराने लगी. उसके चूचे बहुत ही गोरे और रसीले थे.
फिर मैंने उसकी लोअर को भी निकाल दिया. उसकी पैंटी को उतार कर देखा तो उसकी चूत को देखता ही रह गया मैं. ऐसा लग रहा था कि यह किसी कम उम्र की लड़की की चूत है. एकदम गोरी सी और बिल्कुल रोएंदार बालों वाली. मैंने उसकी टांगों को फैलाकर उसकी चूत पर अपने होंठों को रखा तो पता चला उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी है.
मैंने उसकी चू
फिर मैं उसकी बहन को कॉलेज में छोड़ कर आ गया. आकर मैंने मुठ मार ली. मुझे थोड़ी शांति मिली.
उसके बाद नितेश का फिर से फोन आया कि उनको अभी आने में देर हो जायेगी तो उसने मुझे उसकी बहन को कॉलेज से वापस लाने के लिए भी कह दिया. अब मेरे मन में भी एक लालच सा आ गया था. मैं ना चाहते हुए भी उसकी बहन के बारे में सेक्स की सोच रखने लगा.
कॉलेज से वापस आते हुए मैंने जान-बूझ कर ब्रेक बार-बार लगाये ताकि उसके चूचे मेरी पीठ से टच हो सकें. वो भी बिल्कुल मेरी पीठ से चिपक जाती थी. मेरा लंड तो पानी छोड़ने लगा था. मैं बाइक को धीरे-धीरे चला रहा था ताकि उसकी बहन के साथ बाइक पर ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताया जा सके.
फिर रास्ते में स्पीड ब्रेकर पर बाइक उछली तो उसकी बहन ने मेरी जांघ पर हाथ रख लिया. स्स्स … उसके हाथ के इस तरह से मेरे लंड की बगल में रखे जाने से मेरे अंदर हवस जागने लगी. मेरा लंड झटके पर झटके देने लगा. मन तो कर रहा था कि उसके हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दूं लेकिन मैंने खुद पर नियंत्रण रखा क्योंकि मैं सोच रहा था कि पता नहीं उसके मन में ऐसा कुछ होगा या नहीं.
घर पहुंच कर मैंने उसको ड्रॉप किया. जब मैंने वापस जाने के लिए बाइक घुमाई तो वो बोली- जानू, कोल्ड ड्रिंक पीकर जाना. बहुत गर्मी है बाहर.
मैं तो जैसे मौके की तलाश में ही था तो मैंने तुरंत हां कर दी.
अंदर जाने के बाद मीनू किचन में गई और दो गिलास में कोल्ड ड्रिंक डाल कर ले आई. मेरी तरफ बढ़ाते हुए मुझे गिलास देने लगी तो मैंने कहा- पहले आप ले लो.
वो बोली- तुम मुझे आप क्यों कह रहे हो, मैं तुमसे उम्र में इतनी बड़ी हूं क्या? मुझे ‘तुम’ कह कर ही बुलाया करो.
मैंने कहा- ओके, पहले तुम ले लो.
वो मेरे सामने बैठ कर ही कोल्ड ड्रिंक पीने लगी. मैं उसकी छाती की तरफ देख रहा था. उसके टॉप में उसकी क्लिवेज दिख रही थी. वो भी मेरी नजर पर नजर रखे हुए थी और शायद कुछ जानबूझकर नीचे झुक रही थी ताकि मैं उसके चूचों के उभारों को देख कर उत्तेजित हो सकूं.
हुआ भी कुछ ऐसा ही. मेरा लंड वहीं पर तनने लगा. मैंने जीन्स पहनी हुई थी तो लंड की शेप अलग से चमकने लगी. मैंने एक टांग को उठा कर दूसरी पर रखते हुए तने हुए लंड को छिपाने की कोशिश की तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कराने लगी.
वो एकदम से बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड भी है क्या?
मैंने कहा- अभी तक तो नहीं.
वो बोली- ताज्जुब की बात है कि इतने स्मार्ट लड़के की गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैंने कहा- किसने कहा कि मैं स्मार्ट हूं?
वो बोली- मैं कह रही हूं.
उसके मन की बात मैं भांप गया था. इसलिए मैंने भी ट्राई करने का मन बना लिया और कहा- तुम भी कम खूबसूरत नहीं हो. तुम्हारा भी तो कोई बॉयफ्रेंड होगा.
वो बोली- नहीं, अभी तक ऐसा कोई मिला ही नहीं जो दिल को छू जाये.
मैंने कहा- तो कैसा बॉयफ्रेंड चाहिए तुम्हें?
वो बोली- तुम्हारे जैसा.
बस इतना सुनना था कि मैंने गिलास टेबल पर रखा और उसका हाथ पकड़ कर उसको अपनी तरफ खींचते हुए उसे अपनी गोद में बैठा लिया. वो भी जैसे मेरी तरफ से पहल का ही इंतजार कर रही थी. मेरी गोद में आते ही हम दोनों के होंठ एक दूसरे के मुंह से कोल्ड ड्रिंक का मिठास चूसने लगे.
मेरे हाथ उसके चूचों को दबाने लगा और उसकी बांहें मेरे गले में आकर पीछे से मेरे बालों को सहलाने लगीं. मेरा लंड उछल-उछल कर पागल हुआ जा रहा था. मैंने नितेश की बहन को वहीं सोफे पर लिटा लिया और उसके टॉप के ऊपर से ही जोर से उसके चूचों को मसलने लगा.
कुछ देर की चूमा चाटी के बाद वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गई. अंदर जाते ही उसने दरवाजा बंद किया और मुझसे लिपट गई. मैंने उसकी प्लाजो के ऊपर से ही उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. काफी देर तक खड़े-खड़े ही हम एक दूसरे से लिपटते रहे.
उसके बाद मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसके टॉप को निकलवा दिया. उसकी ब्रा को उतार कर उसके चूचों को नंगे कर दिया और उनको मुंह में लेकर पीने लगा. वो मेरे बालों में हाथ फिराने लगी. उसके चूचे बहुत ही गोरे और रसीले थे.
फिर मैंने उसकी लोअर को भी निकाल दिया. उसकी पैंटी को उतार कर देखा तो उसकी चूत को देखता ही रह गया मैं. ऐसा लग रहा था कि यह किसी कम उम्र की लड़की की चूत है. एकदम गोरी सी और बिल्कुल रोएंदार बालों वाली. मैंने उसकी टांगों को फैलाकर उसकी चूत पर अपने होंठों को रखा तो पता चला उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी है.
मैंने उसकी चू