Репост из: Srila Prabhupada
We must be fixed up in your own rupa, svarupa, svarupa-siddhi. Svarupa-siddhi means to be engaged in the service of Lord. That is real mukti.
हमें अपने स्वरूप में स्थित होना होगा, अर्थात् स्वरूप - सिद्धि। स्वरूप सिद्धि का अर्थ है भगवान् की सेवा में संलग्न होना । वह सच्ची मुक्ति है।
मुम्बई, 9 जनवरी 1973
हमें अपने स्वरूप में स्थित होना होगा, अर्थात् स्वरूप - सिद्धि। स्वरूप सिद्धि का अर्थ है भगवान् की सेवा में संलग्न होना । वह सच्ची मुक्ति है।
मुम्बई, 9 जनवरी 1973