Репост из: Srila Prabhupada
Alone is not possible. Therefore we have established this ISKCON society. Sadhu-sanga. Just to give opportunity to persons who have got little faith into Krsna consciousness.
एकाकी/अकेले चलना संभव नहीं है, इसलिए हमने इस्कॉन की स्थापना की | समाज के लोगों को साधुसंग, भक्तों का संग उपलब्ध हो यही लक्ष्य है | जो लोग कृष्णभावनामृत में थोडा भी विश्वास रखते है, उन्हें यहाँ प्रगति हेतु उपयुक्त अवसर मिले |
07 Jan 1967
एकाकी/अकेले चलना संभव नहीं है, इसलिए हमने इस्कॉन की स्थापना की | समाज के लोगों को साधुसंग, भक्तों का संग उपलब्ध हो यही लक्ष्य है | जो लोग कृष्णभावनामृत में थोडा भी विश्वास रखते है, उन्हें यहाँ प्रगति हेतु उपयुक्त अवसर मिले |
07 Jan 1967