बिन सफ़र, बिन मंज़िलों का एक रास्ता होना चाहता हूँ।
कहीं दूर किसी जंगल में, ठहरा दरिया होना चाहता हूँ।
एक ज़िन्दगी होना चाहता हूँ, बिना रिश्तों और रिवाजों की।
दूर आसमान से गिरते, झरने में कहीं खोना चाहता हूँ।
मैं आज 'मैं होना चाहता हूँ।
कहीं दूर किसी जंगल में, ठहरा दरिया होना चाहता हूँ।
एक ज़िन्दगी होना चाहता हूँ, बिना रिश्तों और रिवाजों की।
दूर आसमान से गिरते, झरने में कहीं खोना चाहता हूँ।
मैं आज 'मैं होना चाहता हूँ।