Репост из: 『🖊️🖋️कलम-ए-इश्क🖋️🖊️』
•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
जितना कहूं कम सा होगा,
ये एक ऐसे सख्स है,
थोड़ा जिंदगी में व्यस्त है,
मगर रूह को छु जाए कुछ ऐसे इनके लफ्ज़ है।।
नज्मों में दर्द हो जब,
तो बात इनकी आ जाती है।
ग़ज़लें , शायरी और बातो का,
इनके अलग ही रूप होता है।।
दर्द लिखे या प्यार को,
समर्पित होकर लिखते है ये हर जज़्बात को।।
थोड़ा सा कहूं तो ये बिंदास है,
इनकी हर गजल अपने आप में खास है।।
Dedicated to Najm-Ae-Bawara✨
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
जितना कहूं कम सा होगा,
ये एक ऐसे सख्स है,
थोड़ा जिंदगी में व्यस्त है,
मगर रूह को छु जाए कुछ ऐसे इनके लफ्ज़ है।।
नज्मों में दर्द हो जब,
तो बात इनकी आ जाती है।
ग़ज़लें , शायरी और बातो का,
इनके अलग ही रूप होता है।।
दर्द लिखे या प्यार को,
समर्पित होकर लिखते है ये हर जज़्बात को।।
थोड़ा सा कहूं तो ये बिंदास है,
इनकी हर गजल अपने आप में खास है।।
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