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❇️ Today Gk In Hindi ❇️

• फ़्रांस से आये पांच राफेल विमानों की जिस एयरबेस पर लैंडिंग कराई गयी है।
✔️अंबाला एयरबेस

• भारतीय मूल की जिस लेखिका के उपन्यास बर्न्ट शुगर को प्रतिष्ठित अवार्ड ‘बुकर’ हेतु शामिल किया गया है।
✔️अवनि दोशी

• पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पाकिस्तानी बल्लेबाज उमर अकमल का जितने साल का बैन घटाकर 18 महीने कर दिया है।
✔️तीन साल

• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और जिस देश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंज़ूरी दे दी है।
✔️जिम्बाब्वे

• बांग्लादेश के युवा तेज गेंदबाज काजी अनिक इस्लाम को 2018 में डोप परीक्षण में विफल होने के कारण राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड ने जितने साल के लिए प्रतिबंधित किया है।
✔️दो साल

• आईआरसीटीसी ने जिस बैंक के साथ मिलकर रुपे कार्ड लॉन्च किया है।
✔️भारतीय स्टेट बैंक

• महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस प्रसार को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन जिस तारीख तक बढ़ा दिया है।
✔️31 अगस्त


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❇️👉मंत्री पद की शपथ ईश्वर की ली जाती है, संविधान की क्यों नहीं?

🅾👉 क्योंकि संविधानकारो को भी पता था कि व्यक्ति सिर्फ किसी पारलौकिक शक्ति से ही डरता है। उन्हें पता था कि लोग संविधान को मजह एक संहिताबध्य कानूनी किताब की तरह लेंगे और लोग इसका नाम से शपथ लेकर शपथ को तोड़ भी देंगे और उनके मन में कोई पछतावा नहीं होगा। जबकि लोग ईश्वर की शाप में कुछ गलत इच्छाशक्ति रखते हैं, तो उन्हें ईश्वर के प्रकोप का भय होगा। इसलिए कॉन्स्ट निर्माताओं ने मंत्री पद की शपथ का प्रारूप इस तरह से बनाया है कि इनमें कलाकारों को अपने धर्म के ईश्वर को साक्षी मानकर संविधान की रक्षा और पद और संज्ञा की शपथ लेनी पड़ी

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❇️ Important Current Affairs | Today Gk In Hindi ❇️

Q.1. किस राज्य सरकार ने 01 सितम्बर से धार्मिक स्थल खोलने की घोषणा की है ?
Ans. राजस्थान

Q.2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस देश के नए सुप्रीम कोर्ट भवन का उद्घाटन किया है ?
Ans. मॉरीशस

Q.3. किसने पर्सनल UPI पेमेंट लिंक Mpay.Me लांच किया है ?
Ans. MobiKwik

Q.4. भारतीय मूल की किस लेखिका के उपन्यास बर्ट शुगर को बुकर अवार्ड हेतु शामिल किया गया है ?
Ans. अवनि दोशी

Q.5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया निजी सचिव किसे नियुक्त किया गया है ?
Ans. हार्दिक सतीशचंद्र शाह

Q.6. नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी जिलों की सूची में कौन शीर्ष पर रहा है ?
Ans. बीजापुर

Q.7. हाल ही में किस राज्य सरकार ने भूकंप से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है ?
Ans. दिल्ली

Q.8. कहाँ 12 AMRIT फार्मेसियों की स्थापना की गयी है ?
Ans. जम्मू कश्मीर

Q.9. भारतीय मूल के प्रीतम सिंह किस देश की संसद में नेता प्रतिपक्ष बने हैं ?
Ans. सिंगापुर

Q.10. किसने मेडिकल बेड आइसोलेशन सिस्टम ‘आश्रय’ विकसित किया है ?
Ans. पुणे विश्वविद्यालय

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💥 Happy Rakshabandhan Guys💥


The world’s highest railway bridge over river Chenab In J&K will be ready by 2021 . It will connect the Vally with the rest of India by train for the first time by 2022 .the bridge with the central spam of 467 metres is being built at a height of 359 metres above the water bed .






❇️👉UGC ( University grants commission) क्या है? ❇️

UGC एक ऐसा आयोग है जो देश के सभी विश्‍वविद्यालय को Grants (अनुदान) प्रदान करता है. इसके अलावे University Grants Commission (UGC) Colleges को Affiliation भी प्रदान करता है.

👉यह एक वैधानिक निकाय है जिसे 1956 में शुरू किया गया था. यह भारत की विश्वविद्यालय शिक्षा के मानक को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किया गया था. प्रोफेसर वेद प्रकाश जब इस संस्थान की शुरुआत कर रहे थे तब वे एक महान शिक्षाविद थे. यूजीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है. आज के रूप में, कार्यालय कोलकाता, नई दिल्ली और बैंगलोर सहित सभी प्रमुख शहरों में स्थित हो सकते हैं.

👉स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने सोचा कि शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा से लेकर शिक्षा के उच्चतम स्तर जैसे पीएचडी की डिग्री तक अधिकतम महत्व दिया जाना चाहिए. यही कारण है कि वे एक ऐसे निकाय के साथ आना चाहते थे जो यह सुनिश्चित करे कि भारत में शिक्षा एक निश्चित मानक को पूरा करे. यूजीसी मूल रूप से अलीगढ़ विश्वविद्यालय, बनारस विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय को देख रहा था.

👉1957 में लगभग सभी विश्वविद्यालय यूजीसी के नियंत्रण में आ गए. यह देश में एकमात्र Grants देने वाला संस्थान है. यह धन प्रदान करता है और यह भारत में विश्वविद्यालयों के समन्वय और रखरखाव के लिए भी व्यवस्था करता है।

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❇️👉सविनय अवज्ञा आन्दोलन: 1930 ❇️

👉1929 ई. में लाहौर के काँग्रेस अधिवेशन में काँग्रेस कार्यकारणी ने गाँधीजी को यह अधिकार दिया कि वह सविनय अवज्ञा आन्दोलन आरंभ करें। तद्नुसार 1930 में साबरमती आश्रम में कांग्रेस कार्यकारणी की बैठक हुई।

❇️👉आन्दोलन के कारण

👉ब्रिटिश सरकार ने नेहरू रिपोर्ट को अस्वीकृत कर भारतीयों के लिए संधर्ष के अतिरिक्त अन्य कोई मार्ग नहीं छोड़ा

👉देश की आर्थिक स्थिति शोचनीय हो गयी थी. विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से भारत भी अछूता नहीं रहा. एक तरफ विश्व की महान आर्थिक मंदी ने, तो दूसरी तरपफ सोवियत संघ की समाजवादी सफलता और चीन की क्रान्ति के प्रभाव ने दुनिया के विभिन्न देशों में क्रान्ति की स्थिति पैदा कर दी थी. किसानों और मजदूरों की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी थी. फलस्वरूप देश का वातावरण तेजी से ब्रिटिश सरकार विरोधी होता गया

👉भारत की विप्लवकारी स्थिति ने भी आन्दालेन को शुरू करने को प्रेरित किया. आंतकवादी गतिविधियाँ बढ़ रही थीं. ‘मेरठ षड्यंत्र केस’ और ‘लाहौर षड्यंत्र केस’ ने सरकार विरोधी विचारधाराओं को उग्र बना दिया.

👉किसानों, मजदूरों और आंतकवादियों के बीच समान दृष्टिकोण बनते जा रहे थे. इससे हिंसा और भय का वातावरण व्याप्त हो गया. हिंसात्मक संघर्ष की संभावना अधिक हो गयी थी.

👉सरकार राष्ट्रीयता और देश प्रेम की भावना से त्रस्त हो चुकी थी. अतः वह नित्य दमन के नए-नए उपाय थी. इसी सदंर्भ में सरकार ने जनवरी 1929 में ‘पब्लिक सफ्तेय बिल’ या ‘काला काननू’ पेश किया, जिसे विधानमडंल पहले ही अस्वीकार कर चुका था. इससे भी जनता में असंतोष फैला.

👉31 अक्टूबर, 1929 को वायसराय लार्ड इर्विन ने यह घोषणा की कि – “मुझे ब्रिटिश सरकार की ओर से घोषित करने का यह अधिकार मिला है कि सरकार के मतानुसार 1917 की घोषणा में यह बात अंतर्निहित है कि भारत को अन्त में औपनिवेशिक स्वराज प्रदान किया जायेगा.” लॉर्ड इर्विन की घोषणा से भारतीयों के बीच एक नयी आशा का संचार हुआ. फलतः वायसराय के निमंत्रण पर गाँधीजी, जिन्ना, तेज बहादुर सप्रु, विठ्ठल भाई पटेल इत्यादि कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली में उनसे मुलाक़ात की. वायसराय डोमिनियन स्टटे्स के विषय पर इन नेताओं को कोई निश्चित आश्वासन नहीं दे सके. दूसरी ओर, ब्रिटिश संसद में इर्विन की घोषणा (दिल्ली घोषणा पत्र) पर असंतोष व्यक्त किया गया. इससे भारतीय जनता को बड़ी निराशा हुई और सरकार के विरुद्ध घृणा की लहर सारे देश में फैल गयी.

👉उत्तेजनापूर्ण वातावरण में कांग्रेस का अधिवेशन दिसम्बर 1929 में लाहौर में हुआ. अधिवेशन के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे जो युवक आन्दोलन और उग्र राष्ट्रवाद के प्रतीक थे. इस बीच सरकार ने नेहरू रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया था. महात्मा गांधी ने राष्ट्र के नब्ज को पहचान लिया और यह अनुभव किया कि हिंसात्मक क्रान्ति का रोकने के लिए ‘सविनय अवज्ञा आन्दालेन’ को अपनाना होगा. अतः उन्होंने लाहौर अधिवेशन में प्रस्ताव पेश किया कि भारतीयों का लक्ष्य अब ‘पूर्ण स्वाधीनता’ है न कि औपनिवेशिक स्थिति की प्राप्ति, जो गत वर्ष कलकत्ता अधिवेशन में निश्चित किया गया था

❇️👉निष्कर्ष

👉इस आन्दोलन की एक प्रमुख विशेषता महिलाओं की भागीदारी थी. हजारों महिलाओं ने घरों से बाहर निकलकर आन्दोलन में सक्रिय सहयोग दिया. यहाँ यह उल्लेखनीय है कि मुस्लिम लीग को छोड़ भारत के सभी दलों और सभी वर्गों ने इस आन्दोलन का साथ दिया. अब सरकार भी गाँधीजी और कांग्रेस के महत्त्व को समझने लगी. वह समझ गयी कि आन्दालेन को केवल ताकत के बल पर नहीं दबाया जा सकता है. अतः संवैधानिक सुधारों की बात सोची जाने लगी. इसी उद्देश्य से लन्दन में प्रथम गालमेज सम्मलेन हुआ, परन्तु कांग्रेस के बहिष्कार के चलते वह असफल रहा. बाध्य होकर सरकार को गाँधी के साथ समझौता-वार्ता करनी पड़ी, जो ‘गांधी-इर्विन पैक्ट’ के नाम से विख्यात है।

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❇️👉सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) ❇️

👉किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में आमलोगों को 'सूचना का अधिकार' प्रदान करने का तात्पर्य होता है, जनभागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम। क्योंकि किसी भी संवैधानिक सत्ता से समुचित सूचना पाने का जो अधिकार पहले सिर्फ जनप्रतिनिधियों के पास होता है, वही कमोबेश इस कानून के माध्यम से जनता में भी हस्तांतरित कर दिया गया है।

👉यदि आम लोगों के द्वारा इसका सदुपयोग किया जाए तो सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार में काफी कमी आ सकती है। इससे विकास और सुशासन की अवधारणा परिपुष्ट होती है। लेकिन यदि इसका किसी भी प्रकार से दुरुपयोग किया जाए अथवा दुश्मन देशों से एकत्रित आंकड़े व जानकारियां साझा की जाने लगें तो किसी भी शासन द्वारा स्थापित व्यवस्था की स्वाभाविक गति भी अवरुद्ध हो सकती है।

👉शायद यही वजह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता व अखंडता जैसे अहम पहलुओं के मद्देनजर कुछ सूचनाओं को मांगने का जनता का अधिकार ही इस कानून में कानूनन प्रतिबंधित कर दिया गया है।

❇️👉वर्ष 2005 में भारत में अस्तित्व में आया सूचना का अधिकार कानून

👉15 जून 2005 को भारत में सूचना का अधिकार कानून को अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया। सूचना का अधिकार को अंग्रेजी में राईट टू इन्फॉरमेशन कहा जाता है, जिसका तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार। जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना के अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य प्रणाली और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।

👉किसी भी लोकतंत्र में देश की जनता अपने चुने हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और उनसे यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने सभी दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन, बदलती परिस्थितियों में अधिकांश राष्ट्रों ने अपने दायित्वों का गला घोंटते हुए पारदर्शिता और ईमानदारी की बोटियां नोंचने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, लगे हाथ भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े कीर्तिमान कायम करने के लिए एक भी मौका अपने हाथ से गंवाना नहीं भूले, तब जाकर सूचना का अधिकार कानून की अहमियत समझी गई और इसे लागू करने के लिए एक सार्थक मुहिम चलाई गई।

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मेरी हालत से मत लगाओ मेरी उम्र का अंदाजा ..!
जितनी जिंदगी तुमने जी है उतनी तो हमने बर्बाद की है...!

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🔶 2020 में मिले अवार्ड , पार्ट - 01🔶

🔵 ग्लोबल बिहार एक्सीलेंस अवार्ड 2019
♦️ पीयूष जायसवाल

🔵 मिस टीन इंटरनेशनल 2019
♦️ आयुषी ढोलकिया

🔵 100 ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड
♦️ सुचेता सतीश

🔵 कोस्टा चिल्ड्रन अवार्ड 2019
♦️ जसबिंदर बिलन

🔵 कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2019
♦️ कृष्णमाचारी श्रीकांत

🔵 BCCI लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2019
♦️ अंजुम चोपड़ा

🔵 BCCI सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर 2019
♦️ पूनम यादव

🔵 BCCI पॉली उमरीगर पुरस्कार 2019
♦️ जसप्रीत बुमराह

🔵 2019 के सर्वश्रेष्ठ ODI क्रिकेटर
♦️ रोहित शर्मा

🔵 ICC स्प्रिट ऑफ क्रिकेट अवार्ड
♦️ विराट कोहली

🔵 WEF में क्रिस्टल अवार्ड
♦️ दीपिका पादुकोण

🔵 मुप्पावरप्पु वेंकैया नायडू नेशनल अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस
♦️ डॉक्टर एमएस स्वामीनाथन

🔵 ग्लोबल चाइल्ड प्रोडगी अवार्ड
♦️ ईश्वर शर्मा

🔵 29 वें सरस्वती सम्मान ( लघु कथा संग्रह चेकबुक के लिए )
♦️ सिंधी लेखक वासुदेव मोही

🔵 मर्क यंग साइंटिस्ट अवार्ड 2019
♦️ शाक्य सिंहा

🔵 सिस्को यूथ लीडरशिप अवार्ड
♦️ हेल्थ सेट गो के संस्थापक प्रिया प्रकाश

🔵 सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार
♦️ आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र , उत्तराखंड ( संस्था श्रेणी में ) और कुमार मुन्नन सिंह ( व्यक्तिगत श्रेणी में )

🔵 आउटस्टैंडिंग मीडिया पर्सन ( केरल मीडिया अकादमी के राष्ट्रीय पुरस्कार )
♦️ हिन्दू ग्रुप के चेयरमैन N. राम

🔵 2019 हरित रत्न पुरस्कार
♦️ डॉक्टर एन कुमार

🔵 गणतंत्र दिवस परेड 2020 में झाकियों को मंत्रालयों और विभागों की झाकियों में सर्वश्रेष्ठ झाकी पुरस्कार
♦️ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( NDRF ) और जल शक्ति मिशन

🔵 गणतंत्र दिवस परेड 2020 में राज्यो /केंद्रशासित प्रदेशों की झाकियों में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार
♦️ असम की झाकी को

🔵 डॉक्ट्रेट ऑफ लेटर्स कलकत्ता विश्वविद्यालय
♦️ अभिजीत विनायक बनर्जी

🔵 नाइट ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स
♦️ संजना कपूर

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Important Post ❇️

⭕️ अगस्त 2020 के व्रत, पर्व और त्यौहार ⭕️

↪️ अगस्त 2020 में होने वाले व्रत, पर्व और त्यौहार का सम्पूर्ण विवरण समय सहित नीचे दिए गये हैं, जो की दिन और तारीख के हिसाब से हैं, अगस्त महीने में होने वाले सभी पर्व और त्यौहार हिन्दू पंचाग के अनुसार है।

1 अगस्त (शनिवार) – शनि प्रदोश व्रत, आखेट त्रयोदशी-उड़ीसा, मु. पर्व बकरीद, लोकमान्य तिलक पुण्य तिथि।
2 अगस्त (रविवार) – शिव पवित्रारोपण, फ्रेण्डशिप डे।
3 अगस्त (सोमवार) – श्रावण पूर्णिमा, स्नान दान व्रत पूर्णिमा, रक्षाबंधन, श्रावण सोमवार व्रत, श्रावणी उपाकर्म, हयग्रीव उत्पत्ति, ओणम-केरल, नारोली पू​र्णिमा, श्लेषा के सूर्य दिन 10:33, संस्कृत दिवस, मैथिलीशरण गुप्त जयंती, झूलन यात्रा समाप्त, अमरनाथ यात्रा।
4 अगस्त (मंगलवार) – भाद्रपद में दधि-त्याग, कजलियां मध्य प्रदेश।
5 अगस्त (बुधवार) – रतजग्गा, अशून्यशयन व्रत चं.उ. रा. 8:51, विंध्याचल भीमचण्डी देवी प्राकटयोत्सव।
6 अगस्त (गुरुवार) – कजली तीज व्रत, सतुआ तीज, तिजड़ी-सिंधी, विशालाक्ष्मी यात्रा।
7 अगस्त (शुक्रवार) – संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत, बहुला गणेश चौथ व्रत चन्द्रोदय व्रत 9:13, रविन्द्रनाथ टैगोर स्मृति दिवस।
8 अगस्त (श​निवार) – कोकिला पंचमी व्रत. भातृभगिनी पंचमी, रक्षा पंचमी उड़ीसा।
9 अगस्त (रविवार) – बलराम जयंती, हलषष्ठी ललही छठ व्रत, चन्द्र षष्ठी व्रत, माधवदेव तिथि असम, भारत छोड़ो आंदोलन दिवस, युवक दिवस।
11 अगस्त (मंगलवार) – कालाष्टमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत स्मार्त।
12 अगस्त (बुधवार) – दही हांडी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत वैष्णव, गोकुलाष्टमी।
13 अगस्त (गुरुवार) – उदया रोहिणी मत से श्रीकृष्णाष्टमी व्रत, गुग्गा नवमी।
15 अगस्त (शनिवार) – अजा एकादशी व्रत सबका, स्वतंत्रता दिवस।
16 अगस्त (रविवार) – प्रदोष व्रत, अघोर द्वादशी, पर्युषण पर्व प्रारंम्भ जैन।
17 अगस्त (सोमवार) – मासशिवरात्रि व्रत, शिव-चतुर्दशी व्रत, अघोर चतुर्दशी, कैलाश यात्रा, मघा सिंह संक्रांति दिन 9:20।
18 अगस्त (मंगलवार) – दर्श अमावस्या, श्राद्ध की अमावस्या, कुशोत्पाटिनी अमावस्या, पिठौरी अमावस्या।
19 अगस्त (बुधवार) – भाद्रपद अमावस्या, पोला, स्नान दन की अमावस्या, विश्व छायांकन दिवस, इस्लामी नया साल।
20 अगस्त (गुरुवार) – चन्द्रदर्शन, संद्धावना दिवस, विश्व मच्छर दिवस।
21 अगस्त (शुक्रवार) – हरितालिका तीज व्रत, मु. मुहर्रम हि. 1442, मु. नववर्ष शुरु, वराह जयंती।
22 अगस्त (शनिवार) – वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत, ढेला चौथ चन्द्रदर्शन निषेध (चन्द्रास्त रात 9:12), गणेशोत्सव पूजन।
23 अगस्त (रविवार) – ऋषि पचंमी व्रत, अरुन्धती सहित सप्तऋषि पूजन, संवत्सरी पर्व, नवाखाई।
24 अगस्त (सोमवार) – सूर्य षष्ठी व्रत, लोलार्क कुण्ड स्नान पर्व, भदैनी वाराणसी।
25 अगस्त (मंगलवार) – मुक्ताभरण संतान सप्तमी व्रत, अपराजिता सप्तमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ, सोरहिया मेला-16 दिन प्रारंभ।
26 अगस्त (बुधवार) – गौरी आवाहन, दुर्वाष्टमी, राधाष्टमी बुधाष्टमी, अनुराधा में ज्येष्ठा देवी आवाहन।
27 अगस्त (गुरुवार) – गौरी विसर्जन, महानन्दा नवमी, श्रीचन्द्र जयंती।
28 अगस्त (शुक्रवार) – दशावतार व्रत।
29 अगस्त (शनिवार) – परिव​र्तिनी एकादशी, पद्या-कर्मा एकादशी व्रत, वामन द्वादशी व्रत, पारण दिन 8:46 तक, मु. पर्व ताजिया, श्रीवामन प्राकटयोत्सव।
30 अगस्त (रविवार) – भारतेन्दु जयंती।
31 अगस्त (सोमवार) – अनन्त चतु​र्दशी व्रत-मध्याह्र व्यापिनी, गणपति विसर्जन, पू.फा. के सूर्य प्रात: 6:11।

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❇️👉 राजकोषीय घाटा 🔰


❇️ सरकार की कुल आय और उसके व्यय के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। राजकोषीय घाटे के माध्यम से ही यह पता चलता है कि सरकार को अपने कामकाज के लिये कितने उधार की ज़रूरत है।

❇️ कुल राजस्व की गणना करते समय ऋण को शामिल नहीं किया जाता है। राजकोषीय घाटा आमतौर पर राजस्व में कमी या पूंजीगत व्यय में अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है।

❇️ पूंजीगत व्यय का अभिप्राय कारखानों और इमारतों जैसी दीर्घकालीन संपत्तियों या लंबे समय तक उपयोग होने वाली संपत्तियों के सृजन पर होने वाले व्यय से होता है।

❇️ राजकोषीय घाटे की भरपाई आमतौर पर या तो देश के केंद्रीय बैंक (भारत की स्थिति में रिज़र्व बैंक) से उधार लेकर की जाती है या फिर इसके लिये छोटी तथा लंबी अवधि हेतु बॉन्ड जारी करके फंड जुटाया जाता है।

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Important Current Affairs 🔥

❇️ आंध्र प्रदेश की होंगी तीन राजधानी, राज्यपाल ने दी मंजूरी ❇️

राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद दोनों विधेयक अब औपचारिक रूप से कानून बन गए हैं, लेकिन तीन राजधानियों योजना को यथार्थ रूप देने से पहले सरकार को कानूनी अड़चनें दूर करनी होगी.


आंध्र प्रदेश (एपी) के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने 31 जुलाई 2020 को राज्‍य सरकार के तीन राजधानी वाले योजना को मंजूरी दे दी है. आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इस साल की शुरुआत में राज्य की तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी विधेयक को आंध्र प्रदेश विधानसभा में पेश किया था.

राज्यपाल ने 31 जुलाई 2020 को एपी विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों के समग्र विकास विधेयक 2020 और एपी राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधित) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद दोनों विधेयक अब औपचारिक रूप से कानून बन गए हैं, लेकिन तीन राजधानियों योजना को यथार्थ रूप देने से पहले सरकार को कानूनी अड़चनें दूर करनी होगी.

आंध्र प्रदेश की तीन राजधानी👇🇮🇳

इस क़ानून के तहत आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी और इसके साथ ही ऐसा करने वाला ये देश का पहला राज्य बन गया है. अब आंध्र प्रदेश कार्यपालिका यानी सरकार विशाखापत्तनम से काम करेगी और राज्य विधानसभा अमरावती में होगी और हाई कोर्ट कुर्नूल में होगा.

मुख्य बिंदु👇🇮🇳

आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए अलग-अलग राजधानी बनाना चाहते हैं. मुख्यमंत्री जगन मोहन ने इसके लिए अमरावती, विशाखापट्टनम और कुरनूल का चुनाव किया है.

प्रस्ताव के अनुसार, विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश की एग्जीक्यूटिव कैपिटल होगी. वहीं, कुरनूल को ज्यूडिशियल कैपिटल के तौर पर पहचान मिलेगी, जबकि अमरावती लेजिस्लेटिव कैपिटल होगी.

तीन राजधानियों की बात पर मुख्यमंत्री रेड्डी का कहना है, 'हमारे पास तीन अलग-अलग राजधानियां हो सकती हैं. दक्षिण अफ्रीका की तीन राजधानियां हैं. उनकी आवश्यकता है. हमें इन पर गंभीरता से सोचना चाहिए.

विधानसभा से दो बार पारित👇🇮🇳

यह विधेयक केवल विधानसभा से दो बार पारित हुआ है. पहली बार 20 जनवरी को और उसके बाद 16 जून को पारित किया गया, लेकिन विधान परिषद में यह लंबित है. परिषद के सभापति ने अपनी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विस्तृत परीक्षा के लिए दोनों विधेयकों को प्रवर समितियों के पास भेज दिया है, लेकिन समितियां गठित ही नहीं की गई हैं. सरकार ने ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 197 (1) और (2) के तहत मंजूरी के लिए विधेयकों को राज्यपाल के पास भेज दिया. उन्होंने विस्तृत कानूनी परामर्श के बाद मंजूरी दे दी है.

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