उसे तुम्हारी ज़रूरत नहीं तो क्या कीजे,
भला यही है कि बस ख़त्म राब्ता कीजे,
तुम्हें है इश्क़ अगर अपनी ज़िन्दगी से तो,
लगे न दिल की लगी फिर यही दुआ कीजे।
भला यही है कि बस ख़त्म राब्ता कीजे,
तुम्हें है इश्क़ अगर अपनी ज़िन्दगी से तो,
लगे न दिल की लगी फिर यही दुआ कीजे।