Yeh Sundar Kavita
Har Rishte Ke Liye Sahi Hai
मैं रूठा ,
तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है ,
कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप ,
तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से ,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर ,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी ,
न तुम राजी ,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन
दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे ,
एक तेरे भीतर भी ,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला
रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन
एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन ?
_Respect Each Other_
_Ignore Mistakes_
. पैर की मोच
और
छोटी सोच ,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔
टूटी कलम
और
औरो से जलन ,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
काम का आलस
और
पैसो का लालच ,
हमें महान
बनने नहीं देता ।
😔😔😔😔😔😔😔😔
. अपना मजहब उंचा
और
गैरो का ओछा ,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔
👌दुनिया में सब चीज
मिल जाती है,......
केवल अपनी गलती
नहीं मिलती.........
😔😔😔😔😔😔😔😔
भगवान से वरदान माँगा
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो ,
अचानक दोस्त
कम हो गए......
😔😔😔😔😔😔😔😔
" जितनी भीड़ ,
बढ़ रही
ज़माने में........।
लोग उतनें ही ,
अकेले होते
जा रहे हैं......।।।
😔😔😔😔😔😔😔😔
इस दुनिया के
लोग भी कितने
अजीब है ना ;
सारे खिलौने
छोड़ कर
जज़बातों से
खेलते हैं........
😔😔😔😔😔😔😔😔
किनारे पर तैरने वाली
लाश को देखकर
ये समझ आया........
बोझ शरीर का नही
साँसों का था......
😔😔😔😔😔😔😔😔
“ तारीख हज़ार
साल में बस इतनी
सी बदली है…........
तब दौर
पत्थर का था
अब लोग
पत्थर के हैं
स्वर्ग का सपना छोड़ दो,
नर्क का डर छोड़ दो ,
कौन जाने क्या पाप ,
क्या पुण्य ,
बस............
किसी का दिल न दुखे
अपने स्वार्थ के लिए ,
बाकी सब
कुदरत पर छोड़ दो.......
. 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
और
जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!
👌👌👌👌👌😇😇
तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!
👌👌👌👌😇😇
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...
👌👌👌👌👌👌👌
पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;
लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......
👌👌👌👌👌👌👌👌
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....
पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।
:👌 शानदार बात👌
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...
👌👌👌👌👌😇😇
कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की...
महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..
😎😎😇😇😇
चंद लाइने पुरे ग्रुप के लीये…..
जिंदगी से हर पल एक मोज मिली,
कभी कभी नहीं हर रोज मिली.