इक सांवला सा
दिन मिला आज
लगा तुम ही आ गए हो
हाथ पकड़ बैठा लिया उसे
संग, करीब
काँधे पर उसके सर रख
के देखती रही उसे
उँगलियों में उसकी
अपनी उंगली फंसा के
सूरज की किरणों के
इंद्रधनुष बनाती रही
सपने बुनती रही
फिर, वो दिन भी
ढल गया
मिल गया रात से
स्याह भरी
और रह गयी मैं
फिर उसके आने
की राह देखती
🖤
दिन मिला आज
लगा तुम ही आ गए हो
हाथ पकड़ बैठा लिया उसे
संग, करीब
काँधे पर उसके सर रख
के देखती रही उसे
उँगलियों में उसकी
अपनी उंगली फंसा के
सूरज की किरणों के
इंद्रधनुष बनाती रही
सपने बुनती रही
फिर, वो दिन भी
ढल गया
मिल गया रात से
स्याह भरी
और रह गयी मैं
फिर उसके आने
की राह देखती
🖤