तिनके तिनके मे बिखरते चले गये,
तन्हाई की गहराइयो मे उतरते चले गये,
जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तो के साथ,
एक एक कर के सब बिछड़ते चले गये।
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तन्हाई की गहराइयो मे उतरते चले गये,
जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तो के साथ,
एक एक कर के सब बिछड़ते चले गये।
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