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अभी तुम्हारा समय नहीं है
मन तुम्हारा निर्भय नहीं है !
सीख तुम्हें लेना पड़ेगा
तप-त्याग तुम्हें देना पड़ेगा !
रणनीति बनाए बड़े-बड़े
पग बढ़ता है क्यों डरे-डरे !
रे मन जग को क्यों पुकारे
यह सब जीवनगीत है गा रे !
गले लगा पराजय का दिन है
अंदर ही अंदर क्यों खिन्न है ?
ज्ञान का अंत नहीं है जग में
सबकुछ होता है लगभग में !
अभी समय है खुद को समझा रे
संघर्ष-पथ पर मत घबरा रे !
रे मन तू क्यों इतना भागे
कई वीर हजारों मील है आगे !
साधना की ज्वाला में तपा
मानक तय कर कई दफा !
ठोक-ठाक कर खुद को संवार
रहे न मन में कुछ भी विकार !
जो बीत चूका उसको भुला रे
अवसर को खुद ही बुला रे !
रे मन मत तोड़ विश्वास के धागे
खुद ही खुद की उल्लास बढ़ा रे !
🤘🏻🤘🏻🤘🏻
Jᴏɪɴ 🔜 MyTurn007🌸
(Https://t.me/myturn007)
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अभी तुम्हारा समय नहीं है
मन तुम्हारा निर्भय नहीं है !
सीख तुम्हें लेना पड़ेगा
तप-त्याग तुम्हें देना पड़ेगा !
रणनीति बनाए बड़े-बड़े
पग बढ़ता है क्यों डरे-डरे !
रे मन जग को क्यों पुकारे
यह सब जीवनगीत है गा रे !
गले लगा पराजय का दिन है
अंदर ही अंदर क्यों खिन्न है ?
ज्ञान का अंत नहीं है जग में
सबकुछ होता है लगभग में !
अभी समय है खुद को समझा रे
संघर्ष-पथ पर मत घबरा रे !
रे मन तू क्यों इतना भागे
कई वीर हजारों मील है आगे !
साधना की ज्वाला में तपा
मानक तय कर कई दफा !
ठोक-ठाक कर खुद को संवार
रहे न मन में कुछ भी विकार !
जो बीत चूका उसको भुला रे
अवसर को खुद ही बुला रे !
रे मन मत तोड़ विश्वास के धागे
खुद ही खुद की उल्लास बढ़ा रे !
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Jᴏɪɴ 🔜 MyTurn007🌸
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