ही पहुंच गया और मैंने जोमेटो से रात के लिए खाना मंगवा लिया.
इस तरह दूसरे दिन उसके पापा को छुट्टी मिल गयी और वो दोनों घर आ गए. उसके पापा के दोनों पैरों की हड्डी टूट गयी थीं, पर इस दौरान मैं और मोना करीब आ गए थे. अब वो बेहिचक मेरे रूम में आ जाती थी और हम दोनों बातें करते रहते.
एक दिन मैं अपने रूम में था. उस दिन बारिश हो रही थी और मेरे तीनों अंडरवियर गीले थे, तो मैं बिना अंडरवियर के ढीला सा नेकर पहने हुए लेटा था.
तभी मोना मेरे रूम में आ गयी. उस वक्त वो क़यामत ढा रही थी. उसने चुस्त जींस और स्लीव लैस लोन का झीना सा टॉप पहना हुआ था, जिसमें से उसके चूचे बहुत ही ज्यादा कामुक लग रहे थे. आज उसके हाव भाव भी कुछ ज्यादा ही बदले हुए दिखाई दे रहे थे. वो बार बार अपने चुचों के खुले हिस्से को ऐसे सहला रही थी, जैसे उसे खुजली हो रही हो.
मैं उठ कर खड़ा हो गया.
वो आकर मुझसे पूछने लगी- मैं कैसी लग रही हूँ?
पहले मैं उसे एकटक देखता रहा. मेरी निगाह उसके गले और चुचियों पर से होती हुईं, उसकी जींस तक गईं और वापस आकर उसकी चुचियों के खुले हिस्से पर टिक गईं.
वाह क्या सुन्दर सीन था. उसकी दोनों चुचियों के बीच में जो दूधिया दरार बन रही थी, वो लगभग तीन इंच की थी.
मोना ने नजरों को पढ़ते हुए पूछा- क्या हुआ … कहां खो गए?
अचानक मेरे मुँह से निकल गया- तुम्हारी चुचियों में!
वो एकदम से बोली- क्या!?
वह बिल्कुल मेरे नजदीक ही खड़ी थी. मैंने कोई जवाब न देकर उसे कंधों से पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी कोई विरोध नहीं किया.
इसे उसकी सहमति मान कर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. मैं उसके होंठों को चूसने लगा. उसकी सांसें भी तेज होने लगीं और उसने अपने हाथ मेरी कमर के इर्द गिर्द लपेट लिए.
मैं कभी उसके निचले होंठ को चूसता, कभी ऊपर वाले को. हम दोनों ने एक बहुत लम्बा चुम्बन किया. इसी दौरान मेरे हाथ उसके मम्मों तक पहुंच गए और मैं उन्हें दोनों हाथों से दबाने, सहलाने लगा. हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह लिपटे हुए थे. मेरे हाथ कभी उसके नितम्बों पर होते, कभी उसकी कमर पर.
मैंने उसका टॉप ऊपर करना शुरू किया, तो उसने अपने हाथ ऊपर करके मुझे पूरा सहयोग किया और वो खुद भी मेरी सैंडो बनियान को उतारने लगी. साथ ही वो मेरे बालों से भरे सीने को चूसने और चूमने लगी.
मैंने टॉप अलग करके उसकी ब्रा को भी खोल कर उतार दिया. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था, जिसे उसने अभी तक छुआ भी नहीं था.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया, जिसे उसने हटा लिया और मुझे किस करने लगी. अब हम दोनों ऊपर से नंगे हो चुके थे. मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी चूचियों को चूसने लगा. मैं एक चूची को चूसता, तो दूसरी को दबा कर मजा लेने लगता.
उसकी सांसें तेज होने लगीं. मैं दोनों चूचियों को अच्छी तरह चूसने के बाद उन्हें मसलने लगा. वो गर्म हुई, तो मैं उसके पेट पर अपनी जीभ फेरने लगा.
मैं पेट से उसकी नाभि तक पहुंच गया. मगर मेरी जीभ के आगे का रास्ता उसकी जींस ने रोक लिया जिसे उतारना जरूरी हो गया था. मैंने उसकी जींस का हुक खोला तो उसने अपनी आंखें बंद कर लीं … और गांड उठा कर मुझे सहयोग किया.
उसकी जींस उतारते ही वो पूरी नंगी हो गयी थी. उसने जींस के अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.
मैंने एक बार नजर भर के चुत को निहारा. उसकी चुत एकदम साफ़ थी. ऐसा लग रहा था, जैसे उसने आज ही झांटों को साफ किया हो. उसकी गोरी चिकनी चुत, इतनी खूबसूरत थी मानो संगमरमर की बनी हो. मैंने अपना नेकर भी उतार दिया और पूरा नंगा हो गया. अब मैं उसके बाजू में लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
उसका हाथ मेरे लंड को टच कर रहा था, पर वो उसे पकड़ नहीं रही थी. तभी मैंने अपने हाथ से उसकी चुत को सहलाना शुरू कर दिया. उसके मुँह से आह उह की आवाज आने लगी.
जैसे ही मैंने उसकी चुत के भगनासा को छेड़ा, उसने मेरा लंड अपने हाथ में कस के पकड़ लिया. उसकी मेरे लंड पर पकड़ इतनी सख्त थी कि मेरे मुँह से भी आह निकल गयी.
अब मैंने अपना पोज बदला और मैं 69 के पोज में आ गया. मेरा मुँह उसकी चुत की तरफ था और उसका मुँह मेरे लंड की तरफ था. मैंने उसकी चुत पर एक किस किया, तो उसने अपने दोनों पैर फैला लिए, जिससे चुत पूरी खुल कर सामने आ गयी. उसकी चुत में अन्दर से लाल लाल रंग एकदम कामुकता बिखेर रहा था.
उसकी चुत एकदम गुलाब जैसी लग रही थी, जिसे मैं जीभ से सहलाने लगा.
उसने भी मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया. वो एकदम किसी तजुर्बेदार के जैसे लंड चूस कर मेरा सहयोग कर रही थी.
मुझे उसके लंड चूसने की स्टायल से समझ आ गया कि वो पहले ही चुदवा चुकी थी. जिसके बारे में उसने बाद में बताया था कि उसने अपने भाई से अपनी सील किस तरह तुड़वा ली थी. वो सेक्स कहानी मैं बाद में बताऊंगा.
वो मेरे लंड को जितना अन्दर ले सकती थी, ले रही थी. कभी बाहर निकाल कर लंड के सुपारे को चाटती, तो कभी लॉ
इस तरह दूसरे दिन उसके पापा को छुट्टी मिल गयी और वो दोनों घर आ गए. उसके पापा के दोनों पैरों की हड्डी टूट गयी थीं, पर इस दौरान मैं और मोना करीब आ गए थे. अब वो बेहिचक मेरे रूम में आ जाती थी और हम दोनों बातें करते रहते.
एक दिन मैं अपने रूम में था. उस दिन बारिश हो रही थी और मेरे तीनों अंडरवियर गीले थे, तो मैं बिना अंडरवियर के ढीला सा नेकर पहने हुए लेटा था.
तभी मोना मेरे रूम में आ गयी. उस वक्त वो क़यामत ढा रही थी. उसने चुस्त जींस और स्लीव लैस लोन का झीना सा टॉप पहना हुआ था, जिसमें से उसके चूचे बहुत ही ज्यादा कामुक लग रहे थे. आज उसके हाव भाव भी कुछ ज्यादा ही बदले हुए दिखाई दे रहे थे. वो बार बार अपने चुचों के खुले हिस्से को ऐसे सहला रही थी, जैसे उसे खुजली हो रही हो.
मैं उठ कर खड़ा हो गया.
वो आकर मुझसे पूछने लगी- मैं कैसी लग रही हूँ?
पहले मैं उसे एकटक देखता रहा. मेरी निगाह उसके गले और चुचियों पर से होती हुईं, उसकी जींस तक गईं और वापस आकर उसकी चुचियों के खुले हिस्से पर टिक गईं.
वाह क्या सुन्दर सीन था. उसकी दोनों चुचियों के बीच में जो दूधिया दरार बन रही थी, वो लगभग तीन इंच की थी.
मोना ने नजरों को पढ़ते हुए पूछा- क्या हुआ … कहां खो गए?
अचानक मेरे मुँह से निकल गया- तुम्हारी चुचियों में!
वो एकदम से बोली- क्या!?
वह बिल्कुल मेरे नजदीक ही खड़ी थी. मैंने कोई जवाब न देकर उसे कंधों से पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी कोई विरोध नहीं किया.
इसे उसकी सहमति मान कर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. मैं उसके होंठों को चूसने लगा. उसकी सांसें भी तेज होने लगीं और उसने अपने हाथ मेरी कमर के इर्द गिर्द लपेट लिए.
मैं कभी उसके निचले होंठ को चूसता, कभी ऊपर वाले को. हम दोनों ने एक बहुत लम्बा चुम्बन किया. इसी दौरान मेरे हाथ उसके मम्मों तक पहुंच गए और मैं उन्हें दोनों हाथों से दबाने, सहलाने लगा. हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह लिपटे हुए थे. मेरे हाथ कभी उसके नितम्बों पर होते, कभी उसकी कमर पर.
मैंने उसका टॉप ऊपर करना शुरू किया, तो उसने अपने हाथ ऊपर करके मुझे पूरा सहयोग किया और वो खुद भी मेरी सैंडो बनियान को उतारने लगी. साथ ही वो मेरे बालों से भरे सीने को चूसने और चूमने लगी.
मैंने टॉप अलग करके उसकी ब्रा को भी खोल कर उतार दिया. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था, जिसे उसने अभी तक छुआ भी नहीं था.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया, जिसे उसने हटा लिया और मुझे किस करने लगी. अब हम दोनों ऊपर से नंगे हो चुके थे. मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी चूचियों को चूसने लगा. मैं एक चूची को चूसता, तो दूसरी को दबा कर मजा लेने लगता.
उसकी सांसें तेज होने लगीं. मैं दोनों चूचियों को अच्छी तरह चूसने के बाद उन्हें मसलने लगा. वो गर्म हुई, तो मैं उसके पेट पर अपनी जीभ फेरने लगा.
मैं पेट से उसकी नाभि तक पहुंच गया. मगर मेरी जीभ के आगे का रास्ता उसकी जींस ने रोक लिया जिसे उतारना जरूरी हो गया था. मैंने उसकी जींस का हुक खोला तो उसने अपनी आंखें बंद कर लीं … और गांड उठा कर मुझे सहयोग किया.
उसकी जींस उतारते ही वो पूरी नंगी हो गयी थी. उसने जींस के अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.
मैंने एक बार नजर भर के चुत को निहारा. उसकी चुत एकदम साफ़ थी. ऐसा लग रहा था, जैसे उसने आज ही झांटों को साफ किया हो. उसकी गोरी चिकनी चुत, इतनी खूबसूरत थी मानो संगमरमर की बनी हो. मैंने अपना नेकर भी उतार दिया और पूरा नंगा हो गया. अब मैं उसके बाजू में लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
उसका हाथ मेरे लंड को टच कर रहा था, पर वो उसे पकड़ नहीं रही थी. तभी मैंने अपने हाथ से उसकी चुत को सहलाना शुरू कर दिया. उसके मुँह से आह उह की आवाज आने लगी.
जैसे ही मैंने उसकी चुत के भगनासा को छेड़ा, उसने मेरा लंड अपने हाथ में कस के पकड़ लिया. उसकी मेरे लंड पर पकड़ इतनी सख्त थी कि मेरे मुँह से भी आह निकल गयी.
अब मैंने अपना पोज बदला और मैं 69 के पोज में आ गया. मेरा मुँह उसकी चुत की तरफ था और उसका मुँह मेरे लंड की तरफ था. मैंने उसकी चुत पर एक किस किया, तो उसने अपने दोनों पैर फैला लिए, जिससे चुत पूरी खुल कर सामने आ गयी. उसकी चुत में अन्दर से लाल लाल रंग एकदम कामुकता बिखेर रहा था.
उसकी चुत एकदम गुलाब जैसी लग रही थी, जिसे मैं जीभ से सहलाने लगा.
उसने भी मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया. वो एकदम किसी तजुर्बेदार के जैसे लंड चूस कर मेरा सहयोग कर रही थी.
मुझे उसके लंड चूसने की स्टायल से समझ आ गया कि वो पहले ही चुदवा चुकी थी. जिसके बारे में उसने बाद में बताया था कि उसने अपने भाई से अपनी सील किस तरह तुड़वा ली थी. वो सेक्स कहानी मैं बाद में बताऊंगा.
वो मेरे लंड को जितना अन्दर ले सकती थी, ले रही थी. कभी बाहर निकाल कर लंड के सुपारे को चाटती, तो कभी लॉ