विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) : 2021
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस की घोषणा 2 अप्रैल, 2007 में की गई थी।
उद्देश्य :
• ऑटिज़्म से ग्रस्त बच्चों और बड़ों के जीवन में सुधार करने तथा उन्हें सार्थक जीवन बिताने में सहायता प्रदान करने हेतु।
प्रतीक रंग : नीला
ऑटिज़्म अथवा ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) :
• यह एक मानसिक रोग या मस्तिष्कीय विकास के दौरान होने वाला विकार है जिसके लक्षण जन्म से या बाल्यावस्था (प्रथम तीन वर्षों में) में ही नज़र आने लगते हैं जो व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।
• इससे ग्रसित व्यक्ति बाहरी दुनिया से अनजान व आत्मकेन्द्रित होकर अपनी ही दुनिया में खोया रहता है।
• ऑटिज्म को कई नामों से जाना जाता है, जैसे - स्वलीनता, स्वपरायणता।
• कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ऑटिज़्म महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक देखा गया है।
ऑटिज्म /स्वालीनता /ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर /आत्मविमोह /स्वपरायणता:-
सर्वप्रथम पहचान -- लियोकेनर
विकार की पहचान -
--तंत्रिका विकार
-- मस्तिष्क विकार
-- सामाजिक /शारीरिक प्रभाव
--भावनात्मक व्यवहारात्मक प्रभाव
ऑटिज्म के लक्षण (3 )
1. संप्रेषण संबंधी:-
-- अंतःक्रिया न कर पाना
-- कम बोलना, प्रतिक्रिया न करना
-- हकलाना /तुतलाना
--अजीबोगरीब शब्द बोलना
--बोलते बोलते रुक जाना
--संकेतों के माध्यम से बोलना
2. सामाजिक लक्षण :-
--उदासीन /तटस्थ रहना
--एकांतवासी रहना
--अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाला व्यक्ति
--नजरें नहीं मिलाना
--मुस्कुराने की दिक्कत
--भावनाओं को नहीं समझना
3. नकारात्मक लक्षण :-
--रुढ़िबद्ध व्यवहार
--परिवर्तन का विरोध करना
--बाध्यकारी व्यवहार
--सीमित रुचियां
--आत्मघाती व्यवहार
--खुद को चोट पहुंचाना
ऑटिज्म के कारण
1.वंशानुक्रम (अनुवांशिकता)
स्पोरेडिक ऑटिज्म:- वंशानुक्रम मे ना होने के कारण(बावजूद) लक्षण आ जाना ।
2. मस्तिष्क विकार
3. पर्यावरणीय विकार
https://t.me/reet_utkarsh_jodhpur