कि देखते रहते हैं बस तुम्हे कहते कुछ भी नहीं,
अब इसे डर कहो या घमंड कहो मगर कभी पास आकर कुछ तो कहीं
आकर पूछो अगर कभी तुम कि ऐसा भी क्या देखते रहते हो मुझमें भला तुम
तो बताऊं तुमको मेरे लिए क्या हो तुम, छूकर देखूं कहीं इक झलावा तो नहीं तुम
कि आंखों की रोशनी के मायने तब जाने जब देखा तुमको हंसता, इठलाता, सजता, संवरता
कि देखी खूबसूरती तुम्हारी तो जाना क्यों करते शायर झुमकों, बिंदियों और लालियों की बातें
क्यों, कोई, कब, कैसे, किसी के सपनों में आता है कैसे एक अजनबी किसी को इतना प्यारा हो जाता है
तुम आओ तो बताऊं तुमको कि कैसे तुम्हारे आस पास होने पर मेरी धड़कने दिल को चीरकर तुम्हें छूने को कोशिश करती है
कि तुम्हारे पास होने से कैसे दुनियां कुछ पल के लिए गायब हो जाती है.
*कि मैंने कभी देखी तो नहीं मगर जैसा लोगों ने बताया, टीवी चैनलों ने दिखाया मेरे लिए ठीक वैसी ही अप्सरा हो तुम
कि तुम आओ तो बताऊं तुमको.......
𝗕𝘆 💫 ➪ @Be_khyali 💫
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