🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂
गिर कर उठना
उठ कर गिरना,
यही क्रम है
संसार का।
कर्मयोगी को,
फर्क नही पड़ता,
क्षणिक जीत
या हार का।
"नि:स्वार्थ" "कर्म" करते रहो,
जो भी होगा, "अच्छा" ही होगा
थोड़ा "late" होगा,
पर "latest" होगा
"बुरा" करने का विचार आए तो,
"कल" पर टालो 🕊
"अच्छा"करने का विचार आए तो
"आज" ही कर डालो
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂
गिर कर उठना
उठ कर गिरना,
यही क्रम है
संसार का।
कर्मयोगी को,
फर्क नही पड़ता,
क्षणिक जीत
या हार का।
"नि:स्वार्थ" "कर्म" करते रहो,
जो भी होगा, "अच्छा" ही होगा
थोड़ा "late" होगा,
पर "latest" होगा
"बुरा" करने का विचार आए तो,
"कल" पर टालो 🕊
"अच्छा"करने का विचार आए तो
"आज" ही कर डालो
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂