मैं बोला- भाभी, अगर आप साड़ी ना पहनती तो दोनों तरफ पैर करके बैठ जाती और मेरी से चिपक कर बैठती तो बड़ा मज़ा आता।
भाभी- हाँ गोद में बैठ जाऊं क्या?
और हंसने लगी।
मैं- भाभी, गोद में बैठ जाओगी तो मज़ा ही आ जायेगा।
हम बात करते हुए शहर में आ गए।
भाभी बोली- चल साथ आ जा. तेरे भी कपड़े लेने हैं।
उन्होंने मेरे और छोटू (उनका बेटा) के कपड़े लिए और फिर अपने लिए लेने लगी।
तो मैं भी उनके साथ ही था।
भाभी- 34 नंबर में दो दे दो।
दुकानदार- कलर कौन सा दूँ बहन जी?
भाभी- ब्लैक या रेड जो भी हो।
तो दुकानदार ने ब्रा और पैंटी के कई सेट निकाल दिए और भाभी ने दो ले लिए।
अब हम दुकान से बाहर आए तो मैंने भाभी को कहा- भाभी, दोनों ब्लैक ही ले लेती. मेरे भी ब्लैक कलर ही हैं।
भाभी- अच्छा, अब तेरी पसंद की ब्रा पहननी पड़ेगी मुझे?
और हंसने लगी।
मैं- नहीं भाभी, आपका रंग इतना गोरा है कि कुछ भी पहनो आप तो सुंदर ही लगो।
भाभी- और जब कुछ ना पहनी तब सुंदर ना लगती?
मैं- फिर तो मज़ा ही आ जावे।
मैंने भाभी को बेग दिए और वो बाइक पर सवार हो गई।
भाभी- शिवम्, मैं एक फोन मिला लूं, फिर चलना।
मैं रुक गया तो भाभी ने अपनी बहन से बात की।
उसने कहा कि वो शहर में ही है।
हमारा और भाभी का शहर एक ही है बस गांव दूर है।
भाभी- चल शिवम्, आज तुझे तेरी होने वाली दुल्हन से मिला ही दूँ। नहीं तो आज तू मेरे साथ ही कुछ कर देगा।
मैं- कहाँ है वो भाभी?
भाभी ने एक मॉल के बारे में बताया और हम वहाँ चले गए।
कुछ देर बाद भाभी की छोटी बहन प्रिया भी वहीं आ गई और वो अपनी बहन से बात करने लगी।
प्रिया- ऋतु, तुम तो जीजा जी के साथ आने को बोल रही थी?
भाभी- अरे, जीजा के साथ ही तो आई हूं।
प्रिया हंसने लगी- यू तो शिवम् है अब इससे दूसरी शादी कर ली के?
वो हंसने लगी।
भाभी- यू तेरा नहीं मेरा जीजा है। शादी तो तेरी होगी इसके साथ!
प्रिया शरमा गई और चुप हो गयी।
भाभी- चल शर्मावे ना ज्यादा … मैं तो तुम दोनों को मिलान के लिए लाई थी। तुम दोनों को पसंद हो तो मैं मम्मी से बोल दूंगी।
प्रिया कुछ नहीं बोली।
भाभी- चल कहीं बैठ कर बात करते हैं।
हम सब एक रेस्टोरेंट में बैठ गए।
प्रिया भाभी के कान में कुछ बोल रही थी।
मुझे कुछ अजीब सा लगा पर भाभी तो अपनी मस्त चीज़ है।
उसने प्रिया की बात का जवाब जोर से दिया जो मुझे भी सुना।
प्रिया- …
भाभी- पागल है तू? शरीफ बच्चा है मेरा! एकदम आज्ञाकारी।
प्रिया अब चुप हो गई.
तो मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी?
भाभी- कुछ नहीं … तुझे कुछ पूछना हो तो पूछ ले।
मैं- भाभी बस नू पूछ लो या शादी करना चाहती है क्या?
भाभी- अरे इससे पूछ ले। मेरी शादी तो गई। मुझे दोबारा नहीं करनी है।
अब हम दोनों भी भाभी के साथ हंसने लगे।
भाभी- चलो अभी तो 10 बजे एक फिल्म ही देख लेते हैं. थोड़ा समय और साथ में बात करने का मौका मिल जायेगा।
तो हमने 10:15 पर शुरू होने वाली एक फिल्म के टिकट ले लिए (Mumbai 125 KM)
हम अंदर गए तो अभी ज्यादा भीड़ नहीं थी।
20 – 25 लोग थे जिनमें से ज्यादा तो कपल ही थे।
फिल्म शुरू हुई.
एक गाना आया और इस गाने में काफी हॉट सीन थे।
तो हमसे अगली सीट पर बैठे कपल ने किस करना शुरू कर दिया.
हम तीनों उन्हें देखने लगे।
मैं अब उनको देखते हुआ प्रिया और भाभी को भी देख रहा था।
ज्यादा रोशनी नहीं थी तो भाभी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया.
तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर अपनी ज़िप के ऊपर रख दिया.
भाभी ने मेरे सिर को पकड़ा और कान में धीरे से बोली- शिवम्, प्रिया के सामने अच्छे से रह … वरना इसको पता चल जाएगा। और तेरी शादी में प्रॉब्लम हो सकती है।
मैं चुपचाप बैठ गया और फिल्म देखने लगा.
उस फिल्म में किस के सीन बहुत ज्यादा थे.
पर अब तो हीरो हीरोइन को गोद में बैठा कर बुरी तरह चूस रहा था और मेरा लंड खड़ा हो गया था।
भाभी ने अब प्रिया के कान में कुछ कहा.
फिर भाभी उठ गई और मेरे आगे आ गई.
वैसे तो सीट में काफी जगह थी पर वो मेरी तरफ़ पीठ करके मेरी गोद में लगभग बैठते हुए मुझसे अगली सीट पर बैठ गई।
और अब प्रिया भाभी वाली सीट पर आ गई।
मुझे समझ नहीं आया क्या खिचड़ी पकी है।
अब प्रिया ने मेरी और अपनी सीट के बीच वाले हिस्से पर हाथ रखा.
वहाँ मेरा हाथ पहले से ही था.
तो उसने अपना हाथ हटा लिया और मेरी तरफ देखने लगी।
तो मैंने अपना हाथ उठा कर अपने पैर पर रख लिया और प्रिया को बोला कि वो अब हाथ रख सकती है।
पर उसने सुना नहीं तो मैंने उसके कान के पास जाकर बोला.
तो मेरा मुंह उसके कान से टकरा गया जैसे मैंने उसे किस किया हो।
मैंने बहुत जल्दी से खुद को पीछे किया और सॉरी बोला।
तो प्रिया ने अपना हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- कोई बात नहीं. तुमने जानबूझ कर नहीं किया. मैं जानती हूं।
फिर हम दोनों के हाथ एक साथ ही रखे हुए थे।
भाभी- हाँ गोद में बैठ जाऊं क्या?
और हंसने लगी।
मैं- भाभी, गोद में बैठ जाओगी तो मज़ा ही आ जायेगा।
हम बात करते हुए शहर में आ गए।
भाभी बोली- चल साथ आ जा. तेरे भी कपड़े लेने हैं।
उन्होंने मेरे और छोटू (उनका बेटा) के कपड़े लिए और फिर अपने लिए लेने लगी।
तो मैं भी उनके साथ ही था।
भाभी- 34 नंबर में दो दे दो।
दुकानदार- कलर कौन सा दूँ बहन जी?
भाभी- ब्लैक या रेड जो भी हो।
तो दुकानदार ने ब्रा और पैंटी के कई सेट निकाल दिए और भाभी ने दो ले लिए।
अब हम दुकान से बाहर आए तो मैंने भाभी को कहा- भाभी, दोनों ब्लैक ही ले लेती. मेरे भी ब्लैक कलर ही हैं।
भाभी- अच्छा, अब तेरी पसंद की ब्रा पहननी पड़ेगी मुझे?
और हंसने लगी।
मैं- नहीं भाभी, आपका रंग इतना गोरा है कि कुछ भी पहनो आप तो सुंदर ही लगो।
भाभी- और जब कुछ ना पहनी तब सुंदर ना लगती?
मैं- फिर तो मज़ा ही आ जावे।
मैंने भाभी को बेग दिए और वो बाइक पर सवार हो गई।
भाभी- शिवम्, मैं एक फोन मिला लूं, फिर चलना।
मैं रुक गया तो भाभी ने अपनी बहन से बात की।
उसने कहा कि वो शहर में ही है।
हमारा और भाभी का शहर एक ही है बस गांव दूर है।
भाभी- चल शिवम्, आज तुझे तेरी होने वाली दुल्हन से मिला ही दूँ। नहीं तो आज तू मेरे साथ ही कुछ कर देगा।
मैं- कहाँ है वो भाभी?
भाभी ने एक मॉल के बारे में बताया और हम वहाँ चले गए।
कुछ देर बाद भाभी की छोटी बहन प्रिया भी वहीं आ गई और वो अपनी बहन से बात करने लगी।
प्रिया- ऋतु, तुम तो जीजा जी के साथ आने को बोल रही थी?
भाभी- अरे, जीजा के साथ ही तो आई हूं।
प्रिया हंसने लगी- यू तो शिवम् है अब इससे दूसरी शादी कर ली के?
वो हंसने लगी।
भाभी- यू तेरा नहीं मेरा जीजा है। शादी तो तेरी होगी इसके साथ!
प्रिया शरमा गई और चुप हो गयी।
भाभी- चल शर्मावे ना ज्यादा … मैं तो तुम दोनों को मिलान के लिए लाई थी। तुम दोनों को पसंद हो तो मैं मम्मी से बोल दूंगी।
प्रिया कुछ नहीं बोली।
भाभी- चल कहीं बैठ कर बात करते हैं।
हम सब एक रेस्टोरेंट में बैठ गए।
प्रिया भाभी के कान में कुछ बोल रही थी।
मुझे कुछ अजीब सा लगा पर भाभी तो अपनी मस्त चीज़ है।
उसने प्रिया की बात का जवाब जोर से दिया जो मुझे भी सुना।
प्रिया- …
भाभी- पागल है तू? शरीफ बच्चा है मेरा! एकदम आज्ञाकारी।
प्रिया अब चुप हो गई.
तो मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी?
भाभी- कुछ नहीं … तुझे कुछ पूछना हो तो पूछ ले।
मैं- भाभी बस नू पूछ लो या शादी करना चाहती है क्या?
भाभी- अरे इससे पूछ ले। मेरी शादी तो गई। मुझे दोबारा नहीं करनी है।
अब हम दोनों भी भाभी के साथ हंसने लगे।
भाभी- चलो अभी तो 10 बजे एक फिल्म ही देख लेते हैं. थोड़ा समय और साथ में बात करने का मौका मिल जायेगा।
तो हमने 10:15 पर शुरू होने वाली एक फिल्म के टिकट ले लिए (Mumbai 125 KM)
हम अंदर गए तो अभी ज्यादा भीड़ नहीं थी।
20 – 25 लोग थे जिनमें से ज्यादा तो कपल ही थे।
फिल्म शुरू हुई.
एक गाना आया और इस गाने में काफी हॉट सीन थे।
तो हमसे अगली सीट पर बैठे कपल ने किस करना शुरू कर दिया.
हम तीनों उन्हें देखने लगे।
मैं अब उनको देखते हुआ प्रिया और भाभी को भी देख रहा था।
ज्यादा रोशनी नहीं थी तो भाभी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया.
तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर अपनी ज़िप के ऊपर रख दिया.
भाभी ने मेरे सिर को पकड़ा और कान में धीरे से बोली- शिवम्, प्रिया के सामने अच्छे से रह … वरना इसको पता चल जाएगा। और तेरी शादी में प्रॉब्लम हो सकती है।
मैं चुपचाप बैठ गया और फिल्म देखने लगा.
उस फिल्म में किस के सीन बहुत ज्यादा थे.
पर अब तो हीरो हीरोइन को गोद में बैठा कर बुरी तरह चूस रहा था और मेरा लंड खड़ा हो गया था।
भाभी ने अब प्रिया के कान में कुछ कहा.
फिर भाभी उठ गई और मेरे आगे आ गई.
वैसे तो सीट में काफी जगह थी पर वो मेरी तरफ़ पीठ करके मेरी गोद में लगभग बैठते हुए मुझसे अगली सीट पर बैठ गई।
और अब प्रिया भाभी वाली सीट पर आ गई।
मुझे समझ नहीं आया क्या खिचड़ी पकी है।
अब प्रिया ने मेरी और अपनी सीट के बीच वाले हिस्से पर हाथ रखा.
वहाँ मेरा हाथ पहले से ही था.
तो उसने अपना हाथ हटा लिया और मेरी तरफ देखने लगी।
तो मैंने अपना हाथ उठा कर अपने पैर पर रख लिया और प्रिया को बोला कि वो अब हाथ रख सकती है।
पर उसने सुना नहीं तो मैंने उसके कान के पास जाकर बोला.
तो मेरा मुंह उसके कान से टकरा गया जैसे मैंने उसे किस किया हो।
मैंने बहुत जल्दी से खुद को पीछे किया और सॉरी बोला।
तो प्रिया ने अपना हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- कोई बात नहीं. तुमने जानबूझ कर नहीं किया. मैं जानती हूं।
फिर हम दोनों के हाथ एक साथ ही रखे हुए थे।