Репост из: 『🖊️🖋️कलम-ए-इश्क🖋️🖊️』
•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
सुकून चाहिए तो सुनिए इनको,
हर कविता निराली है इनकी।।
थोड़ी सी अलग मगर हर बार ,
सुकून वाले लफ्ज़ से भरे हुए।।
यूं तो आसान नहीं होता ,
प्रेम के साथ विराह को लिखना।।
मगर इनकी कविताओं में ,
ये ही तो बात निराली है।।
सबको अपना मानते है ये,
एक अंजान नहीं परिवार मानते है।।
डांट लगाते है अपना समझ कर,
कभी गुस्सा हो जाते है अपना मानकर।।
समझते है हमको समझाते है,
हम सभी को हमेशा सही राह दिखाते है।।
परिवार का एक अहम हिस्सा है ये,
अपनी बातों से ये हमेशा सबको प्रभावित करते है।।
Dedicated to Abhimand ji✨
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
सुकून चाहिए तो सुनिए इनको,
हर कविता निराली है इनकी।।
थोड़ी सी अलग मगर हर बार ,
सुकून वाले लफ्ज़ से भरे हुए।।
यूं तो आसान नहीं होता ,
प्रेम के साथ विराह को लिखना।।
मगर इनकी कविताओं में ,
ये ही तो बात निराली है।।
सबको अपना मानते है ये,
एक अंजान नहीं परिवार मानते है।।
डांट लगाते है अपना समझ कर,
कभी गुस्सा हो जाते है अपना मानकर।।
समझते है हमको समझाते है,
हम सभी को हमेशा सही राह दिखाते है।।
परिवार का एक अहम हिस्सा है ये,
अपनी बातों से ये हमेशा सबको प्रभावित करते है।।
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