मामी की चुदाई करके प्यास बुझाई
01-08-2019 by रोहित इंदौर
मैं पढ़ाई के लिए अपने मामा के घर रहता था. एक रात मैंने चुपके से मामा मामी की चुदाई देखी. तब से मैं मामी की चुदाई के ख्वाब देखने लगा. मैंने मामी की गर्म चूत की प्यास कैसे बुझाई?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और मैं इंदौर (मध्य प्रदेश) का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 22 साल है.
मेरे मामाजी ग्वालियर में रहते हैं. उनका परिवार बहुत ही मॉडर्न है. मामा जी के घर पर मेरे नाना-नानी, मामा-मामी और उनके दो जुड़वा बच्चे हैं जो बहुत छोटे हैं.
मामी जी के बारे में बताऊं तो वह बिल्कुल गरदाई हुई मस्त जवान महिला है. उनके बूब्स मीडियम साइज के हैं. वह बहुत ही गोरी भी हैं देखने में। मतलब कि उन्हें देख कर किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो सकता है.
मामी जी से मेरी बहुत ही अच्छी दोस्ती है और मैं उनसे अपनी हर बात शेयर करता हूं लेकिन उनसे मैंने कभी भी सेक्स वगैरह के बारे में बात नहीं की थी। मैंने कभी भी मामी जी को गलत नजरों से नहीं देखा था।
अब मैं असली कहानी पर आता हूं. यह कहानी तब की है जब मैं 20 साल का था और मेरे कॉलेज का फर्स्ट ईयर था. जब मैं वहां पर पढ़ाई करने के लिए गया तो मेरा बहुत ही अच्छे तरीके से स्वागत किया गया और मेरे लिये स्पेशल खाना बनाया गया. रात का खाना खाने के बाद हम लोगों की सोने की तैयारी हो गई.
फ्लैट में दो ही कमरे थे। एक में नाना-नानी सोते हैं और एक में मामा जी, मामी जी और उनके बच्चे सोते हैं.
मैं ड्राइंग रूम में टीवी देखने लगा और वहीं सोफे पर सो गया.
कुछ समय बाद मेरी आंख खुली और मैं बाथरूम में गया तो मुझे कुछ आवाजें आईं. मैंने मामी जी के कमरे के पास जाकर देखा तो देखता ही रह गया.
मामा जी बिल्कुल नंगे लेटे हुए थे। मगर उनका लंड बहुत ही छोटा था. मामी जी कपड़े उतार रही थी. मामी जी केवल ब्रा पेंटी में थी और उनकी गोरी गोरी मांसल जांघें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपने लंड को रगड़ने लगा.
उनके कमरे में जीरो वाट का बल्ब जल रहा था जिसकी रोशनी में बहुत ही कम दिख रहा था और मैं गेट की सांस(दरार) में से यह सब देख रहा था. मामी जी लेट गई और मामा जी मिशनरी पोजिशन में आकर उन्हें चोदने लगे और 7-8 धक्कों के बाद ही मामा जी का निकल गया और वह चुपचाप लेट गए.
मामा-मामी की चुदाई देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था. मेरे अन्दर भी सेक्स जाग गया था. मेरा लंड बिल्कुल तन गया था. मैं अपने लंड को वहीं पर खड़ा होकर मसलने लगा.
मैं अभी भी वहीं पर देख रहा था और मैंने महसूस किया कि मामी जी के चेहरे पर हल्की सी मायूसी सी दिखाई दे रही थी. वो मामा जी के द्वारा किये गये सेक्स से खुश नहीं लग रही थी. मुझे भी ऐसा लग रहा था कि मामा जी का बहुत जल्दी निकल गया. इसी वजह से मामी की प्यास अधूरी रह गई होगी.
कुछ देर तक मामा जी लेटे रहे फिर उठ कर एक तरफ होकर चादर तान ली और सो गये. मगर मामी की नंगी चूत अभी भी मुझे दिखाई दे रही थी. मैं वहां से हटना नहीं चाह रहा था. मैंने पहली बार मामी की नंगी चूत को देखा था और बार-बार उसको देख कर मैं अपने लंड को मसल कर मजा लेने में लगा हुआ था.
उसके बाद मामी जी ने अपनी चूत में अपने हाथ से ही उंगली करनी शुरू कर दी. कुछ ही देर में मामी जी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
इधर मैं मामी जी की चूत को देख कर अपना लंड मसल रहा था और वहां मामी जी अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करने की कोशिश कर रही थी. वो फिर जोर जोर से उंगली करने लगी और उनके मुंह में से तेज तेज सिसकारियां निकलने लगीं.
उसके बाद मैं वहां से आ गया. मैं चुपचाप जाकर सोफे पर लेट गया. मगर लेटे हुए भी मुझे नींद नहीं आ रहा थी. उस रात को मामी के प्रति मेरा नजरिया बदल गया. मैं काफी देर तक मामी की चूत के बारे में सोच कर मुट्ठ मारता रहा. जब तक मेरे लंड से वीर्य न निकल गया मुझे शांति नहीं मिली. अपना वीर्य निकाल कर फिर मैं शांत हो गया और मुझे नींद आ गई.
अगली सुबह को जब मेरी आंख खुली तो मामी मुझे चाय के लिए जगा रही थी. मैंने आंखें मलते हुए उनको देखा तो वो चाय का कप नीचे रख रही थी. मैंने उनके चूचों को देख लिया. मुझे जब उनके चूचों की झलक मिली तो मेरे लंड में हलचल सी होने लगी. उनकी वक्षरेखा देख कर मेरा लंड एकदम से अंदर ही अंदर तनना शुरू हो गया.
मैं उनको ताड़ रहा था और मामी ने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया. मामी ने मुझसे पूछा- ऐसे क्यों देख रहा है?
मैंने शर्म के मारे नजर नीचे कर ली.
फिर मामी ने कहा- चाय पी लो, ये ठंडी हो रही है.
उस दिन मेरा मन कर रहा था कि मामी के चूचे को दबा ही दूं लेकिन अभी मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी. मामी वापस चली गई.
उसके बाद मैं कुछ दिन के लिए अपने घर पर चला गया. वहां पर जाकर भी मैं मामी के बारे में ही सोचता रहा. उनके
01-08-2019 by रोहित इंदौर
मैं पढ़ाई के लिए अपने मामा के घर रहता था. एक रात मैंने चुपके से मामा मामी की चुदाई देखी. तब से मैं मामी की चुदाई के ख्वाब देखने लगा. मैंने मामी की गर्म चूत की प्यास कैसे बुझाई?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और मैं इंदौर (मध्य प्रदेश) का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 22 साल है.
मेरे मामाजी ग्वालियर में रहते हैं. उनका परिवार बहुत ही मॉडर्न है. मामा जी के घर पर मेरे नाना-नानी, मामा-मामी और उनके दो जुड़वा बच्चे हैं जो बहुत छोटे हैं.
मामी जी के बारे में बताऊं तो वह बिल्कुल गरदाई हुई मस्त जवान महिला है. उनके बूब्स मीडियम साइज के हैं. वह बहुत ही गोरी भी हैं देखने में। मतलब कि उन्हें देख कर किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो सकता है.
मामी जी से मेरी बहुत ही अच्छी दोस्ती है और मैं उनसे अपनी हर बात शेयर करता हूं लेकिन उनसे मैंने कभी भी सेक्स वगैरह के बारे में बात नहीं की थी। मैंने कभी भी मामी जी को गलत नजरों से नहीं देखा था।
अब मैं असली कहानी पर आता हूं. यह कहानी तब की है जब मैं 20 साल का था और मेरे कॉलेज का फर्स्ट ईयर था. जब मैं वहां पर पढ़ाई करने के लिए गया तो मेरा बहुत ही अच्छे तरीके से स्वागत किया गया और मेरे लिये स्पेशल खाना बनाया गया. रात का खाना खाने के बाद हम लोगों की सोने की तैयारी हो गई.
फ्लैट में दो ही कमरे थे। एक में नाना-नानी सोते हैं और एक में मामा जी, मामी जी और उनके बच्चे सोते हैं.
मैं ड्राइंग रूम में टीवी देखने लगा और वहीं सोफे पर सो गया.
कुछ समय बाद मेरी आंख खुली और मैं बाथरूम में गया तो मुझे कुछ आवाजें आईं. मैंने मामी जी के कमरे के पास जाकर देखा तो देखता ही रह गया.
मामा जी बिल्कुल नंगे लेटे हुए थे। मगर उनका लंड बहुत ही छोटा था. मामी जी कपड़े उतार रही थी. मामी जी केवल ब्रा पेंटी में थी और उनकी गोरी गोरी मांसल जांघें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपने लंड को रगड़ने लगा.
उनके कमरे में जीरो वाट का बल्ब जल रहा था जिसकी रोशनी में बहुत ही कम दिख रहा था और मैं गेट की सांस(दरार) में से यह सब देख रहा था. मामी जी लेट गई और मामा जी मिशनरी पोजिशन में आकर उन्हें चोदने लगे और 7-8 धक्कों के बाद ही मामा जी का निकल गया और वह चुपचाप लेट गए.
मामा-मामी की चुदाई देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था. मेरे अन्दर भी सेक्स जाग गया था. मेरा लंड बिल्कुल तन गया था. मैं अपने लंड को वहीं पर खड़ा होकर मसलने लगा.
मैं अभी भी वहीं पर देख रहा था और मैंने महसूस किया कि मामी जी के चेहरे पर हल्की सी मायूसी सी दिखाई दे रही थी. वो मामा जी के द्वारा किये गये सेक्स से खुश नहीं लग रही थी. मुझे भी ऐसा लग रहा था कि मामा जी का बहुत जल्दी निकल गया. इसी वजह से मामी की प्यास अधूरी रह गई होगी.
कुछ देर तक मामा जी लेटे रहे फिर उठ कर एक तरफ होकर चादर तान ली और सो गये. मगर मामी की नंगी चूत अभी भी मुझे दिखाई दे रही थी. मैं वहां से हटना नहीं चाह रहा था. मैंने पहली बार मामी की नंगी चूत को देखा था और बार-बार उसको देख कर मैं अपने लंड को मसल कर मजा लेने में लगा हुआ था.
उसके बाद मामी जी ने अपनी चूत में अपने हाथ से ही उंगली करनी शुरू कर दी. कुछ ही देर में मामी जी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
इधर मैं मामी जी की चूत को देख कर अपना लंड मसल रहा था और वहां मामी जी अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करने की कोशिश कर रही थी. वो फिर जोर जोर से उंगली करने लगी और उनके मुंह में से तेज तेज सिसकारियां निकलने लगीं.
उसके बाद मैं वहां से आ गया. मैं चुपचाप जाकर सोफे पर लेट गया. मगर लेटे हुए भी मुझे नींद नहीं आ रहा थी. उस रात को मामी के प्रति मेरा नजरिया बदल गया. मैं काफी देर तक मामी की चूत के बारे में सोच कर मुट्ठ मारता रहा. जब तक मेरे लंड से वीर्य न निकल गया मुझे शांति नहीं मिली. अपना वीर्य निकाल कर फिर मैं शांत हो गया और मुझे नींद आ गई.
अगली सुबह को जब मेरी आंख खुली तो मामी मुझे चाय के लिए जगा रही थी. मैंने आंखें मलते हुए उनको देखा तो वो चाय का कप नीचे रख रही थी. मैंने उनके चूचों को देख लिया. मुझे जब उनके चूचों की झलक मिली तो मेरे लंड में हलचल सी होने लगी. उनकी वक्षरेखा देख कर मेरा लंड एकदम से अंदर ही अंदर तनना शुरू हो गया.
मैं उनको ताड़ रहा था और मामी ने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया. मामी ने मुझसे पूछा- ऐसे क्यों देख रहा है?
मैंने शर्म के मारे नजर नीचे कर ली.
फिर मामी ने कहा- चाय पी लो, ये ठंडी हो रही है.
उस दिन मेरा मन कर रहा था कि मामी के चूचे को दबा ही दूं लेकिन अभी मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी. मामी वापस चली गई.
उसके बाद मैं कुछ दिन के लिए अपने घर पर चला गया. वहां पर जाकर भी मैं मामी के बारे में ही सोचता रहा. उनके