इस दिल का हाल समझती हो,
तुम दिल की कितनी अच्छी हो !
सौंधी-सौंधी ख़ुशबू वाली,
बारिश की मौसम जैसी हो !
रहती हो पलको की घर में,
आंखों की काजल लगती हो !
पल में रूठो, पल में मानो,
भीतर से बिल्कुल बच्ची हो !
आ जाओ 'अहमद' की दुनिया में,
दिल में तो तुम सदियों से हो !
कतरा-कतरा इन आँखों से,
हर रोज तुम बहती हो !
तुम दिल की कितनी अच्छी हो !
सौंधी-सौंधी ख़ुशबू वाली,
बारिश की मौसम जैसी हो !
रहती हो पलको की घर में,
आंखों की काजल लगती हो !
पल में रूठो, पल में मानो,
भीतर से बिल्कुल बच्ची हो !
आ जाओ 'अहमद' की दुनिया में,
दिल में तो तुम सदियों से हो !
कतरा-कतरा इन आँखों से,
हर रोज तुम बहती हो !