झूठ की दरारों के नाते रिश्तों की पूरी जमीन नदी में धँस जाती है...!
और अब वक़्त है सब कुछ,खुद को,रोशनी को बचाने का।
टूटी उम्मीदों को रफू करने का,मुस्कराने का...!😊
और अब वक़्त है सब कुछ,खुद को,रोशनी को बचाने का।
टूटी उम्मीदों को रफू करने का,मुस्कराने का...!😊