बेटा : पिता जी मैं जिंदगी से थक गया हूँ... जी करता है कि सब कुछ छोड़ कर सन्यास ले लूँ
पिता : मेरी राय में तो बेटा तुम्हें फातमा की फुद्दी की सख्त जरूरत है...
माँ (गुस्से में) : कैसी वाहियात बात कर रहे हैं आप...
पिता ( रजनीगंधा थूक के ) : अरे मैं तो उसे कह रहा था कि तुम्हें "आत्मा की शुद्धि"की ज़रूरत है..
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
पिता : मेरी राय में तो बेटा तुम्हें फातमा की फुद्दी की सख्त जरूरत है...
माँ (गुस्से में) : कैसी वाहियात बात कर रहे हैं आप...
पिता ( रजनीगंधा थूक के ) : अरे मैं तो उसे कह रहा था कि तुम्हें "आत्मा की शुद्धि"की ज़रूरत है..
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