ज़ुबान खामोश आंखो मे नमी होगी..!
यही "साहिल" की बस एक "दास्तान-ए-जिन्दगी" होगी..!!
भरने को तो हर ज़ख्म भर जायेंगे..!
कैसे भरेगी वो जगह,जहा तेरी कमी होगी..!!
यही "साहिल" की बस एक "दास्तान-ए-जिन्दगी" होगी..!!
भरने को तो हर ज़ख्म भर जायेंगे..!
कैसे भरेगी वो जगह,जहा तेरी कमी होगी..!!