कितना आसान है यूँ बिखर जाना भी
ये दिन कभी हवा,कभी आँखे,कभी आँसू,कभी मुस्कान,कभी मृत्यु हो रही है और ये मन किसी समन्दर के खारेपन में डूबा कोई शंख
जिसकी ध्वनि गूंजती है कानो में
और सुनाई पड़ते हैं तुम्हारे जाते हुए पदचाप
मैं जानता हूँ...😔
ये दिन कभी हवा,कभी आँखे,कभी आँसू,कभी मुस्कान,कभी मृत्यु हो रही है और ये मन किसी समन्दर के खारेपन में डूबा कोई शंख
जिसकी ध्वनि गूंजती है कानो में
और सुनाई पड़ते हैं तुम्हारे जाते हुए पदचाप
मैं जानता हूँ...😔