GK by: Jitendra namdev sir dan repost
केंद्र सरकार ने हाल ही में विज्ञापनों के संबंध में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत प्रस्तावित दिशा-निर्देंशों का एक व्यापक मसौदा जारी किया है. इसमें आसानी से न दिखने वाले या सामान्य उपभोक्ता के लिए समझने में कठिन डिस्क्लेमर को भ्रामक करार दिया जाएगा. इन दिशा निर्देशों के उल्लंघन पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस प्राधिकरण का गठन हाल ही में किया गया है. उपभोक्ता मंत्रालय ने इस मसौदे पर आम लोगों से 18 सितंबर तक सुझाव आमंत्रित किए हैं. मसौदे में कहा गया है कि डिस्क्लेमर साफ, मोटा और पठनीय होना चाहिए. यह खंडन ऐसा हो जिसे कोई सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति एक व्यावहारिक दूरी और व्यावहारिक गति की अवस्था में पढ़ सके. इसे पैकेट पर किसी स्पष्ट रूप से दिखने वाली जगह पर ही प्रकाशित होना चाहिए.
यदि यह विज्ञापन किसी आवाज या वायस ओवर में सुनाया गया हो, तो उसके साथ लिखित पाठ भी चलाया जाए. यह उसी आकार के फांट तथा भाषा में हो, जिसमें विज्ञापन प्रकाशित किया गया हो. किसी खंडन या अस्वीकारोक्ति में विज्ञापन की किसी भ्रामक बात को शुद्ध करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.
@jitendranamdev1
इस प्राधिकरण का गठन हाल ही में किया गया है. उपभोक्ता मंत्रालय ने इस मसौदे पर आम लोगों से 18 सितंबर तक सुझाव आमंत्रित किए हैं. मसौदे में कहा गया है कि डिस्क्लेमर साफ, मोटा और पठनीय होना चाहिए. यह खंडन ऐसा हो जिसे कोई सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति एक व्यावहारिक दूरी और व्यावहारिक गति की अवस्था में पढ़ सके. इसे पैकेट पर किसी स्पष्ट रूप से दिखने वाली जगह पर ही प्रकाशित होना चाहिए.
यदि यह विज्ञापन किसी आवाज या वायस ओवर में सुनाया गया हो, तो उसके साथ लिखित पाठ भी चलाया जाए. यह उसी आकार के फांट तथा भाषा में हो, जिसमें विज्ञापन प्रकाशित किया गया हो. किसी खंडन या अस्वीकारोक्ति में विज्ञापन की किसी भ्रामक बात को शुद्ध करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.
@jitendranamdev1