मैं
लगातार उनके कान के आस पास चूम रहा था. मुझे ये सब बड़े अच्छे से पता था कि कैसे कोई लड़की या औरत को गर्म करके संतुष्ट किया जाता है. कान के पास चूमने से कोई भी लड़की या औरत तुरंत गर्म हो जाती है.
मैंने हॉट आंटी के दोनों बड़े बड़े मम्मों को दबाना शुरू किया और होंठों में लगातार किस करते हुए आंटी के मम्मों को दबाता रहा. इसके बाद धीरे धीरे मैं उनके गले को चूमते हुए मम्मों को गाउन के ऊपर से ही चूसने लगा.
अब तक आंटी इतनी अधिक गर्म हो गयी थीं कि वो भी मुझे हर तरफ चूम रही थीं.
मैंने उनका गाउन ऊपर करके पेंटी के ऊपर से चूत में हाथ लगाया, तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मेरी तो किस्मत खुल गयी थी. मैंने देर ना करते हुए उनकी पेन्टी के ऊपर से ही चुत को चाटना शुरू कर दिया. वो पूरी तरह से चुदास से भरी सिसकारियां ले रही थीं. क्योंकि पहली बार उनकी चुत में किसी ने मुँह लगाया था.
वो चूत चुसाई के पूरे मजे ले रही थीं. तभी मैंने उनकी पेन्टी निकाल फेंकी और चुत में उंगली डाल कर चुत को चाटने लगा. वो आहें भरने लगीं- आ … मममम … अच्छे से चूसो … बहुत मजा आ रहा है … आह खा जाओ पूरा … मेरी चुत को चाट लो.
आंटी मेरे सिर को पकड़ कर चुत में घुसाने लगीं.
फिर मैंने चूमते हुए उनके गाउन को निकाल फेंका औऱ दोनों मम्मों को ब्रा से आज़ाद कर दिया.
वाह क्या बूब्स थे … क्या फिगर था … इतनी उम्र में भी कसे हुए चूचे … मैं उनके आमों पर टूट पड़ा. वो मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर पकड़ कर सहलाने लगीं.
मैंने तुरंत शॉर्ट्स को निकाल फेंका और लंड उनके हाथ में दे दिया. वो लंड पकड़ कर सहलाने लगीं. फिर कहने लगीं- अब अन्दर डालो ना.
देर न करते हुए मैंने तुरंत उनके ऊपर आकर अपना लंड उनकी चुत में सैट किया और एक ही बार में अन्दर डाल दिया.
लंड घुसते ही हॉट आंटी की चीख निकल गयी- उई माँ … धीरे डालो … दर्द हो रहा है.
मैंने कुछ देर उनके निप्पलों को चाट चाट कर उन्हें गर्म किया … इससे उनका दर्द कम होने लगा. इसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के देना चालू कर दिया.
अब आंटी को मजा आने लगा था. वो अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी थीं. आंटी कह रही थीं- आह जोर से चोदो … और जोर से चोदो … मजा आ गया … उम्म्ह … अहह … हय … ओह … ऐसे ही चोदते रहो.
कुछ देर बाद उनका बदन अकड़ने लगा. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली हैं. मैंने और तेज़ धक्के देना चालू कर दिया, इससे वो झड़ गईं.
फिर मैंने उनको पीछे मुड़कर घोड़ी बनने को कहा. वो झट से घोड़ी बन गईं. मैंने अपना लंड पीछे से उनकी चुत में डाला और तेज तेज धक्के मारने लगा. मैं आंटी की चूचियां पकड़े हुए उनको दनादन चोद रहा था … आह क्या मजा आ रहा था. घोड़ी बनाकर पीछे से उनको चोदने के आनन्द को मैं शब्दों में बता नहीं सकता.
फिर आंटी को चोदते हुए मुझे लगभग 25 मिनट हो गए थे. मैंने भी तेज धक्के मार कर सारा माल उनकी चुत में डाल दिया और उनके ऊपर ही निढाल होकर लेट गया.
वो बहुत खुशी से मुझसे जोर से लिपट कर मुझे चूमने लगीं. आंटी ने बताया कि शायद आज वो पहली बार झड़ी हैं, मुझे चुदाई में इतना आनन्द कभी नहीं मिला.
मैंने कहा- अंकल तो रोज़ चोदते होंगे आपका फिगर इतना मस्त है, कितने किस्मत वाले हैं अंकल.
उन्होंने बताया कि अंकल के शरीर से जो गंध आती है, वो मुझे पसन्द नहीं है. फिर उन्होंने आज तक मेरी चुत को मुँह नहीं लगाया. हालांकि वो रोज़ मेरी चुदाई करते हैं, पर सोते वक्त सीधा गाउन उठा कर चोदने लगते हैं … लेकिन 5 मिनट में झड़ जाते हैं और मैं अधूरी रह जाती हूं. मुझे इतनी संतुष्टि आज पहली बार मिली है. मेरे अन्दर चुदाई करने का बहुत जोश है, लेकिन आज तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया.
फिर बात करते हए वो मेरे लंड सहला रही थीं, मैं उनके मम्मों से खेल रहा था.
मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. अब हॉट आंटी लंड को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगीं.
लंड चुसाने में बड़ा मजा आ रहा था. फिर मेरा लंड पूरी तरह टाइट होने के बाद आंटी मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चुत में लंड सैट करके बैठ गईं और उछल उछल कर चुदने लगीं.
पहली बार मुझे झड़ने में 20 मिनट लगते हैं, दूसरी बार के समय का कोई तय नहीं रहता है. ये चुदने वाली के जिस्म पर निर्भर होता है. कभी कभी तो घण्टे भर से भी ज्यादा समय लग जाता है.
मैं आंटी के बोबे दबा दबा के मजे ले रहा था. आंटी उछल उछल कर चुद रही थीं. वो मेरे लंड की सवारी कर रही थीं.
कुछ देर में आंटी झड़ गईं, लेकिन उन्होंने लंड पर उछलना जारी रखा. वो मुझे भी संतुष्ट करना चाहती थीं. मेरा टाइमिंग देख कर आंटी बहुत खुश थीं. आंटी थकने लगी थीं, जिस वजह से मुझे उनके झटकों में मजा नहीं आ रहा था.
फिर मैंने झट से उनको लेटा दिया और उनके ऊपर आकर फिर से चुत में लंड सैट करके जोर से धक्के देना शुरू कर दिया. मुझे आंटी को चोदने में इतना मजा आ रहा था कि बस समझो जन्नत का सुख मिल रहा था.
लगभग एक घण्टे चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया और उनके ऊपर ही गिर गया. हम
लगातार उनके कान के आस पास चूम रहा था. मुझे ये सब बड़े अच्छे से पता था कि कैसे कोई लड़की या औरत को गर्म करके संतुष्ट किया जाता है. कान के पास चूमने से कोई भी लड़की या औरत तुरंत गर्म हो जाती है.
मैंने हॉट आंटी के दोनों बड़े बड़े मम्मों को दबाना शुरू किया और होंठों में लगातार किस करते हुए आंटी के मम्मों को दबाता रहा. इसके बाद धीरे धीरे मैं उनके गले को चूमते हुए मम्मों को गाउन के ऊपर से ही चूसने लगा.
अब तक आंटी इतनी अधिक गर्म हो गयी थीं कि वो भी मुझे हर तरफ चूम रही थीं.
मैंने उनका गाउन ऊपर करके पेंटी के ऊपर से चूत में हाथ लगाया, तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मेरी तो किस्मत खुल गयी थी. मैंने देर ना करते हुए उनकी पेन्टी के ऊपर से ही चुत को चाटना शुरू कर दिया. वो पूरी तरह से चुदास से भरी सिसकारियां ले रही थीं. क्योंकि पहली बार उनकी चुत में किसी ने मुँह लगाया था.
वो चूत चुसाई के पूरे मजे ले रही थीं. तभी मैंने उनकी पेन्टी निकाल फेंकी और चुत में उंगली डाल कर चुत को चाटने लगा. वो आहें भरने लगीं- आ … मममम … अच्छे से चूसो … बहुत मजा आ रहा है … आह खा जाओ पूरा … मेरी चुत को चाट लो.
आंटी मेरे सिर को पकड़ कर चुत में घुसाने लगीं.
फिर मैंने चूमते हुए उनके गाउन को निकाल फेंका औऱ दोनों मम्मों को ब्रा से आज़ाद कर दिया.
वाह क्या बूब्स थे … क्या फिगर था … इतनी उम्र में भी कसे हुए चूचे … मैं उनके आमों पर टूट पड़ा. वो मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर पकड़ कर सहलाने लगीं.
मैंने तुरंत शॉर्ट्स को निकाल फेंका और लंड उनके हाथ में दे दिया. वो लंड पकड़ कर सहलाने लगीं. फिर कहने लगीं- अब अन्दर डालो ना.
देर न करते हुए मैंने तुरंत उनके ऊपर आकर अपना लंड उनकी चुत में सैट किया और एक ही बार में अन्दर डाल दिया.
लंड घुसते ही हॉट आंटी की चीख निकल गयी- उई माँ … धीरे डालो … दर्द हो रहा है.
मैंने कुछ देर उनके निप्पलों को चाट चाट कर उन्हें गर्म किया … इससे उनका दर्द कम होने लगा. इसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के देना चालू कर दिया.
अब आंटी को मजा आने लगा था. वो अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी थीं. आंटी कह रही थीं- आह जोर से चोदो … और जोर से चोदो … मजा आ गया … उम्म्ह … अहह … हय … ओह … ऐसे ही चोदते रहो.
कुछ देर बाद उनका बदन अकड़ने लगा. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली हैं. मैंने और तेज़ धक्के देना चालू कर दिया, इससे वो झड़ गईं.
फिर मैंने उनको पीछे मुड़कर घोड़ी बनने को कहा. वो झट से घोड़ी बन गईं. मैंने अपना लंड पीछे से उनकी चुत में डाला और तेज तेज धक्के मारने लगा. मैं आंटी की चूचियां पकड़े हुए उनको दनादन चोद रहा था … आह क्या मजा आ रहा था. घोड़ी बनाकर पीछे से उनको चोदने के आनन्द को मैं शब्दों में बता नहीं सकता.
फिर आंटी को चोदते हुए मुझे लगभग 25 मिनट हो गए थे. मैंने भी तेज धक्के मार कर सारा माल उनकी चुत में डाल दिया और उनके ऊपर ही निढाल होकर लेट गया.
वो बहुत खुशी से मुझसे जोर से लिपट कर मुझे चूमने लगीं. आंटी ने बताया कि शायद आज वो पहली बार झड़ी हैं, मुझे चुदाई में इतना आनन्द कभी नहीं मिला.
मैंने कहा- अंकल तो रोज़ चोदते होंगे आपका फिगर इतना मस्त है, कितने किस्मत वाले हैं अंकल.
उन्होंने बताया कि अंकल के शरीर से जो गंध आती है, वो मुझे पसन्द नहीं है. फिर उन्होंने आज तक मेरी चुत को मुँह नहीं लगाया. हालांकि वो रोज़ मेरी चुदाई करते हैं, पर सोते वक्त सीधा गाउन उठा कर चोदने लगते हैं … लेकिन 5 मिनट में झड़ जाते हैं और मैं अधूरी रह जाती हूं. मुझे इतनी संतुष्टि आज पहली बार मिली है. मेरे अन्दर चुदाई करने का बहुत जोश है, लेकिन आज तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया.
फिर बात करते हए वो मेरे लंड सहला रही थीं, मैं उनके मम्मों से खेल रहा था.
मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. अब हॉट आंटी लंड को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगीं.
लंड चुसाने में बड़ा मजा आ रहा था. फिर मेरा लंड पूरी तरह टाइट होने के बाद आंटी मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चुत में लंड सैट करके बैठ गईं और उछल उछल कर चुदने लगीं.
पहली बार मुझे झड़ने में 20 मिनट लगते हैं, दूसरी बार के समय का कोई तय नहीं रहता है. ये चुदने वाली के जिस्म पर निर्भर होता है. कभी कभी तो घण्टे भर से भी ज्यादा समय लग जाता है.
मैं आंटी के बोबे दबा दबा के मजे ले रहा था. आंटी उछल उछल कर चुद रही थीं. वो मेरे लंड की सवारी कर रही थीं.
कुछ देर में आंटी झड़ गईं, लेकिन उन्होंने लंड पर उछलना जारी रखा. वो मुझे भी संतुष्ट करना चाहती थीं. मेरा टाइमिंग देख कर आंटी बहुत खुश थीं. आंटी थकने लगी थीं, जिस वजह से मुझे उनके झटकों में मजा नहीं आ रहा था.
फिर मैंने झट से उनको लेटा दिया और उनके ऊपर आकर फिर से चुत में लंड सैट करके जोर से धक्के देना शुरू कर दिया. मुझे आंटी को चोदने में इतना मजा आ रहा था कि बस समझो जन्नत का सुख मिल रहा था.
लगभग एक घण्टे चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया और उनके ऊपर ही गिर गया. हम