वो ज़िस्म का भुखा मोहब्बत के लिबास में मिला था
पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला थाl
देखते देखते वो मेरा हमराज बन गया
कि हर दफा मुझे वो यकीन बन कर मिला था
हे किस्मत मेरे साथ तेरा क्या गिला था
वो आखरी वार मुझे बिस्तर पर मिला था
पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला थाl
देखते देखते वो मेरा हमराज बन गया
कि हर दफा मुझे वो यकीन बन कर मिला था
हे किस्मत मेरे साथ तेरा क्या गिला था
वो आखरी वार मुझे बिस्तर पर मिला था